जौनपुर: एड्स की बीमारी की जागरूकता के लिए विश्वस्तर पर एक दिसंबर का दिन काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दिन जागरूकता रैलियां निकाल कर स्वास्थ्य विभाग एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करता है. वहीं जौनपुर में यह बीमारी अब महामारी का रूप ले रही है, क्योंकि रोजगार की तलाश में लोग दूसरे शहर जाते हैं, जहां से उन्हें एड्स जैसी गंभीर बीमारियां मिलती हैं.
- जिले में पिछले 11 महीने के अंदर 500 से ज्यादा एचआईवी के मरीज मिले हैं.
- अब तक जिले में कुल मरीजों की संख्या का आंकड़ा 5000 के पार पहुंच चुका है.
- एड्स की जागरूकता के लिए विश्व स्तर पर एक दिसंबर का दिन काफी महत्वपूर्ण होता है.
- इस दिन रैलियां निकाल कर स्वास्थ्य विभाग एड्स के प्रति लोगों को जागरूक भी करता है.
- वहीं जिले में एड्स की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे सरकारी अभियान बेनतीजा साबित हो रहे हैं.
- जिले में तेजी से एचआईवी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वर्ष 2018 में 5257 मरीज मिले थे.
एड्स की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे सरकारी अभियान विफल हो रहे हैं. तेजी से एचआईवी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. 2018 में 5257 एचआईवी के मरीज मिले थे. वही 11 महीनों में यह आंकड़ा बढ़कर 5753 हो गया है. इस वर्ष 11 महीनों में एड्स के मरीजों की संख्या का आंकड़ा 500 को पार पहुंच चुका है. वहीं यह बीमारी जिले में धीरे-धीरे महामारी का रूप ले रही है.
बीमारी के फैलने के पीछे जनपद में रोजगार के अवसर कम उपलब्ध होना है. रोजगार के लिए युवक दूसरे शहरों के लिए जा रहे हैं, जहां परिवार से दूर होने की वजह से गलत संगति के चलते यह बीमारी फैल रही है, पिछले 11 महीनों में जिले में एचआईवी के नए मरीजों की संख्या 500 से ज्यादा हो चुकी है.
डॉ. शफीक खान, एआरटी प्रभारी जिला अस्पताल