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जौनपुर: कृषि विभाग की स्प्रिंकल योजना की जांच शुरू, घोटाले की आशंका

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में कृषि विभाग की तरफ से स्प्रिंकल योजना की शुरुआत की गई. इस योजना का उद्देश्य किसानों को कम पानी में खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन इसमें घोटाले की बात सामने आ रही है. इस मामले में कृषि विभाग ने एक जांच टीम बनाकर योजना की जांच शुरू करा दी है.

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Published : Aug 28, 2019, 7:40 AM IST

कृषि विभाग की स्प्रिंकल योजना की जांच शुरू.

जौनपुर: कम पानी में खेती करने के लिए कृषि विभाग की तरफ से स्प्रिंकल योजना शुरू की गई. इस योजना के माध्यम से जौनपुर जनपद में 289 किसानों का चयन किया गया. इसमें 1 करोड़ 10 लाख रुपये की योजना का लाभ चयनित किसानों को दिया गया. वहीं अब इस योजना में घोटाले की बात सामने आ रही है.

जौनपुर में यह योजना इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि इस योजना के कई ऐसे लाभार्थी हैं जिनका नाम इस योजना की लिस्ट में तो है लेकिन उन्हें इसके बारे में पता तक नहीं है. वहीं कई ऐसे भी लाभार्थी हैं, जिनको गांव में लोग जानते तक नहीं हैं. इस योजना को लेकर जनपद में जांच टीम बना दी गई है. 14 विकास खंडों में जांच भी शुरू हो गई है.

कृषि विभाग की स्प्रिंकल योजना की जांच शुरू.

योजना में हुआ घोटाला

  • जौनपुर के आठ विकासखंड पानी की कमी के चलते डार्क जोन में हैं.
  • ऐसे में कृषि विभाग की तरफ से जिले के 14 विकास खंडों में कम पानी में खेती के लिए स्प्रिंकल योजना चलाई गई.
  • एक करोड़ 10 लाख रुपये की इस योजना का लाभ 289 किसानों को दिया गया.
  • इस योजना के माध्यम से किसानों को कम पानी में खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन इस योजना में घोटाले की बात सामने आ रही है.
  • चयनित लाभार्थियों में कई ऐसे लाभार्थी भी हैं, जिनका नाम इस योजना की लिस्ट में है, लेकिन उन्हें इसके बारे में जानकारी तक नहीं है.
  • दो ऐसे लाभार्थी भी हैं, जिनको गांव में कोई जानता तक नहीं है.
  • ऐसे में सरकार की यह योजना फेल मानी जा रही है.
  • कृषि विभाग की तरफ से एक जांच टीम बनाकर पूरी योजना की जांच शुरू कर दी गई है.

जौनपुर: कम पानी में खेती करने के लिए कृषि विभाग की तरफ से स्प्रिंकल योजना शुरू की गई. इस योजना के माध्यम से जौनपुर जनपद में 289 किसानों का चयन किया गया. इसमें 1 करोड़ 10 लाख रुपये की योजना का लाभ चयनित किसानों को दिया गया. वहीं अब इस योजना में घोटाले की बात सामने आ रही है.

जौनपुर में यह योजना इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि इस योजना के कई ऐसे लाभार्थी हैं जिनका नाम इस योजना की लिस्ट में तो है लेकिन उन्हें इसके बारे में पता तक नहीं है. वहीं कई ऐसे भी लाभार्थी हैं, जिनको गांव में लोग जानते तक नहीं हैं. इस योजना को लेकर जनपद में जांच टीम बना दी गई है. 14 विकास खंडों में जांच भी शुरू हो गई है.

कृषि विभाग की स्प्रिंकल योजना की जांच शुरू.

योजना में हुआ घोटाला

  • जौनपुर के आठ विकासखंड पानी की कमी के चलते डार्क जोन में हैं.
  • ऐसे में कृषि विभाग की तरफ से जिले के 14 विकास खंडों में कम पानी में खेती के लिए स्प्रिंकल योजना चलाई गई.
  • एक करोड़ 10 लाख रुपये की इस योजना का लाभ 289 किसानों को दिया गया.
  • इस योजना के माध्यम से किसानों को कम पानी में खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन इस योजना में घोटाले की बात सामने आ रही है.
  • चयनित लाभार्थियों में कई ऐसे लाभार्थी भी हैं, जिनका नाम इस योजना की लिस्ट में है, लेकिन उन्हें इसके बारे में जानकारी तक नहीं है.
  • दो ऐसे लाभार्थी भी हैं, जिनको गांव में कोई जानता तक नहीं है.
  • ऐसे में सरकार की यह योजना फेल मानी जा रही है.
  • कृषि विभाग की तरफ से एक जांच टीम बनाकर पूरी योजना की जांच शुरू कर दी गई है.
Intro:जौनपुर।। कम पानी में खेती करने के लिए कृषि विभाग की तरफ से स्प्रिंकल योजना शुरू की गई । इस योजना के माध्यम से जौनपुर जनपद में 289 किसानों का चयन किया गया। एक करोड़ 10 लाख रुपए की योजना का लाभ चयनित किसानों को दिया गया। वहीं अब इस योजना में घोटाले की बात सामने आ रही है। जौनपुर में यह योजना इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि इस योजना के कई ऐसे लाभार्थी हैं जिनका नाम इस योजना की लिस्ट में है लेकिन उन्हें इस योजना के बारे में पता तक नहीं है। वहीं कई ऐसे भी लाभार्थी है जिनको गांव में लोग तक नहीं जानते हैं। इस पूरी योजना को लेकर जनपद में जांच टीम बना दी गई है। वहीं योजना को लेकर 14 विकास खंडों में जांच भी शुरू हो गई है।


Body:वीओ।। जौनपुर के आठ विकासखंड पानी की कमी के चलते डार्क जोन में है। ऐसे में कृषि विभाग की तरफ से जिले के 14 विकास खंडों में कम पानी में खेती के लिए स्प्रिंकल योजना चलाई गई । एक करोड़ 10 लाख रुपए की इस योजना का लाभ 289 किसानों को दिया गया। इस योजना के माध्यम से किसानों को कम पानी में खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना था लेकिन अब यह योजना में घोटाले की बात सामने आ रही है। चयनित लाभार्थियों में कई ऐसे लाभार्थी भी पाए गए हैं जिनका नाम इस योजना के लिस्ट में है लेकिन उन्हें इस योजना के बारे में जानकारी तक नहीं है। वही मड़ियाहूं में दो ऐसे लाभार्थी भी मिले हैं जिनको गांव में कोई जानता तक नहीं है । ऐसे में सरकार की इस योजना की सफलता संदिग्ध मानी जा रही है । वहीं अब कृषि विभाग की तरफ से एक जांच टीम बनाकर पूरी योजना की जांच शुरू करा दी गई है।


Conclusion:आराजी नेवादा की रहने वाली रीता पटेल का नाम स्प्रिंकल योजना की लिस्ट में है लेकिन उन्हें इस योजना के बारे में कोई जानकारी तक नहीं है।

बाइट-रीता देवी- लाभार्थी

मड़ियाहूं की बकिया गांव में सनी पाल नाम की व्यक्ति को इस योजना का लाभ दिया गया है लेकिन गांव की रहने वाली श्रीमती देवी बताती हैं कि इस नाम का कोई व्यक्ति उनके गांव में नहीं है।

बाइट-श्रीमती देवी-ग्रामीण

बाइट-जय प्रकाश- उप निदेशक कृषि विभाग जौनपुर

पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
9044681067

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