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जौनपुर: रोती दुल्हन का योगी से सवाल, कहां है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान?

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Published : Nov 21, 2019, 2:03 PM IST

दहेज लोभियों की मांग पूरी न होने पर मंगलवार को एक लड़की की डोली नहीं उठ पाई, परिवार बारात की आवभगत करने की तैयारियों में जुटा था. लेकिन उन्हें क्या पता था कि पैसों का लालची उनकी खुशियों को चकनाचूर कर देगा.

दहेज नहीं तो शादी नही.

जौनपुर: खुटहन थाना क्षेत्र के सहाब्बुदीनपुर गांव निवासी रामलोचन सिंह का सपना उस वक्त टूट गया जब वो अपनी बेटी की शादी के लिए दहेज लोभियों की मांग पूरी न सके जिसकी वजह से उसकी बेटी की शादी टूट गई.

नहीं मिला दहेज तो नहीं आई बारात.

रामलोचन सिंह ने अपनी बेटी का विवाह कुछ महीने पहले सुलतानपुर जनपद के ग्राम रानेपुर निवासी रोहित सिंह के साथ तय किया था. 15 नवंबर को तिलकोत्सव का कार्यक्रम बड़े धूम धाम से किया गया और इसके बाद 19 नवम्बर को बारात का आना तय हुआ था. पर लड़के के परिवार ने विवाह के ठीक एक दिन पहले तिलक के कार्यक्रम में दिये गये 3 लाख रुपयों को बढ़ाकर 8 लाख की और मांग करते हुए कहा कि पैसे न देने पर बारात नहीं आएगी. लड़की के परिवार वालों ने लड़के पक्ष को फोन पर बहुत समझाया मगर लड़के के परिवार पर तो मानों लालच का भूत सवार था. जिसके कारण लड़के के परिवार वालों ने रिश्ते को ही खत्म करने की बात कर डाली. तब पीड़ित पक्ष ने मजबूर होकर शादी के दिन बकाया पैसे देने की मांग को मजबूरन मान लिया.

शादी का दिन
पंडाल सजा हुआ था, हलवाई पकवान और मिठाई बना रहे थे. पिता समेत सारा परिवार बारात की आवभगत करने की तैयारियों में जुटा हुआ था. परिवार वाले बारातियों का बेसबरी से इंतजार कर रहे थे. पर धीरे- धीरे मुहूर्त का समय करीब आने लगा और बरात का कुछ पता नहीं लगा. तब लड़की के परिवार वाले लड़के के घर पहुंचे तो उनके घर पर कोई नहीं मिला और पता चला कि दहेज के बकाया 8 लाख रुपये न देने के कारण बारात नहीं आई.

कहां हैं बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे वादे
रामलोचन सिंह ने कभी सपने भी नहीं सोचा था कि उसकी बेटी के साथ ऐसा होगा. दुल्हन के हाथों की मेंहदी और उसके सारे सपने मां- बाप के सामने चूर चूर हो गए. जैसे-तैसे पीड़ित पिता ने अपने आप को संभाला और पुलिस के पास अपनी अर्जी लेकर पहुंचा. वहां से भी उसे केवल सांत्वना और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. आज दुल्हन सरकार से ये सवाल पूछ रही है कि कहां हैं वो सारे बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे वादे, जो चुनाव के दौरान कभी उनकी गलीयों में गुंजा करते थे. अंत में पीड़िता ने प्रशासन से केवल ऐस लोभियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है ताकि फिर किसी और बेटी के साथ ऐसा न हो.

एक तहरीर प्राप्त हुई है, जिसमें दहेज की रकम न देने पर बारात न लाने का मामला बताया जा रहा है. जिसका मुकदमा पंजीकृत कर जांच का आदेश दे दिया गया है जांच रिपोर्ट आने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी
अजय कुमार श्रीवास्तव, सीओ, शाहगंज

जौनपुर: खुटहन थाना क्षेत्र के सहाब्बुदीनपुर गांव निवासी रामलोचन सिंह का सपना उस वक्त टूट गया जब वो अपनी बेटी की शादी के लिए दहेज लोभियों की मांग पूरी न सके जिसकी वजह से उसकी बेटी की शादी टूट गई.

