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जौनपुर: 2017 में मिला था प्रधानमंत्री आवास योजना प्रमाण पत्र, लेकिन नहीं मिला घर

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी सरकारी योजनाओं का जायजा लेने पहुंचे. इस दौरान एक लाभार्थी ने आवास देने के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. लाभार्थी का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रमाण पत्र तो 2017 में मिल गया था, लेकिन आवास नहीं मिला.

लाभार्थी को नहीं मिला आवास.
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Published : Nov 7, 2019, 7:10 PM IST

जौनपुर: जनपद के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी बुधवार को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से मिलने केराकत पहुंचे. उन्होंने केराकत में थाना नगर पंचायत और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों से मुलाकात की.

लाभार्थी को नहीं मिला आवास.

आवास के बदले मांग रहे रिश्वत
इस दौरान मंत्री प्रधानमंत्री आवास योजना की असलियत जानकर हैरान रह गए. दरअसल क्षेत्र में 2 साल पहले डूडा की तरफ से प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र तो सौंप दिया गया, लेकिन उसे आज तक आवास नहीं मिला. लाभार्थियों का आरोप है कि आवास के बदले उनसे रिश्वत मांगी जा रही थी.

इसे भी पढ़ें- लाभार्थियों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ

प्रमाण पत्र मिला, नहीं मिला आवास
लाभार्थी सुरेश ने बताया कि उसे वर्ष 2017 में ही डूडा की तरफ से आवास का प्रमाण पत्र दे दिया गया था, लेकिन उसे आज तक आवास न मिला. हाथ में आवास का प्रमाण पत्र देखकर मंत्री को भी आश्चर्य हुआ.

पैसे नहीं थे तो नहीं बना आवास
लाभार्थी ने बताया कि आवास के बदले उससे 10 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. मेरे पास पैसे नहीं थे, इसलिए आवास नहीं बन सका.

डीएम को किया निर्देशित
जौनपुर के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी ने बताया कि आवास के मामले में कुछ शिकायतें मिली है. जिसको जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है. मामले की जांच कर आवाश्यक कार्रवाई की जाएगी.

जौनपुर: जनपद के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी बुधवार को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से मिलने केराकत पहुंचे. उन्होंने केराकत में थाना नगर पंचायत और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों से मुलाकात की.

लाभार्थी को नहीं मिला आवास.

आवास के बदले मांग रहे रिश्वत
इस दौरान मंत्री प्रधानमंत्री आवास योजना की असलियत जानकर हैरान रह गए. दरअसल क्षेत्र में 2 साल पहले डूडा की तरफ से प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र तो सौंप दिया गया, लेकिन उसे आज तक आवास नहीं मिला. लाभार्थियों का आरोप है कि आवास के बदले उनसे रिश्वत मांगी जा रही थी.

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प्रमाण पत्र मिला, नहीं मिला आवास
लाभार्थी सुरेश ने बताया कि उसे वर्ष 2017 में ही डूडा की तरफ से आवास का प्रमाण पत्र दे दिया गया था, लेकिन उसे आज तक आवास न मिला. हाथ में आवास का प्रमाण पत्र देखकर मंत्री को भी आश्चर्य हुआ.

पैसे नहीं थे तो नहीं बना आवास
लाभार्थी ने बताया कि आवास के बदले उससे 10 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. मेरे पास पैसे नहीं थे, इसलिए आवास नहीं बन सका.

डीएम को किया निर्देशित
जौनपुर के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी ने बताया कि आवास के मामले में कुछ शिकायतें मिली है. जिसको जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है. मामले की जांच कर आवाश्यक कार्रवाई की जाएगी.

Intro:जौनपुर।। जनपद जनपद के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी आज सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से मिलने के लिए केराकत पहुंचे । उन्होंने केराकत में थाना नगर पंचायत और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों से मुलाकात की केराकत में नगरी क्षेत्र में बने प्रधानमंत्री आवास का हाल जानने पहुंचे। मंत्री के सामने सरकारी योजनाओं की असलियत खुलकर सामने आई। प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी के हाथ में 2 साल पहले डूडा की तरफ से आवास का प्रमाण पत्र तो सौंप दिया गया लेकिन उसके सर पर 2 सालों में आवास तक नहीं मिल सका। क्योंकि लाभार्थी में सत्यापन करने पहुंचे डूडा के कर्मियों को रिश्वत नहीं दी। इस पर मंत्री जी भड़क उठे और उन्होंने जिलाधिकारी को लाभार्थी को आवास की किस्त दिलाने को कहा।


Body:वीओ।। जौनपुर जनपद के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी आज जनपद के दौरे पर हैं । उन्होंने केराकत क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का जमीनी स्तर पर हाल जाना। इस दौरान अधिकारियों की लापरवाही और लाभार्थियों तक योजनाओं का सही तरीके से ना पहुंचना। प्रभारी मंत्री को आज प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों का सच भी सामने देखने को मिला नगरी सीमा में बन रहे प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को जहां सरकार ढाई लाख रुपए दे रही है। वही इतनी बड़ी राशि में उसे लगभग चौथाई हिस्सा अधिकारियों को रिश्वत के रूप में भेंट भी चलानी पड़ती है। मंत्री के सामने ही सुरेश नाम के लाभार्थी मिला जिसे डूडा की तरफ से आवास का प्रमाण पत्र 2017 में ही दे दिया गया लेकिन उसका आवास आज तक नहीं बन सका है । हाथ में आवास का प्रमाण पत्र देखकर मंत्री को भी आश्चर्य हुआ। वही लाभार्थी ने मंत्री से शिकायत की उससे भी ₹10000 की मांग की गई थी। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे देने को इसलिए उसका आवास नहीं बन सका।


Conclusion:प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी सुरेश ने बताया कि उसे आवास का प्रमाण पत्र डूडा की तरफ से 2017 में ही दिया गया लेकिन आज तक उसका आवास नहीं बना । वहीं उससे आवास के लिए ₹10000 की रिश्वत मांगी गई थी। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे इसलिए उसे आवास की किस्त नहीं दी गई।

बाइट- सुरेश - लाभार्थी प्रधानमंत्री आवास

जौनपुर के प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी ने बताया कि आवास के मामले में कुछ शिकायतें मिली है जिसको जिला अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

बाइट-उपेंद्र तिवारी- प्रभारी मंत्री

पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
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