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शाबास जौनपुर पुलिस! 90 फीसदी दिव्यांग का कर दिया चालान, पीड़ित ने पुलिस पर लगाए कई संगीन आरोप

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Published : Aug 17, 2020, 11:14 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 7:56 PM IST

यूपी के जौनपुर में खुटहन पुलिस द्वारा शांति भंग में चालान करने पर 90 फीसदी दिव्यांग ने सोमवार को डीएम दिनेश कुमार सिंह और एसपी अशोक कुमार से मुलाकात कर खुटहन SHO और SI की शिकायत की. पीड़ित ने पुलिस पर अमानवीय तरीके से टॉर्चर करने, एकतरफा कार्रवाई करने, दोषियों को बचाने, द्वेषवश परिवार को प्रताड़ित करने, अपनी जाति के दबंगों के साथ मिलीभगत कर विवाद कराने और वास्तविक आरोपियों को बचाने जैसे गंभीर आरोप लगाया है.

jaunpur news
इंसाफ के लिए परेशान दिव्यांग.

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में कानूनी लड़ाई लड़ रहे लोगों के लिए न्याय दूर की कौड़ी साबित हो रहा है. योगी सरकार में जहां पुलिस के आलाधिकारी टीम को साथियों को लोगों से अच्छा व्यवहार करने की सीख दे रहे हैं, वहीं रोजाना पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आ रहा है.

इंसाफ के लिए परेशान दिव्यांग.

जौनपुर जिले के खुटहन थाना प्रभारी जगदीश कुशवाहा और हल्का SI द्वारिका नाथ यादव पर 90 फीसदी दिव्यांग अर्जुन गुप्ता ने दबंगों की शह पर पूरे परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. पीड़ित दिव्यांग ने सोमवार को डीएम और एसपी से मिलकर पुलिस टॉर्चर से बचाने की गुहार लगाई है, क्योंकि पुलिस बार-बार बेवजह परिवार के सदस्यों का चालान कर रही है और पूरे परिवार को फंसाकर बर्बाद करने की धमकी दे रही है, यहां तक पुलिस दिव्यांगों को भी नहीं छोड़ रही है. पुलिस ने 90 फीसदी दिव्यांग का भी शांति भंग में चालान कर दिया है.

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जमानत की प्रतिलिपि.

खुटहन थाना क्षेत्र के पूराडला गांव के पीड़ित अर्जुन ने बताया कि वह अपना पुराना जर्जर मकान बनवा रहे थे, जिसे पुलिस की शह पर गांव के दबंग रोकने आ गए, जबकि उनका कोई लेना देना नहीं था, क्योंकि आरोपी पीड़ित के घर से काफी दूर के हैं, 27 जुलाई को पुलिस दिव्यांग के 71 वर्षीय पिता और 50 वर्षीय भाई को थाने ले गई और 30 घंटे तक बुरी तरह टॉर्चर करने के बाद शांति भंग में एकतरफा कार्रवाई की, 28 जुलाई को जमानत होने के बाद से पीड़ित पुलिस टॉर्चर के सदमे से उबर नहीं पाए हैं, जबकि कोरोना महामारी की वजह से पीड़ितों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है, ऊपर से पुलिस दो बार पीड़ित परिवार के चार-चार सदस्यों का चालान कर चुकी, जबकि जिस मामले में पुलिस ने चालान किया है, उस मामले में 15 जुलाई को थाने में ही दोनों पक्षों ने समझौता किया था.

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एसडीएम ऑफिस से जारी समन

पीड़ित ने बताया कि दारोगा द्वारिका नाथ यादव गांव के अपनी जाति के दबंग ठाकुर प्रसाद यादव व अन्य के साथ मिलकर उनके परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं, हल्का पुलिस आरोपी के ही मकान में रहती है, जबकि एसआई आरोपियों को बचाने के चक्कर में खुद ही पक्षकार बन गए और दूसरे चालान में वास्तविक आरोपियों के बदले ऐसे लोगों का चालान कर दी, जिनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं था. एसआई ने चालान में दिखाया है कि खड़ंजे का अतिक्रमण किया गया है, जबकि राजस्व विभाग का कहना है कि अतिक्रमण या राजस्व का कोई मामला नहीं है, ये मामला पुलिस टॉर्चर का है. पीड़ित ने डीएम और एसपी सिटी से मुलाकात कर अपना दर्द बयां किया, जिसके बाद दोनों ही अधिकारियों की तरफ से इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया है. अब देखना होगा कि पीड़ित परिवार को कब तक इंसाफ मिलता है और दोषी पुलिसवालों पर क्या कार्रवाई होती है.

