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जालौन: मजदूरों की समस्याओं को लेकर उठाई आवाज

यूपी के जालौन में बुंदेलखंड अधिकार मंच के बैनर तले मजदूरों ने अपनी समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद की. मजदूरों का कहना है कि मनरेगा में समय से भुगतान न होने कारण आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. साथ ही 1500 से अधिक मजदूरों के मांग पत्र को सूची बनाकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया.

अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते मजदूर
अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते मजदूर
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Published : Jul 14, 2020, 7:57 PM IST

जालौन: बुंदेलखंड अधिकार मंच के बैनर तले महेवा और कदौरा ब्लॉक के 36 गांव में लौटे 1500 से अधिक मजदूरों ने अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाई. मनरेगा में समय से भुगतान न होने के साथ ही प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न संकट की समस्या से निजात दिलाने के लिए मांग पत्र कदौरा खंड विकास अधिकारी को सौंपा. मांग पत्र में कोरोना महामारी के चलते गांवों के प्रभावित परिवारों तक विशेष योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सूची प्रदान की.

मांग पत्रों की सूची का सौंपा ज्ञापन
कोरोना महामारी के चलते गैर प्रांत से लौटे कामगार मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या आ रही है. इसके लिए प्रशासन ने 10,000 से अधिक मजदूरों को मनरेगा के तहत जॉबकार्ड बनाकर काम दिया जा रहा है, लेकिन काम पूरा हो जाने के बाद पेमेंट समय से न मिलने से मजदूरों के सामने खाद्यान्न की समस्या पैदा हो रही है. इन समस्याओं को देखते हुए बुंदेलखंड अधिकार मंच की टीम ने महेवा और कदौरा ब्लॉक के 36 गांव में 15 सौ से अधिक मजदूरों के मांग पत्र की सूची बनाकर हस्ताक्षर सहित खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

मनरेगा में नहीं हो रहा समय से भुगतान
बुंदेलखंड अधिकार मंच के कार्यकर्ता रमेश सिंह ने बताया कि हमारी टीम ने महेवा और कदौरा के 36 गांव में जाकर ग्राम स्तरीय वॉलिंटियर्स के माध्यम से हर घर में पहुंचकर सरकारी स्कीम के लाभ का सर्वे किया. सर्वे में पाया कि गैर प्रांत से लौटे अधिकतर मजदूरों को मनरेगा में काम मिलने के बाद भुगतान समय से नहीं हो पा रहा है. जिस कारण रोजगार के साथ आर्थिक समस्या भी उत्पन्न हो रही है. मांग पत्र के जरिए जल्द से जल्द समस्या का निदान करने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.

जालौन: बुंदेलखंड अधिकार मंच के बैनर तले महेवा और कदौरा ब्लॉक के 36 गांव में लौटे 1500 से अधिक मजदूरों ने अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाई. मनरेगा में समय से भुगतान न होने के साथ ही प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न संकट की समस्या से निजात दिलाने के लिए मांग पत्र कदौरा खंड विकास अधिकारी को सौंपा. मांग पत्र में कोरोना महामारी के चलते गांवों के प्रभावित परिवारों तक विशेष योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सूची प्रदान की.

मांग पत्रों की सूची का सौंपा ज्ञापन
कोरोना महामारी के चलते गैर प्रांत से लौटे कामगार मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या आ रही है. इसके लिए प्रशासन ने 10,000 से अधिक मजदूरों को मनरेगा के तहत जॉबकार्ड बनाकर काम दिया जा रहा है, लेकिन काम पूरा हो जाने के बाद पेमेंट समय से न मिलने से मजदूरों के सामने खाद्यान्न की समस्या पैदा हो रही है. इन समस्याओं को देखते हुए बुंदेलखंड अधिकार मंच की टीम ने महेवा और कदौरा ब्लॉक के 36 गांव में 15 सौ से अधिक मजदूरों के मांग पत्र की सूची बनाकर हस्ताक्षर सहित खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

मनरेगा में नहीं हो रहा समय से भुगतान
बुंदेलखंड अधिकार मंच के कार्यकर्ता रमेश सिंह ने बताया कि हमारी टीम ने महेवा और कदौरा के 36 गांव में जाकर ग्राम स्तरीय वॉलिंटियर्स के माध्यम से हर घर में पहुंचकर सरकारी स्कीम के लाभ का सर्वे किया. सर्वे में पाया कि गैर प्रांत से लौटे अधिकतर मजदूरों को मनरेगा में काम मिलने के बाद भुगतान समय से नहीं हो पा रहा है. जिस कारण रोजगार के साथ आर्थिक समस्या भी उत्पन्न हो रही है. मांग पत्र के जरिए जल्द से जल्द समस्या का निदान करने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.

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