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फर्जी मैनेजर बनकर कर दी नियुक्तियां, असली शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन

यूपी के जौनपुर जिले में स्थित लक्ष्मीनारायण संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी नियुक्ति और गबन का मामला सामने आया है. यहां फर्जी मैनेजर ने अधिकारियों के साथ मिलकर 9 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कर दी. इतना ही नहीं इन शिक्षकों के नाम पर हर माह लाखों रुपये वेतन भी निर्गत किए जा रहे हैं. वहीं महाविद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों को वेतन तक नहीं मिल रहा है.

फर्जी नियुक्त शिक्षकों के नाम पर लाखों का गबन
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Published : Mar 18, 2019, 2:51 PM IST

जौनपुर : योगी सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कवायद जारी है. इसके बावजूद जिले में फर्जी नियुक्ती और वेतन गबन का मामला सामने आया है. जिले के संस्कृत विद्यालयों में खाली पड़े पदों पर हैं, जिसका फायदा अधिकारी उठा रहे हैं. जिले के ही एक संस्कृत विद्यालय में फर्जी नियुक्तियों के नाम पर हर माह लाखों रुपये गबन किए जाने की बात सामने आई है.

फर्जी नियुक्त शिक्षकों के नाम पर लाखों का गबन

जिले में मड़ियाहूं के पास मोकलपुर में 1937 में स्थापित लक्ष्मीनारायण संस्कृत महाविद्यालय है. साल 2003 में विद्यालय के मैनेजर ने 5 शिक्षकों की तैनाती की थी, लेकिन इन शिक्षकों को आज तक वेतन जारी नहीं हुआ. इस महाविद्यालय के मैनेजर त्रिभुवन तिवारी को कमेटी ने चुना है, जिसको अधिकारियों ने भी माना है. अब इस महाविद्यालय में पिछले दिनों 9 नियुक्तियां कर दी गईं. यह नियुक्तियां फर्जी मैनेजर ने जिला विद्यालय निरीक्षक से मिलकर की. वो भी तब जब राज्यपाल की तरफ से इन विद्यालयों में नियुक्ति करने पर रोक लगाई गई है.

इन 9 नियुक्तियों को विभाग की ओर से साढ़े चार लाख रुपये से ऊपर का वेतन हर माह दिया जा रहा है. जबकि यह शिक्षक न तो कभी विद्यालय में तैनात थे और न ही कभी विद्यालय आए हैं. अधिकारी से सांठगांठ करके ये शिक्षक घर बैठे वेतन उठा रहे हैं और महाविद्यालय के असली शिक्षक आज 15 सालों से बिना वेतन पढ़ाने को मजबूर हैं. अब उनके लिए अपना परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. इस प्रकरण की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से लेकर जिलाधिकारी तक की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

महाविद्यालय के शिक्षक मूलचंद मौर्य ने बताया कि उनकी नियुक्ति प्रबंधक ने 2003 में की थी. उस समय उनके साथ चार और शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन अब फर्जी तरीके से 9 नियुक्तियां कर दी गईं. इनको वेतन भी दिया जा रहा है. इसकी शिकायत हम लोगों ने हर स्तर पर कर ली, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्रा ने बताया उनके संज्ञान में लक्ष्मी नारायण संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी नियुक्ति की कोई शिकायत नहीं आई है. संस्कृत विद्यालय में कुछ नियुक्तियों के प्रयास हुए हैं, लेकिन नियुक्ति नहीं हो पाई है. न ही उनके समय पहले की हुई नियुक्तियों में वेतन जारी हुआ है.

जौनपुर : योगी सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कवायद जारी है. इसके बावजूद जिले में फर्जी नियुक्ती और वेतन गबन का मामला सामने आया है. जिले के संस्कृत विद्यालयों में खाली पड़े पदों पर हैं, जिसका फायदा अधिकारी उठा रहे हैं. जिले के ही एक संस्कृत विद्यालय में फर्जी नियुक्तियों के नाम पर हर माह लाखों रुपये गबन किए जाने की बात सामने आई है.

फर्जी नियुक्त शिक्षकों के नाम पर लाखों का गबन

जिले में मड़ियाहूं के पास मोकलपुर में 1937 में स्थापित लक्ष्मीनारायण संस्कृत महाविद्यालय है. साल 2003 में विद्यालय के मैनेजर ने 5 शिक्षकों की तैनाती की थी, लेकिन इन शिक्षकों को आज तक वेतन जारी नहीं हुआ. इस महाविद्यालय के मैनेजर त्रिभुवन तिवारी को कमेटी ने चुना है, जिसको अधिकारियों ने भी माना है. अब इस महाविद्यालय में पिछले दिनों 9 नियुक्तियां कर दी गईं. यह नियुक्तियां फर्जी मैनेजर ने जिला विद्यालय निरीक्षक से मिलकर की. वो भी तब जब राज्यपाल की तरफ से इन विद्यालयों में नियुक्ति करने पर रोक लगाई गई है.