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में कानूनी लड़ाई लड़ रहे लोगों के लिए न्याय दूर की कौड़ी साबित हो रहा है. योगी सरकार में जहां पुलिस के आलाधिकारी टीम को साथियों को लोगों से अच्छा व्यवहार करने की सीख दे रहे हैं, वहीं रोजाना पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आ रहा है.

इंसाफ के लिए परेशान दिव्यांग.

जौनपुर जिले के खुटहन थाना प्रभारी जगदीश कुशवाहा और हल्का SI द्वारिका नाथ यादव पर 90 फीसदी दिव्यांग अर्जुन गुप्ता ने दबंगों की शह पर पूरे परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. पीड़ित दिव्यांग ने सोमवार को डीएम और एसपी से मिलकर पुलिस टॉर्चर से बचाने की गुहार लगाई है, क्योंकि पुलिस बार-बार बेवजह परिवार के सदस्यों का चालान कर रही है और पूरे परिवार को फंसाकर बर्बाद करने की धमकी दे रही है, यहां तक पुलिस दिव्यांगों को भी नहीं छोड़ रही है. पुलिस ने 90 फीसदी दिव्यांग का भी शांति भंग में चालान कर दिया है.

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जमानत की प्रतिलिपि.

खुटहन थाना क्षेत्र के पूराडला गांव के पीड़ित अर्जुन ने बताया कि वह अपना पुराना जर्जर मकान बनवा रहे थे, जिसे पुलिस की शह पर गांव के दबंग रोकने आ गए, जबकि उनका कोई लेना देना नहीं था, क्योंकि आरोपी पीड़ित के घर से काफी दूर के हैं, 27 जुलाई को पुलिस दिव्यांग के 71 वर्षीय पिता और 50 वर्षीय भाई को थाने ले गई और 30 घंटे तक बुरी तरह टॉर्चर करने के बाद शांति भंग में एकतरफा कार्रवाई की, 28 जुलाई को जमानत होने के बाद से पीड़ित पुलिस टॉर्चर के सदमे से उबर नहीं पाए हैं, जबकि कोरोना महामारी की वजह से पीड़ितों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है, ऊपर से पुलिस दो बार पीड़ित परिवार के चार-चार सदस्यों का चालान कर चुकी, जबकि जिस मामले में पुलिस ने चालान किया है, उस मामले में 15 जुलाई को थाने में ही दोनों पक्षों ने समझौता किया था.

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एसडीएम ऑफिस से जारी समन

पीड़ित ने बताया कि दारोगा द्वारिका नाथ यादव गांव के अपनी जाति के दबंग ठाकुर प्रसाद यादव व अन्य के साथ मिलकर उनके परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं, हल्का पुलिस आरोपी के ही मकान में रहती है, जबकि एसआई आरोपियों को बचाने के चक्कर में खुद ही पक्षकार बन गए और दूसरे चालान में वास्तविक आरोपियों के बदले ऐसे लोगों का चालान कर दी, जिनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं था. एसआई ने चालान में दिखाया है कि खड़ंजे का अतिक्रमण किया गया है, जबकि राजस्व विभाग का कहना है कि अतिक्रमण या राजस्व का कोई मामला नहीं है, ये मामला पुलिस टॉर्चर का है. पीड़ित ने डीएम और एसपी सिटी से मुलाकात कर अपना दर्द बयां किया, जिसके बाद दोनों ही अधिकारियों की तरफ से इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया है. अब देखना होगा कि पीड़ित परिवार को कब तक इंसाफ मिलता है और दोषी पुलिसवालों पर क्या कार्रवाई होती है.

Last Updated : Aug 18, 2020, 7:56 PM IST
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