जौनपुर: गुजरात के वड़ोदरा से 1257 प्रवासी मजदूरों को लेकर शुक्रवार को विशेष ट्रेन जौनपुर पहुंची. ट्रेनों से उतरते ही यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई. वहीं इस दौरान कुछ यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए.
यात्रियों ने ईटीवी भारत को बताया कि वह लॉकडाउन के दौरान गुजरात में बुरी तरह फंसे हुए थे. यहां तक कि उनके साथ बाहरी होने का भेदभाव भी किया जा रहा था. खाना पीना भी मुश्किल से मिल पा रहा था. ऐसे में जब सरकार ने ट्रेन से लोगों को अपने घरों को भेजने का फैसला किया तो उन्हें खुशी मिली, लेकिन ऐसे संकट के समय में उनसे टिकट का पैसा लिया गया.
पिछले दिनों बयान आया था कि अब यात्रियों से पैसा नहीं लिया जाएगा. टिकट के पैसे को केंद्र और राज्य सरकारें वहन करेंगी. फिर भी यात्रियों से निर्धारित टिकट मूल्य से अधिक वसूला गया. जिन यात्रियों के पास टिकट के पूरे पैसे नहीं थे, उन्हें स्टेशन से ही बाहर कर दिया जाता, क्योंकि ऐसे व्यक्तियों के लिए ट्रेन में कोई सीट नहीं थी.
यहां तक कि गर्मी से परेशान यात्री पानी के लिए भी परेशान दिखाई दिए. 17 घंटे के सफर में यात्रियों को केवल वड़ोदरा स्टेशन पर ही खाना मिला था, जबकि बीच में उन्हें कहीं खाना नहीं मिला. ऐसे में भूख-प्यास से बच्चे और बुजुर्गों को काफी परेशानी भी हुई.
वड़ोदरा से स्पेशल ट्रेन के माध्यम से जौनपुर पहुंचे यात्री रवि वर्मा ने बताया कि उन्होंने ट्रेन में यात्रा करने से पहले टिकट के पैसे चुकाए हैं. वह भी निर्धारित दर से ज्यादा. वहीं जिन यात्रियों के पास पैसे नहीं थे, उन्हें बाहर कर दिया जा रहा था. उनकी कोई भी सुनवाई नहीं थी.
ट्रेन से जौनपुर पहुंचीं महिला यात्री शर्मिला ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वह बहुत परेशान थीं. उनके पास ट्रेन में सवार होने से पहले पैसे भी नहीं थे. उन्होंने दूसरों से मदद लेकर ट्रेन में यात्रा की है, जिनके पास पैसे नहीं थे, उन्हें ट्रेन में बैठने तक नहीं दिया गया.
गुजरात से 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन पहुंची जौनपुर, यात्रियों से वसूला गया किराया
जौनपुर रेलवे स्टेशन पर मुख्य टिकट परीक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि स्पेशल ट्रेन में टिकट नहीं चेक किया जा रहा है, क्योंकि सभी यात्रियों के पास टिकट है. हम केवल ट्रेन में यात्रियों को उतारने का काम कर रहे हैं कि कोई छूट न जाय.