जौनपुर: जिलाधिकरी दिनेश कुमार सिंह ने विकास खण्ड सिरकोनी के हौज गांव और प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डीएम ने बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता, एडमिशन संख्या और उपस्थिति संख्या को चेक करने के बाद शिक्षकों को आवश्यक निर्देश भी दिये.
कोटेदार का लाइसेंस निरस्त
डीएम दिनेश कुमार सिंह जनपद में सरकारी कार्यों की समीक्षा एवं स्थिति जानने के लिए जफराबाद थाना स्थित हौज गांव में औचक निरीक्षण करने पहुंचे. गांव में ग्रामीणों ने बताया कि गांव में किसी को भी प्रधानमंत्री आवास और शौचालय नहीं दिया गया है. कोटेदार प्रत्येक यूनिट पर निर्धारित से कम राशन देता है और निर्धारित दर से अधिक पैसे वसूलता है. उन्होंने बताया कि गांव में मीटर लगे हैं, लेकिन खंभे नहीं हैं. सभी घरों में अभी तक कनेक्शन भी नहीं दिया गया है. जिलाधिकारी ने गांव का सर्वेक्षण कराकर प्रधानमंत्री आवास और शौचालय के लाभार्थियों की सूची बनाकर पात्रों को आवास और शौचालय दिलाने का निर्देश दिया. कोटेदार द्वारा कम राशन देने और निर्धारित दर से अधिक मूल्य वसूलने पर कोटेदार का लाइसेंस निरस्त कर कानूनी कार्यवाही के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिए हैं.
डीएम ने करवाया तीन बच्चों का एडमिशन
जिलाधिकारी द्वारा गांव में विद्युत पोल लगाने और सभी घरों में विद्युत कनेक्शन लगाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बच्चों को अपने साथ प्राथमिक विद्यालय हौज ले जाकर तीनों बच्चों का एडमिशन कराया और बच्चों से नियमित स्कूल जाने की हिदायत दी. डीएम ने बच्चों से पहाड़ा सुनवाया. कक्षा 4 और 5 के बच्चों में दो बच्चों को छोड़कर किसी बच्चों को 20 तक पहाड़ा नहीं आता था, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बच्चों के शिक्षा का स्तर को सुधारने के निर्देश प्रधानाध्यापिका रितु उपाध्याय को दिए हैं.
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप मैं रोज कहीं न कहीं निरीक्षण पर जाता हूं और लोगों की समस्याओं को सुनता हूं. हौज गांव में ग्रामीणों द्वारा कोटेदार के खिलाफ यूनिट के हिसाब से कम सामान देने और पैसा अधिक लेने की शिकायत की गई, जिस पर कोटेदार को निलंबित कर दिया गया है. स्कूल का निरीक्षण किया गया. स्कूल का शौचालय बंद था, जिसे खुलवाने का निर्देश दिया गया. कमियां को सुधारने के लिए पंचायत सचिव को निर्देशित किया गया. गांव में साफ-सफाई के कर्मचारी उपस्थित मिले. स्कूल में बच्चों के पठन-पाठन की संख्या 40 प्रतिशत मिली. गांव में बच्चे खेल रहे थे, जिनका स्कूल में एडमिशन कराया.