जौनपुर: जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण के आरोप में जिला जेल में बंद पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गुरुवार को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. उनके ऊपर थाना लाइन बाजार में अपहरण तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज था. धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली तो उनके समर्थकों में खुशी लहर दौड़ गई.
जनपद के लाइन बाजार थाने में 10 मई के दिन नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था. अपहरण तथा हत्या की धमकी के मामले में धनंजय सिंह के साथ संतोष विक्रम सिंह को जौनपुर के एडीजे प्रथम कोर्ट से 23 जुलाई को ही जमानत मिल गई थी. इसके बाद से धनंजय सिंह का केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगा था. जमानत मिलने के बाद जगह-जगह उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और उनकी जेल से बाहर निकलने का इंतजार समर्थकों को है.
प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने आरोप लगाया था कि धनजंय सिंह ने वहां पर प्रोजेक्ट की साइट पर उनके गुर्गे को ही गिट्टी तथा बालू आपूर्ति का काम देने का दवाब डाला था. धमकी दी थी कि ऐसा न करने पर हत्या तथा अपहरण की धमकी दी थी. इस मामले में वह बीते 3 महीनों से जनपद के जिला जेल में बंद चल रहे थे. उनकी पहले जमानत जौनपुर के दीवानी कोर्ट से रद्द हो चुकी थी. जिसके बाद अब हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली है. जमानत की खबर मिलते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. वहीं अब माननीय विधानसभा के उपचुनाव में उनकी दावेदारी को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं शुरू हो गई है.