नहीं मिला दहेज तो नहीं आई बारात.

रामलोचन सिंह ने अपनी बेटी का विवाह कुछ महीने पहले सुलतानपुर जनपद के ग्राम रानेपुर निवासी रोहित सिंह के साथ तय किया था. 15 नवंबर को तिलकोत्सव का कार्यक्रम बड़े धूम धाम से किया गया और इसके बाद 19 नवम्बर को बारात का आना तय हुआ था. पर लड़के के परिवार ने विवाह के ठीक एक दिन पहले तिलक के कार्यक्रम में दिये गये 3 लाख रुपयों को बढ़ाकर 8 लाख की और मांग करते हुए कहा कि पैसे न देने पर बारात नहीं आएगी. लड़की के परिवार वालों ने लड़के पक्ष को फोन पर बहुत समझाया मगर लड़के के परिवार पर तो मानों लालच का भूत सवार था. जिसके कारण लड़के के परिवार वालों ने रिश्ते को ही खत्म करने की बात कर डाली. तब पीड़ित पक्ष ने मजबूर होकर शादी के दिन बकाया पैसे देने की मांग को मजबूरन मान लिया.

शादी का दिन
पंडाल सजा हुआ था, हलवाई पकवान और मिठाई बना रहे थे. पिता समेत सारा परिवार बारात की आवभगत करने की तैयारियों में जुटा हुआ था. परिवार वाले बारातियों का बेसबरी से इंतजार कर रहे थे. पर धीरे- धीरे मुहूर्त का समय करीब आने लगा और बरात का कुछ पता नहीं लगा. तब लड़की के परिवार वाले लड़के के घर पहुंचे तो उनके घर पर कोई नहीं मिला और पता चला कि दहेज के बकाया 8 लाख रुपये न देने के कारण बारात नहीं आई.

कहां हैं बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे वादे
रामलोचन सिंह ने कभी सपने भी नहीं सोचा था कि उसकी बेटी के साथ ऐसा होगा. दुल्हन के हाथों की मेंहदी और उसके सारे सपने मां- बाप के सामने चूर चूर हो गए. जैसे-तैसे पीड़ित पिता ने अपने आप को संभाला और पुलिस के पास अपनी अर्जी लेकर पहुंचा. वहां से भी उसे केवल सांत्वना और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. आज दुल्हन सरकार से ये सवाल पूछ रही है कि कहां हैं वो सारे बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे वादे, जो चुनाव के दौरान कभी उनकी गलीयों में गुंजा करते थे. अंत में पीड़िता ने प्रशासन से केवल ऐस लोभियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है ताकि फिर किसी और बेटी के साथ ऐसा न हो.

एक तहरीर प्राप्त हुई है, जिसमें दहेज की रकम न देने पर बारात न लाने का मामला बताया जा रहा है. जिसका मुकदमा पंजीकृत कर जांच का आदेश दे दिया गया है जांच रिपोर्ट आने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी
अजय कुमार श्रीवास्तव, सीओ, शाहगंज

Intro:जौनपुर | जिले के खुटहन थाना क्षेत्र में दहेज लोभियों के मांग पूरा न कर पाने से एक लड़की की डोली नहीं उठ पाई. बारात की आवाभगत करने के लिए मेहमान, परिवार, पट्टीदार तैयारियों में जुटे. पंडाल सजे हुए थे हलवाई सब्जी, मिठाई बना चूंके थे. लोग बाराती का इंतजार कर रहे थे पर पता चलता है की दहेज के रूप आठ लाख रुपया न देने पर बारात नहीं आई आएगी. जिससे मां- बाप के सामने चूर चूर हो गए. दुल्हन की हाथों की मेंहदी , आंखों के सपने चकनाचूर हो गए. बारात आता न देख लड़की के परिवार वाले लड़का पक्ष के घर पहुंचे तो उनके घर कोई नहीं मिला जिससे उनकी बैचनी और बढ़ गई. कन्या पक्ष पुलिस के पास पहुंची तो वहाँ भी उसे न्याय नहीं मिला, दुल्हन ने सरकार से पूछा कि कहाँ है सरकार के बेटी - बचाओ बेटी पढ़ाओ के वादें. लड़की ने कहा कि ऐसे दहेज लोभियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए.



