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जौनपुर: 'कोमा' में आयुर्वेदिक अस्पताल, 36 चिकित्सालयों में सिर्फ 8 डॉक्टर

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Published : Sep 10, 2019, 1:17 PM IST

आज पूरा विश्व योग और आयुर्वेद को खुले दिल से अपना रहा है. ऐसे में मरीज ऐलोपैथी छोड़कर आयुर्वेद पद्धति की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते जौनपुर जिले में आयुर्वेद का दम घुटता नजर आ रहा है.

डॉक्टर न होने से धूल खा रहे आयुर्वेदिक अस्पताल

जौनपुर: जिले में आयुर्वेद के 36 अस्पताल हैं और इन अस्पतालों में केवल 8 डॉक्टर ही बचे हैं. सरकार की तरफ से नए आयुर्वेदिक डॉक्टरों की कोई भर्ती नहीं की जा रही है. डाक्टरों के अभाव के चलते जिले के कई अस्पताल बंद हो चुके हैं. देश में आयुर्वेद का अगर यही हाल रहा तो आयुर्वेद केवल किताबों तक ही सीमित होकर रह जाएगा.

डॉक्टर न होने से धूल खा रहे आयुर्वेदिक अस्पताल

अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
आज मरीजों का विश्वास आयुर्वेद पद्धति की तरफ बढ़ता जा रहा है, वहीं शासन की उदासीनता का दंश झेल रहे अस्पताल अपनी पहचान खोते जा रहे हैं. जौनपुर जनपद में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत 36 अस्पताल संचालित है, लेकिन ये सभी में सिर्फ 8 डॉक्टरों के सहारे चल रहे हैं.

डॉक्टर न होने से धूल खा रहे अस्पताल
जिले के शाहगंज और मड़ियाहूं में 25 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर ना होने के चलते बंद पड़ा है. शासन की इस लापरवाही के चलते आयुर्वेदिक अस्पताल में कोई मरम्मत नहीं हो रही है, जिसके कारण अस्पताल जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं. इन अस्पतालों की हालत देखकर यहां कोई मरीज भर्ती नहीं होना चाहता है. वहीं कई अस्पतालों को तो अब दवाओं के स्टोर रूम में भी तब्दील कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें:- जौनपुर: विश्वविद्यालय के बाद प्राथमिक विद्यालय का हुआ भगवाकरण
जनपद में 36 आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित हैं, जिसमें केवल 8 डॉक्टर ही बचे हैं. शाहगंज और मड़ियाहूं का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर के अभाव के चलते बंद हो चुका है.
डॉ. कमल रंजन, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, जौनपुर

जौनपुर: जिले में आयुर्वेद के 36 अस्पताल हैं और इन अस्पतालों में केवल 8 डॉक्टर ही बचे हैं. सरकार की तरफ से नए आयुर्वेदिक डॉक्टरों की कोई भर्ती नहीं की जा रही है. डाक्टरों के अभाव के चलते जिले के कई अस्पताल बंद हो चुके हैं. देश में आयुर्वेद का अगर यही हाल रहा तो आयुर्वेद केवल किताबों तक ही सीमित होकर रह जाएगा.

डॉक्टर न होने से धूल खा रहे आयुर्वेदिक अस्पताल

अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
आज मरीजों का विश्वास आयुर्वेद पद्धति की तरफ बढ़ता जा रहा है, वहीं शासन की उदासीनता का दंश झेल रहे अस्पताल अपनी पहचान खोते जा रहे हैं. जौनपुर जनपद में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत 36 अस्पताल संचालित है, लेकिन ये सभी में सिर्फ 8 डॉक्टरों के सहारे चल रहे हैं.

डॉक्टर न होने से धूल खा रहे अस्पताल
जिले के शाहगंज और मड़ियाहूं में 25 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर ना होने के चलते बंद पड़ा है. शासन की इस लापरवाही के चलते आयुर्वेदिक अस्पताल में कोई मरम्मत नहीं हो रही है, जिसके कारण अस्पताल जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं. इन अस्पतालों की हालत देखकर यहां कोई मरीज भर्ती नहीं होना चाहता है. वहीं कई अस्पतालों को तो अब दवाओं के स्टोर रूम में भी तब्दील कर दिया गया है.

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जनपद में 36 आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित हैं, जिसमें केवल 8 डॉक्टर ही बचे हैं. शाहगंज और मड़ियाहूं का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर के अभाव के चलते बंद हो चुका है.
डॉ. कमल रंजन, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, जौनपुर

Intro:जौनपुर।। आज पूरा विश्व आयुर्वेद की पद्धति को खुले दिल से अपना रहा है। वहीं मरीजों का विश्वास भी इस पद्धति की तरफ तेजी से बढ़ा है लेकिन सरकार की उपेक्षा और उदासीनता के चलते देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति जौनपुर में आयुर्वेद दम तोड़ते हुए नजर आ रही है। जौनपुर में आयुर्वेद के 36 अस्पताल हैं वही इन अस्पतालों में आज केवल 8 डॉक्टर ही बचे हैं । सरकार की तरफ से न तो नए डॉक्टरों की भर्ती हो रही है। वहीं डाक्टरों के अभाव के चलते जौनपुर में शाहगंज और मड़ियाहूं के आयुर्वेदिक अस्पताल बंद हो चुके हैं । वही जनपद के आयुर्वेदिक अस्पताल मरम्मत के अभाव में अब जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। जौनपुर में जर्जर आयुर्वेदिक अस्पतालों की हालत देखकर तो सरकार की मंशा का पता चलता है । अगर यही हाल रहा तो आयुर्वेद की पद्धति केवल किताबों तक सीमित रह जाएगी।


Body:वीओ।। आज मरीजों का विश्वास आयुर्वेद पद्धति की तरफ बढ़ता जा रहा है। वही शासन की उदासीनता का दंश झेल रहे अस्पताल अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। जौनपुर जनपद में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत 36 अस्पताल संचालित है। वही आज इन अस्पतालों कुछ चलाने वाले डॉक्टरों की भारी कमी है । जनपद में केवल 8 आयुर्वेद के सरकारी डॉक्टर बचे हैं । जनपद के शाहगंज और मड़ियाहूं का 25 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर ना होने के चलते बंद पड़े हैं। वहीं शासन की उपेक्षा के चलते आयुर्वेदिक अस्पताल मरम्मत ना होने के कारण जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। इन अस्पतालों की हालत देखकर यहां आप कोई मरीज तक भर्ती नहीं होना चाहता है। वहीं कई अस्पतालों को तो अब दवाओं का स्टोर रूम में तब्दील कर दिया गया है।


Conclusion:जौनपुर में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी कमल रंजन ने बताया किस जनपद में 36 आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित हैं। वही जनपद में केवल 8 डॉक्टर ही बच्चे हैं। जौनपुर का शाहगंज और मड़ियाहूं का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर के अभाव के चलते बंद हो चुका है।

बाइट-डॉ कमल रंजन- जिला आयुर्वेदिक अधिकारी जौनपुर


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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