जौनपुर: देश में कोरोना की महामारी के चलते अब लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है, लेकिन बड़ी संख्या में काम धंधा बंद होने के चलते लोगों के सामने भरण-पोषण से लेकर कई तरह की परेशानियां भी सामने आने लगी हैं. इस समय मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान भी चल रहा है. ऐसे में ये लोग भी काम धंधा बंद होने की वजह से काफी परेशान हैं. कई परिवारों के सामने खाने-पीने की भी समस्या आ गई है.
जनपद के गजना में एक मुस्लिम दिव्यांग परिवार है, जो दूसरों से मांग कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. लॉकडाउन के चलते उन्हें पेट भरना भी मुश्किल होने लगा है. उस परिवार के लिए गांव का ही एक युवक फरिश्ता बनकर सामने आया है. उसने पूरे परिवार को गोद ले लिया और उन्हें राशन, दूध और जरूरी सामान दे रहा है. इस काम से युवक ने गांव में भाईचारे की मिसाल पेश की है.
दिव्यांग मुस्लिम परिवार को लिया गोद
मुस्लिम समुदाय का पाक महीना रमजान चल रहा है. रोजेदारों को भी लॉकडाउन के चलते कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. ऐसा ही एक जनपद के गजना चौराहे पर एक दिव्यांग मुस्लिम परिवार रहता है. इस परिवार में तीनों लोग दिव्यांग हैं. परिवार के मुखिया इम्तियाज किसी तरह मस्जिदों के बाहर भीख मांग कर गुजर-बसर कर रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते परिवार को खाने-पीने की किल्लत होने लगी. ऐसे में गांव का ही ऋषि यादव नाम का एक युवक उनके लिए फरिश्ता बनकर सामने आया. युवक ने परिवार की मदद का बीड़ा उठाया है.
फरिश्ता से कम नहीं है यह युवक
ऋषि इस मुस्लिम परिवार को राशन, दूध और जरूरी सामान पहुंचा रहे हैं. साथ ही उन्होंने परिवार को पास की दुकान से कोई भी जरूरत का सामान लेने के लिए कह रखा है. इस मुश्किल दौर में यह युवक इस परिवार के लिए फरिश्ता से कम नहीं है. ऋषि यादव का ये परोपकार पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है. उनका यह कार्य हिंदू-मुस्लिम सौहार्द की मिसाल है.