Body:वीओ - खुटहन थाना क्षेत्र के सहाबुदीनपुर (उसरौली) गांव निवासी पिता रामलोचन सिंह ने अपनी पुत्री निधी सिंह का विवाह कुछ माह पूर्व सुलतानपुर जनपद के ग्राम रानेपुर ( कादीपुर) गांव निवासी बृजेश सिंह के पुत्र रोहित सिंह से रिश्ता तय किया था। जिसके अनुसार 19 नवम्बर को बारात आना तय हुआ. 15 नवंबर को तिलकोत्सव का कार्यक्रम बड़े धूम धाम से सम्पन्न हुआ । मगर अचानक लड़के पक्ष ने विवाह के ठीक एक दिन पहले लडकी पक्ष से आठ लाख रुपये नगद दहेज़ की मांग कर दी।लड़की पक्ष ने तीन लाख रुपये देने को तैयार हुए । लेकिन पूरा आठ लाख रुपये और न लाने पर बारात न लाने की धमकी दें डाली. लडकी के परिवार वालों ने लडके पक्ष को फोन पर ही बहुत समझाया मगर लड़के पक्ष पर तो दहेज़ का ऐसा भूत सवार था कि तिलकोत्सव होनेे बाद तय चल रहे रिश्ते को ही ख़त्म करने की बात कह दी। बारात की तैयारियों को लेकर लड़की पक्ष का लाखो रुपये तक का नुकसान हो गया मगर दूल्हा बारात लेकर नहीं आया।


पीड़ित दुल्हन बताती है कि दहेज़ ने उसके अरमानों को बर्बाद कर दिया आज मुझे और मेरे परिवार को अपमान सहना पड़ा है पूरा परिवार का रो रो कर बुरा हाल है. लड़की ने सवाल पूछा सरकार से कि कहां है सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान बेटी के पिता को थाने पर भी इंसाफ नहीं दिलाया जा रहा है. जिसके कारण मेरे घर बारात नहीं आई लड़की ने फिर कहा कि अगर दोबारा कर बरात लाते हैं तो मैं अब शादी नहीं करूंगी .ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए.

Conclusion:पड़ोसी सत्यदेव सिंह ने बताया कि 15 तारीख को तीन लाख देकर तिलक धूमधाम से किया गया. जिसके बाद 19 तारीख को बारात आना था पर दहेज के रूप में आठ लाख रुपये नगद की मांग किया गया.  परिवार वालों का कहना था कि बारात लेकर आइए उसी दिन आपको पैसा मिल जाएगा पर लड़का पक्ष की तरफ से शादी की एक दिन पहले रुपए ना देने पर बारात ना लाने की बात कही गई. तब से लड़की के पिता परेशान है और थाने के चक्कर लगा रहे हैं अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई.

शाहगंज क्षेत्राधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि खुटहन थाना क्षेत्र के एरिया में एक तहरीर प्राप्त हुआ है . जिसमें दहेज की रकम ना पूरा करने पर बारात ना लाने का मामला बताया जा रहा है. जिसका मुकदमा पंजीकृत कर जांच का आदेश दे दिया गया है जांच रिपोर्ट आने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी
 
बाईट - अजय कुमार श्रीवास्तव सीओ शाहगंज 

बाईट - सत्यदेव सिंह ( पड़ोसी)

बाईट - निधी सिंह दुल्हन 

बाईट - रीना सिंह लडकी का बड़ी बहन 


Notes - खबर रैप से भेजी गई है.

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
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