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23 साल बाद फैसला, हत्या के मामले में 4 लोगों को आजीवन कारावास - उत्तर प्रदेश न्यूज

जालौन अपर जिला सत्र के न्यायाधीश ने 23 साल पहले हुए हत्या के एक मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास सहित अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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4 लोगों को आजीवन कारावास
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Published : Mar 30, 2022, 9:23 PM IST

जालौन: जिले मेंरेंडर थाना झेत्र के अंतर्गत 23 साल पहले हुए हत्या के एक मामले में जिला सत्र न्यायालय ने कठोर फैसला सुनाया है. घटना में आरोपी ने पिता पुत्र पर घर में घुसकर जानलेवा हमला किया था. इस हमले में पिता की मौत हो गई थी जबकि उसका पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस मामले में जालौन के अपर जिला सत्र प्रथम के न्यायाधीश ने चार आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास के साथ 22 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

जिला सत्र न्यायालय में मामले की पैरवी कर रहे जालौन के अपर शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि लगभग 23 साल पहले 25 मई 1999 को रेंढर थाना क्षेत्र के ग्राम दावर के रहने वाले गोपीनाथ गोस्वामी रुदावली गांव से अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर दोपहर ढाई बजे घर आकर चारपाई पर लेट गए. उसी दौरान गांव के ही मुलु, बाबूराम पुत्रगण शिवदीन तथा देव प्रसाद पुत्र रामसनेही घर में घुस गए और गोपीनाथ पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. आवाज सुनकर गोपीनाथ का पुत्र नीरज उन्हें बचाने दौड़ा. इसी दौरान तीनों लोगों ने नीरज के साथ भी मारपीट शुरू कर दी. कुल्हाड़ी से हमला कर उसे मरणासन्न कर दिया.

चीख-पुकार सुनकर नीरज की चाची मालती देवी पत्नी रामप्रकाश व प्रदीप कुमार बचाने आये. इसी बीच तीनों हमलावरों का साथी मंगली पुत्र शिवपाल भी आ गया. चारों ने मिलकर सभी पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. गंभीर रूप में घायल गोपीनाथ, नीरज, बहू मालती और प्रदीप को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. हालांकि गोपीनाथ की रास्ते में ही मौत हो गई. मामले में नीरज ने जानलेवा हमला करने वाले मुल्लू, बाबूराम, देवप्रसाद और मंगली के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, घर में घुसकर मारपीट सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था.

यह भी पढ़ें:चार हत्यारोपियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा...

इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी जिसके बाद लगातार मामले की पैरवी की गई. चारों आरोपियों को अपर जिला सत्र के न्यायाधीश के सुरेश चंद्र ने 29 मार्च को दोषी करार दिया. दोषी पाए जाने के बाद आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया. शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि अपर जिला सत्र प्रथम के न्यायाधीश सुरेश चंद्र द्वारा चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ उन पर 22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. सजा सुनाए जाने के बाद सभी आरोपियों को उरई जिला कारागार भेज दिया है. 23 साल बाद आए फैसले पर परिजनों में खुशी है. परिजनों का कहना है 23 साल बाद ही सही फैसला आया है. वह लोग फैसले से संतुष्ट हैं.
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जालौन: जिले मेंरेंडर थाना झेत्र के अंतर्गत 23 साल पहले हुए हत्या के एक मामले में जिला सत्र न्यायालय ने कठोर फैसला सुनाया है. घटना में आरोपी ने पिता पुत्र पर घर में घुसकर जानलेवा हमला किया था. इस हमले में पिता की मौत हो गई थी जबकि उसका पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस मामले में जालौन के अपर जिला सत्र प्रथम के न्यायाधीश ने चार आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास के साथ 22 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.

जिला सत्र न्यायालय में मामले की पैरवी कर रहे जालौन के अपर शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि लगभग 23 साल पहले 25 मई 1999 को रेंढर थाना क्षेत्र के ग्राम दावर के रहने वाले गोपीनाथ गोस्वामी रुदावली गांव से अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर दोपहर ढाई बजे घर आकर चारपाई पर लेट गए. उसी दौरान गांव के ही मुलु, बाबूराम पुत्रगण शिवदीन तथा देव प्रसाद पुत्र रामसनेही घर में घुस गए और गोपीनाथ पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. आवाज सुनकर गोपीनाथ का पुत्र नीरज उन्हें बचाने दौड़ा. इसी दौरान तीनों लोगों ने नीरज के साथ भी मारपीट शुरू कर दी. कुल्हाड़ी से हमला कर उसे मरणासन्न कर दिया.

चीख-पुकार सुनकर नीरज की चाची मालती देवी पत्नी रामप्रकाश व प्रदीप कुमार बचाने आये. इसी बीच तीनों हमलावरों का साथी मंगली पुत्र शिवपाल भी आ गया. चारों ने मिलकर सभी पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. गंभीर रूप में घायल गोपीनाथ, नीरज, बहू मालती और प्रदीप को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. हालांकि गोपीनाथ की रास्ते में ही मौत हो गई. मामले में नीरज ने जानलेवा हमला करने वाले मुल्लू, बाबूराम, देवप्रसाद और मंगली के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, घर में घुसकर मारपीट सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था.

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इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी जिसके बाद लगातार मामले की पैरवी की गई. चारों आरोपियों को अपर जिला सत्र के न्यायाधीश के सुरेश चंद्र ने 29 मार्च को दोषी करार दिया. दोषी पाए जाने के बाद आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया. शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि अपर जिला सत्र प्रथम के न्यायाधीश सुरेश चंद्र द्वारा चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ उन पर 22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. सजा सुनाए जाने के बाद सभी आरोपियों को उरई जिला कारागार भेज दिया है. 23 साल बाद आए फैसले पर परिजनों में खुशी है. परिजनों का कहना है 23 साल बाद ही सही फैसला आया है. वह लोग फैसले से संतुष्ट हैं.
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