जालौन: किसानों को एक बार फिर प्रकृति की मार झेलनी पडी है. पहले सूखा, फिर तूफान और अब ओला और बेमौसम बरसात से बुन्देलखंड का किसान तबाह हो रहा है. किसानों की फल फूल रही फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी जारी रही, लेकिन दोपहर को ओलों की बारिश ने यहां के किसानों को झकझोर कर रख दिया. सड़क और खेत पर बिखरे ओलों का नज़ारा ऐसा लग रहा था जैसे बर्फ की चादर बिछा दी गई हो.
...और किसानों की यह उम्मीद भी टूट गई
जिले में किसानों की खरीफ की फसल को बाढ़ ने बर्बाद कर दिया था, लेकिन उम्मीद थी कि रबी की फसल अच्छी होगी, लेकिन गुरुवार से शुरू हुई बारिश ने और शुक्रवार को ओलों की मार ने सभी किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. लगभग 30 मिनट तक हुई ओलों की बारिश से किसानों की मटर, चना, मसूर और सरसों की फसल बर्बाद हो गई.
...जब कश्मीर जैसा दिखा नजारा
शुक्रवार को हुई ओलों की वजह से सड़क और खेत बर्फ से ढक गए थे. इस वजह से किसान और अन्य लोग दहशत में आ गए थे. वहीं जब ओलों की बारिश बंद हुई और किसान अपने खेतों में पहुंचे तो फसल देखकर उनके चेहरे पर मायूसी छा गई, क्योंकि पूरी फसल ओलों की वजह से बर्बाद हो गई थी.
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किसानों के पास पहुंचे विधायक और एसडीएम
जब इसकी जानकारी माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन और जालौन के उपजिलाधिकारी सुनील कुमार शुक्ला को हुई तो वह मौके पर जायजा लेने पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों से बात करते हुए फसल का मुआवजा दिलाने की बात की. साथ ही जिन गांव में ओलों की वजह से नुकसान हुआ है, उनका फसल बीमा सर्वे कराकर दिलाने के लिए कहा है. किसानों का कहना है कि एक समय यहां पर कश्मीर जैसे हालात बन गए थे.