जौनपुर: जिले के नोडल अधिकारी सत्येंद्र कुमार और डीएम मनीष कुमार वर्मा ने स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा के लिए शनिवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. यहां पर पीड़ितों ने एंटी रेबीज के ना होने की शिकायत उनसे की. इस पर अधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को फटकार लगाई.
पीड़ितों ने एंटी रेबीज न होने की शिकायत की
स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा के लिए नोडल अधिकारी सत्येंद्र कुमार के साथ डीएम मनीष वर्मा जिला अस्पताल पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान दूर ग्रामीण अंचल से आए हुए लोगों ने कर्मचारियों के अभद्र व्यवहार की शिकायत की. इस बात पर नोडल अधिकारी बिफर उठे. उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को इस बारे में कड़ी फटकार लगाई और कर्मचारियों को व्यवहार में सुधार लाने की चेतावनी दी. ग्रामीण क्षेत्रों से आए पीड़ितों ने एंटी रेबीज इंजेक्शन के न होने की शिकायत भी उनसे की. इस बारे में डीएम ने कहा कि जब तक आपूर्ति नहीं हो रही, तब तक स्थानीय स्तर पर एंटी रेबीज खरीद कर पीड़ितों को लगाई जाए.
ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़
इस दौरान ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़ देखकर डीएम रूक गए. पूछने पर बताया गया कि चिकित्सक ऑपरेशन थिएटर में इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे हैं. इस बारे में नोडल अधिकारी ने कहा कि चिकित्सक के कक्ष के बाहर इस बारे में सूचना अंकित की जाए.
एंबुलेंस सेवाओं की ली जानकारी
नोडल अधिकारी ने इमरजेंसी में एंबुलेंस सेवा की सुविधाओं के बारे में भी पूछा. कर्मचारी ने उन्हें जानकारी दी कि शहर में मरीजों के पास पहुंचने में एंबुलेंस को लगभग 15 मिनट का समय लगता है. इस पर नोडल अधिकारी ने कहा कि जब आधा घंटा से अधिक समय कलेक्ट्रेट से यहां आने में उन्हें लगा, तो बड़े वाहन इससे कम समय में मरीजों तक कैसे पहुंच जाते हैं.