जौनपुर: देश का अन्नदाता इन दिनों परेशान है. कोरोना के चलते उसकी फसलों और सब्जियों का उचित मूल्य उसे नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण किसानों को सब्जियों की खेती में इस बार घाटा उठाना पड़ रहा है. वहीं जनपद में अब धान की रोपाई के लिए नर्सरिया पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन सूखी हुई नेहरे किसानों को परेशान कर रही हैं.
धान की रोपाई के लिए किसान नहरों के पानी पर ज्यादा आश्रित है क्योंकि यह किसान के लिए सस्ता उपाय होता है. लेकिन इस बार जनपद की कई नहरों में पानी नहीं है. वहीं किसान की धान की नर्सरिया पूरी तरह से तैयार है. पानी के अभाव में उनकी रोपाई में देरी हो रही है. जिससे किसान काफी चिंतित है. साथ ही हजारों हेक्टेयर भूमि पर मक्के की बुवाई भी होती है, लेकिन इस बार सूखे खेत बारिश के साथ नहरों में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में मक्के की बुवाई भी लेट हो रही है.
जनपद के किसानों को पहले कोरोना के चलते लॉकडाउन से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. ऐसी स्थिति में अब उन्हें धान और मक्के की फसल से ही कुछ आस है, लेकिन इस बार दोनों ही फसलें लेट हो रही है. धान की बुवाई के लिए नहरों में पानी होना किसानों के लिए बहुत ही जरूरी होता है, लेकिन इस बार शाहगंज, सिद्धिकपुर इलाके में गुजरने वाली नहरे सूखी है जो किसानों को परेशान कर रही हैं. नहरों के पानी के भरोसे ही किसान अपने सूखे खेतों में धान की रोपाई करता है क्योंकि डीजल पंपसेट और बिजली के ट्यूबेल से किसान को सिंचाई काफी महंगी पड़ती है, लेकिन इस बार नहरों में पानी नहीं आना किसान को परेशान कर रहा है.
इस बार नहरों में पानी अभी तक नहीं आया है. वहीं उनकी धान की नर्सरी पूरी तरह से तैयार है. पानी न आने से वह लोग बहुत परेशान हैं.
-विनय कुमार, किसान
हर बार नहर में पानी समय से आ जाता था, लेकिन इस बार पानी लेट हो गया है. वहीं सूखी नहरों के कारण उनकी धान की रोपाई लेट हो रही है. इसको लेकर वह लोग बहुत परेशान हैं क्योंकि नर्सरिया भी तैयार हैं .ऐसे में अगर समय से नहर में पानी नहीं आया तो इसका नुकसान उठाना उन्हें पड़ेगा.
-रमई राजभर ,किसान