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जालौन में हुई ओलों की बारिश, कश्मीर जैसा दिखा नजारा

लगातार सूखे की चपेट में रहने वाले बुन्देलखण्ड के किसानों को इस बार बेमौसम बरसात ने पूरी तरह तबाह करके रख दिया.  जालौन में गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी जारी रही. दोपहर को ओला गिरने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई.

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जालौन में ओला गिरने से किसानों की फसलें हुई बर्बाद.
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Published : Dec 13, 2019, 11:56 PM IST

जालौन: किसानों को एक बार फिर प्रकृति की मार झेलनी पडी है. पहले सूखा, फिर तूफान और अब ओला और बेमौसम बरसात से बुन्देलखंड का किसान तबाह हो रहा है. किसानों की फल फूल रही फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी जारी रही, लेकिन दोपहर को ओलों की बारिश ने यहां के किसानों को झकझोर कर रख दिया. सड़क और खेत पर बिखरे ओलों का नज़ारा ऐसा लग रहा था जैसे बर्फ की चादर बिछा दी गई हो.

किसानों की फसलें हुई बर्बाद.

...और किसानों की यह उम्मीद भी टूट गई
जिले में किसानों की खरीफ की फसल को बाढ़ ने बर्बाद कर दिया था, लेकिन उम्मीद थी कि रबी की फसल अच्छी होगी, लेकिन गुरुवार से शुरू हुई बारिश ने और शुक्रवार को ओलों की मार ने सभी किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. लगभग 30 मिनट तक हुई ओलों की बारिश से किसानों की मटर, चना, मसूर और सरसों की फसल बर्बाद हो गई.
...जब कश्मीर जैसा दिखा नजारा
शुक्रवार को हुई ओलों की वजह से सड़क और खेत बर्फ से ढक गए थे. इस वजह से किसान और अन्य लोग दहशत में आ गए थे. वहीं जब ओलों की बारिश बंद हुई और किसान अपने खेतों में पहुंचे तो फसल देखकर उनके चेहरे पर मायूसी छा गई, क्योंकि पूरी फसल ओलों की वजह से बर्बाद हो गई थी.

ये भी पढ़ें: जालौनः तकनीक की मार, बंद हो रहा कालपी कागज का करोबार

किसानों के पास पहुंचे विधायक और एसडीएम

जब इसकी जानकारी माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन और जालौन के उपजिलाधिकारी सुनील कुमार शुक्ला को हुई तो वह मौके पर जायजा लेने पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों से बात करते हुए फसल का मुआवजा दिलाने की बात की. साथ ही जिन गांव में ओलों की वजह से नुकसान हुआ है, उनका फसल बीमा सर्वे कराकर दिलाने के लिए कहा है. किसानों का कहना है कि एक समय यहां पर कश्मीर जैसे हालात बन गए थे.

जालौन: किसानों को एक बार फिर प्रकृति की मार झेलनी पडी है. पहले सूखा, फिर तूफान और अब ओला और बेमौसम बरसात से बुन्देलखंड का किसान तबाह हो रहा है. किसानों की फल फूल रही फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी जारी रही, लेकिन दोपहर को ओलों की बारिश ने यहां के किसानों को झकझोर कर रख दिया. सड़क और खेत पर बिखरे ओलों का नज़ारा ऐसा लग रहा था जैसे बर्फ की चादर बिछा दी गई हो.

किसानों की फसलें हुई बर्बाद.

...और किसानों की यह उम्मीद भी टूट गई
जिले में किसानों की खरीफ की फसल को बाढ़ ने बर्बाद कर दिया था, लेकिन उम्मीद थी कि रबी की फसल अच्छी होगी, लेकिन गुरुवार से शुरू हुई बारिश ने और शुक्रवार को ओलों की मार ने सभी किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. लगभग 30 मिनट तक हुई ओलों की बारिश से किसानों की मटर, चना, मसूर और सरसों की फसल बर्बाद हो गई.
...जब कश्मीर जैसा दिखा नजारा
शुक्रवार को हुई ओलों की वजह से सड़क और खेत बर्फ से ढक गए थे. इस वजह से किसान और अन्य लोग दहशत में आ गए थे. वहीं जब ओलों की बारिश बंद हुई और किसान अपने खेतों में पहुंचे तो फसल देखकर उनके चेहरे पर मायूसी छा गई, क्योंकि पूरी फसल ओलों की वजह से बर्बाद हो गई थी.

