जौनपुर: मछलीशहर के दियावानाथ महादेव मंदिर पर सावन के तीसरे सोमवार में भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला. भक्त गंगाजल, बेलपत्र एवं पूजन सामग्री हाथ में लेकर ब्रम्ह मुहूर्त से ही पहुंचकर जलाभिषेक एवं पूजन कर रहे हैं. दियावानाथ मंदिर में शिवलिंग स्वयं-भू होने के कारण ऐतिहासिक माना जाता है.
मंदिर की स्थापना के पहले वहां एक वृक्ष था, जहां पर गांव के एक शख्स की गाय प्रतिदिन जाकर अपने दूध से शिवलिंग का अभिषेक करती थी. ग्रामीण जब इकठ्ठा हुए तो वहां पर शिवलिंग देखा और खुदाई करने लगे, लेकिन अंत तक नहीं पहुंच सके. शिवलिंग स्वयं-भू होने से मंदिर ऐतिहासिक माना जाता है और यहां दिल से मांगी गई मुराद पूरी होती है.
दियावानाथ मंदिर पर स्थित शिवलिंग स्वयं-भू हैं और एक पेड़ में मिले थे, मंदिर लगभग दो सौ वर्ष पुराना होने के कारण प्राचीन एवं ऐतिहासिक है. पूर्वजों द्वारा शिवलिंग देखने के बाद दियावानाथ महादेव मंदिर का निर्माण किया गया था.
-चन्द्रमा मिश्रा, पुजारी दियावानाथ मंदिर