जौनपुर: जनपद में बुधवार को महिला आयोग की सदस्य द्वारा जनसुनवाई का आयोजन डाक बंगले में किया गया. इस जनसुनवाई में पूरे जनपद की 50 से ज्यादा महिलाएं पहुंची थी. महिला उत्पीड़न से लेकर जमीनी विवाद की समस्याओं को लेकर महिलाएं महिला आयोग के पास पहुंची. जहां महिलाओं को खुद सम्मान हीं नहीं दिया गया और सुनवाई में आई महिलाओं को बैठने की व्यवस्था नहीं की गई. वहीं इसी दौरान मजबूर होकर महिलाओं को जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा. इससे बड़ा महिलाओं के लिए कोई अपमान नहीं हो सकता कि उनके अधिकारों के लिए बनाए गए महिला आयोग ने ही उन्हें सम्मान नहीं दिया.
जनसुनवाई में महिलाओं को नहीं थी समुचित बैठने की व्यवस्था
- जिले के डाक बंगले का मामला.
- महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए महिला आयोग की सदस्य ने जनसुनवाई की.
- जनसुनवाई में 50 से ज्यादा महिलाएं दूरदराज के इलाकों से पहुंची.
- जनसुनवाई में पहुंची महिलाओं के लिए न तो बैठने की कोई सुविधा और न ही पीने के पानी की सुविधा थी.
- वहीं महिलाएं अपनी समस्याओं की सुनवाई के लिए जमीन पर बैठ गई और अपनी बारी का इंतजार करने लगी.
- जिस आयोग का गठन महिला की समस्या को सुनने के लिए किया गया, उसी की जनसुनवाई में महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ देखने को मिला.
महिला आयोग की जनसुनवाई में पहुंची पुष्पा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि जब हमनें देखा कि यहां बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है तो हम लोग जमीन पर बैठ गए, क्योंकि हमें अपनी समस्या की सुनवाई करवानी थी.
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वहीं इस मामले में महिला आयोग की सदस्य शशि मौर्या ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि जिले के डीपीओ को फटकार लगाई गई है, आगे से ऐसा नहीं होगा और कुर्सी की व्यवस्था कराई जाएगी.