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जौनपुर की गोशालाओं में मर रहे गोवंश, जंगली जानवर कर रहे हमले

शासन ने अन्ना गोवंश को संरक्षित करने के लिए भले ही पूरे इंतजाम के दावे किए हैं, लेकिन जौनपुर में आज भी गोवंश चारे-पानी और बदइंतजामी के चलते दम तोड़ रहे हैं. जंगली जानवरों के हमले भी अमूमन होते रहे हैं.

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गोशाला में भूख-प्यास से मर रहे पशु.
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Published : Jul 30, 2020, 2:56 PM IST

जौनपुर: जौनपुर में बेसहारा पशुओं के लिए बनाई गई गोशालाओं का बुरा हाल है. कोरोना संक्रमण के चलते, जहां पूरा प्रशासन इंसानों की सेहत दुरुस्त करने में लगा है, वहीं गोशालाओं में पल रहे पशुओं पर अब ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. गोशालाओं में पशुओं की संख्या तो जरूर बढ़ी, लेकिन यहां के इंतजाम नहीं बढ़ सके. जल्दबाजी में बनाई गईं इन गोशालाओं में पशुओं की सेहत और सुरक्षा से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है.

गोशाला में भूख-प्यास से मर रहे पशु.

जिले में इन दिनों 81 गोशाला संचालित हैं, इनमें कुल 6,848 गोवंश पल रहे हैं, लेकिन ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित गोशालाओं में इन पशुओं को धूप और बारिश से बचाने के लिए न तो टीनशेड लगाए गए हैं और न ही जंगली जानवरों से इनकी रक्षा करने के लिए कोई बाउंड्री बनाई गई है. इस दशा में पशु भगवान भरोसे खुले आसमान के नीचे पल रहे हैं. इनमें से कई कमजोर पशु बारिश और कीचड़ में फंस कर बेमौत मर रहे हैं.

हालांकि यहां काम करने वाले कर्मी पशुओं की दयनीय हालत देखकर तरस खाते हैं, लेकिन प्रशासन की लापहरवाही के आगे मजबूर हैं. गोशाला कर्मी रामधारी बताते हैं कि यहां पर पशु कीचड़ और जंगली जानवरों के हमले की वजह से मर रहे हैं.

जौनपुर: जौनपुर में बेसहारा पशुओं के लिए बनाई गई गोशालाओं का बुरा हाल है. कोरोना संक्रमण के चलते, जहां पूरा प्रशासन इंसानों की सेहत दुरुस्त करने में लगा है, वहीं गोशालाओं में पल रहे पशुओं पर अब ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. गोशालाओं में पशुओं की संख्या तो जरूर बढ़ी, लेकिन यहां के इंतजाम नहीं बढ़ सके. जल्दबाजी में बनाई गईं इन गोशालाओं में पशुओं की सेहत और सुरक्षा से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है.

गोशाला में भूख-प्यास से मर रहे पशु.

जिले में इन दिनों 81 गोशाला संचालित हैं, इनमें कुल 6,848 गोवंश पल रहे हैं, लेकिन ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित गोशालाओं में इन पशुओं को धूप और बारिश से बचाने के लिए न तो टीनशेड लगाए गए हैं और न ही जंगली जानवरों से इनकी रक्षा करने के लिए कोई बाउंड्री बनाई गई है. इस दशा में पशु भगवान भरोसे खुले आसमान के नीचे पल रहे हैं. इनमें से कई कमजोर पशु बारिश और कीचड़ में फंस कर बेमौत मर रहे हैं.

हालांकि यहां काम करने वाले कर्मी पशुओं की दयनीय हालत देखकर तरस खाते हैं, लेकिन प्रशासन की लापहरवाही के आगे मजबूर हैं. गोशाला कर्मी रामधारी बताते हैं कि यहां पर पशु कीचड़ और जंगली जानवरों के हमले की वजह से मर रहे हैं.

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