जौनपुर: एनआरसी और सीएए को लेकर पूरे देश में सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा हुआ है. वहीं बीजेपी के मछली शहर सांसद बीपी सरोज ने एनआरसी के मुद्दे पर जनता को जागरूक करने की बात तो कही, लेकिन जब एनआरसी क्या है पूछा गया तो वह खुद अटकने लगे. उन्होंने एनआरसी को ऐसे लोगों से जोड़ दिया जो 1950 और 55 में देश में आए हैं और उनको नागरिकता नहीं मिली है. जबकि एनआरसी में हर एक शरणार्थी भारत का नागरिक होने के योग्य है.
भाजपा सीएए और एनआरसी पर कर रही जागरूक
एनआरसी और सीएए को लेकर जहां विपक्षी दल भाजपा को घेरने में जुटे हैं. वहीं पूरे देश में सड़क पर हंगामा सा मचा हुआ है. इस हंगामे को खत्म करने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने लोगों को एनआरसी और सीएए के बारे में जागरूक करने का काम किया है. वहीं सांसद और विधायक भी लोगों के बीच में फैले मतभेद दूर कर रहे हैं.
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भाजपा सांसद एनआरसी के बारे में दे पाए आधी-अधूरी जानकारी
मछली शहर से बीजेपी सांसद बीपी सरोज से जब एनआरसी और सीएए को लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह विपक्ष की साजिश है, जिसके तहत लोगों को भड़काया जा रहा है. हम लोग अब जनता को जागरूक करने का काम करेंगे, लेकिन जब बीजेपी सांसद से एनआरसी के बारे में पूछा तो वह खुद आधी अधूरी जानकारी ही दे पाए. जबकि नागरिक संशोधन विधेयक को पारित करवाने में उन्होंने खुद मतदान तक किया है. वहीं एनआरसी को उन्होंने बताया कि 1950 और 55 में जो लोग आए हैं, जिनको नागरिकता नहीं मिली है उनके लिए यह कानून है. जबकि यह बात सही नहीं है बल्कि एनआरसी में ऐसे लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है , जिनके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले से यहां रह रहे थे.
जब बीजेपी सांसद को ही एनआरसी और सीएए के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, तो आम जनता को वह कैसे समझाएंगे और कैसे मतभेद दूर करेंगे. वहीं संसद में इस कानून के बारे में लंबी-चौड़ी बहस हुई थी और इन सांसदों ने ही पास करवाने में अपनी पार्टी का पूरा साथ दिया था.