जौनपुर: बसपा सरकार में दलितों और गरीबों को मकान उपलब्ध कराने के लिए 2 जून 2008 को मान्यवर श्री कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना की शुरुआत की गई थी. वहीं 2012 में जब बसपा सरकार बदली तो अधूरे पड़े इन आवासों का निर्माण रोक दिया गया. जौनपुर के मड़ियाहूं में हजारों की संख्या में बन रहे कांशीराम आवास आज खंडहर में तब्दील हो गए हैं. इन आवासों का निर्माण आवास विकास परिषद कर रही थी, लेकिन सरकार बदलते ही बजट की दिक्कत के कारण इन आवासों का निर्माण बन्द कर दिया गया.
प्रदेश में चल रही हर सरकारों की कुछ योजनाओं से पहचान बनती है. बसपा सरकार में संचालित हो रही कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के माध्यम से लाखों की संख्या में पूरे प्रदेश में दलितों और गरीबों को आवास उपलब्ध कराया गया. इसी कड़ी में जौनपुर के मड़ियाहूं के कादीपुर में हजारों की संख्या में कांशीराम योजना का निर्माण शुरू कर दिया गया. इन आवासों का निर्माण आवास विकास की तरफ से किया जा रहा था, 2012 में बसपा की सरकार बदलते ही इन आवासों का निर्माण कार्य रोक दिया गया.
इसे भी पढ़ें- श्रीराम के पूर्वज महाराजा रघु से डरकर कुबेर ने इस कुंड में फेंका था सोना...
करीब 8 सालों से अधूरे पड़े ये आवास अब खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. इन आवासों में लगे लोहे की चौखट और खिड़कियां चोरी हो चुकी हैं. वहीं आसपास के ग्रामीण अब इन आवासों को शौचालय के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर इन आवासों का निर्माण किया जाता तो निश्चित रूप से हजारों परिवारों को सर ढकने के लिए छत मिल जाती.
ग्रामीण रामाधार बताते हैं कि मायावती के शासन काल में कांशीराम आवास योजना को यहां पर शुरू किया गया था, लेकिन सरकार बदली तो निर्माण कार्य को रोक दिया गया. अब सरकार के करोड़ों रुपए इन आवासों में बर्बाद हो रहे हैं. गांव के ही धीरज बताते हैं कि इन आवासों को अगर पूरा किया जाता तो निश्चित रूप से लोगों को आवास मिलता. वहीं जौनपुर के अपर जिलाधिकारी आरपी मिश्र ने बताया कि कांशीराम आवासों की रिपोर्ट भेजी गई है और 3 महीने के भीतर इन आवासों को पूरा कराने के लिए आवास विकास को कहा गया है.