इन 9 नियुक्तियों को विभाग की ओर से साढ़े चार लाख रुपये से ऊपर का वेतन हर माह दिया जा रहा है. जबकि यह शिक्षक न तो कभी विद्यालय में तैनात थे और न ही कभी विद्यालय आए हैं. अधिकारी से सांठगांठ करके ये शिक्षक घर बैठे वेतन उठा रहे हैं और महाविद्यालय के असली शिक्षक आज 15 सालों से बिना वेतन पढ़ाने को मजबूर हैं. अब उनके लिए अपना परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. इस प्रकरण की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से लेकर जिलाधिकारी तक की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

महाविद्यालय के शिक्षक मूलचंद मौर्य ने बताया कि उनकी नियुक्ति प्रबंधक ने 2003 में की थी. उस समय उनके साथ चार और शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन अब फर्जी तरीके से 9 नियुक्तियां कर दी गईं. इनको वेतन भी दिया जा रहा है. इसकी शिकायत हम लोगों ने हर स्तर पर कर ली, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्रा ने बताया उनके संज्ञान में लक्ष्मी नारायण संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी नियुक्ति की कोई शिकायत नहीं आई है. संस्कृत विद्यालय में कुछ नियुक्तियों के प्रयास हुए हैं, लेकिन नियुक्ति नहीं हो पाई है. न ही उनके समय पहले की हुई नियुक्तियों में वेतन जारी हुआ है.

Intro:जौनपुर।। योगी सरकार में भी भ्रष्टाचार की कवायद जारी है। जिले में संस्कृत विद्यालयों में काफी पद रिक्त पड़े हैं जिसका फायदा अधिकारी उठा रहे हैं । जिले के ही एक संस्कृत विद्यालय में फर्जी मैनेजर ने अधिकारी से सांठगांठ करके 9 नियुक्तियां कर डाली। इन नियुक्तियों के बाद तुरंत इन शिक्षकों को वेतन भी जारी कर दिया गया जबकि विद्यालय में यह शिक्षक कभी तैनात ही नहीं रहे। आज भी विद्यालय में नियुक्ति के बाद यह शिक्षक कभी पढ़ाने तक नहीं गए , घर बैठे उठा रहे हैं वेतन। वहीं अधिकारियों की मिलीभगत के चलते शिक्षा विभाग को हर माह करीब 4.5 लाख रुपए का गबन किया जा रहा है। जबकि विद्यालय की असली शिक्षक परेशान हैं उन्होंने प्रधानमंत्री से लेकर जिला अधिकारी तक शिकायत कर डाली लेकिन नहीं हुई कोई सुनवाई।


Body:वीओ- जौनपुर जिले में मड़ियाहूं के पास मोकलपुर में 1937 में स्थापित लक्ष्मीनारायण संस्कृत महाविद्यालय है। विद्यालय में मैनेजर द्वारा 5 शिक्षकों की तैनाती 2003 में की गई थी लेकिन तैनाती के बाद आज तक इन शिक्षकों को वेतन नहीं जारी हुआ। इस महाविद्यालय के मैनेजर त्रिभुवन तिवारी का चुनाव कमेटी ने किया है जिसको अधिकारियों ने भी माना है । अब इस महाविद्यालय में पिछले दिनों रातों रात 9 नियुक्तियां कर डाली गई। यह नियुक्तियां फर्जी मैनेजर ने जिला विद्यालय निरीक्षक से मिलकर कर डाली जबकि राज्यपाल की तरफ से इन विद्यालयों में नियुक्ति करने पर रोक लगाई गई है। संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी तरीके से 9 शिक्षकों की नियुक्तियां दे दी गई। इन नियुक्तियों से विभाग द्वारा साढ़े चार लाख रुपये से ऊपर का हर माह वेतन भी दिया जा रहा है। यह शिक्षक न तो कभी विद्यालय में तैनात थे और न ही आज यह कभी विद्यालय जाते हैं। अधिकारी से सांठगांठ करके ये शिक्षक घर बैठे वेतन उठा रहे हैं। जबकि महाविद्यालय के असली शिक्षक आज 15 सालों से बिना पैसे को पढ़ाने को मजबूर हैं। अब उन्हें अपना परिवार पालना भी मुश्किल हो रहा है। इस प्रकरण की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री , राज्यपाल से लेकर जिलाधिकारी तक शिक्षकों ने कर डाली लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।


Conclusion:लक्ष्मी नारायण संस्कृत महाविद्यालय शिक्षक मूलचंद मौर्य ने बताया कि उनकी नियुक्ति प्रबंधक ने 2003 में की थी ।उस समय उनके साथ चार और शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी । लेकिन अब फर्जी तरीके से 9 नियुक्तियां कर डाली गई जिनको वेतन भी दिया जा रहा है । इसकी शिकायत हम लोगों ने हर स्तर पर कर ली लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

बाइट- मूलचंद मौर्य -पीड़ित शिक्षक

जौनपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्रा ने बताया उनके समय लक्ष्मी नारायण संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी नियुक्ति की कोई शिकायत नही आई है।संस्कृत विद्यालय में कुछ नियुक्तियों के प्रयाश हुए है लेकिन नियुक्ति नही हो पाई है।न ही उनके समय पहले की हुई नियुक्तियों में वेतन जारी नही हुआ है।

बाइट- बृजेश मिश्रा-जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर

पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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