ये भी पढ़ें: जालौनः तकनीक की मार, बंद हो रहा कालपी कागज का करोबार

किसानों के पास पहुंचे विधायक और एसडीएम

जब इसकी जानकारी माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन और जालौन के उपजिलाधिकारी सुनील कुमार शुक्ला को हुई तो वह मौके पर जायजा लेने पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों से बात करते हुए फसल का मुआवजा दिलाने की बात की. साथ ही जिन गांव में ओलों की वजह से नुकसान हुआ है, उनका फसल बीमा सर्वे कराकर दिलाने के लिए कहा है. किसानों का कहना है कि एक समय यहां पर कश्मीर जैसे हालात बन गए थे.

Intro:पहले सूखा, फिर तूफान और अब ओला और बेमौसम बरसात से बुन्देलखंड का किसान तबाह हो रहा हैं। जी हाँ बुन्देलखंड के जालौन में किसानो को एक बार फिर प्रकृति की मार झेलनी पडी है, इस बार उसे बेमौसम बरसात ने रुला दिया, जिससे किसानो की फल फूल रही फसल पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश ने जो शुक्रवार को भी जारी रही, लेकिन दोपहर को ओलो की बारिश ने यहां के किसानों को झझकोर कर रख दिया सड़क और खेत पर बिखरे ओलों का नज़ारा ऐसा लग रहा था जैसे बर्फ की चादर बिछा दी गयी हो



Body:यह कहानी एक बार की नहीं है, यह लगातार दोहराई जा रही है, जिस बुन्देलखंड की धरा ने पूरे देश को गेहूँ, चना, मटर, मसूर अरहर, मक्का तिल, गन्ना, अलसी सरसो जैसी अन्य फसले दी आज इस बुन्देलख़ंड के किसानो को प्रकृति कोप भाजक बना रही है। 

लगातार सूखे की चपेट मे रहने बाले बुन्देलखण्ड के किसानो को इस बार बेमौसम बरसात ने पूरी तरह तबाह करके रख दिया। गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश ने शुक्रवार को भी जारी रही, लेकिन दोपहर को ओलो ने यहां के किसानों को झझकोर कर रख दिया और किसानों की शत प्रतिशत फसल को नष्ट कर दी है।

जालौन में किसानों की खरीफ की फसल को बाढ़ ने बर्बाद कर दिया था, लेकिन उम्मीद थी कि रवी की फसल अच्छी होगी, लेकिन गुरुवार से शुरू हुई बारिश ने और शुक्रवार को ओलो की मार ने सभी किसानो को बर्वाद कर दिया, लगभग 30 मिनिट तक हुई ओलो की बारिश से किसानों की मटर, चना, मसूर और सरसों की फसल बर्बाद हो गयी।

शुक्रवार को हुई ओलों की वजह से सड़क व खेत पूरे बर्फ से ढक गए थे, इस ओलों की वजह से किसान और अन्य लोग दहशत में आ गए थे। वही जब ओलों की बारिश बंद हुई और किसान अपने खेतों में पहुंचे तो फसल देखकर उन्हें मायूसी छा गई, क्योंकि पूरी फसल ओलों की वजह से बर्बाद हो गई थी। जब इसकी जानकारी माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन और जालौन के उपजिलाधिकारी सुनील कुमार शुक्ला को हुई वह मौके पर जायजा लेने पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों से बात करते हुए फसल का मुआवजा दिलाने की बात की, साथ ही जिन गांव में ओलों की वजह से नुकसान हुआ है, उनका फसल बीमा सर्वे कराकर दिलाने के लिए कहा है, किसानों का कहना है कि एक समय यहां पर कश्मीर जैसे हालात बन गए थे।


बाईट:- - मूलचंद निरंजन(विधायक माधौगढ़)

बाईट:- सुनील कुमार शुक्ला(एसडीएम जालौन)





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