जालौन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया. इस दौरान उन्होंने जालौन से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर काम करने वाले 3 लाभार्थियों से बातचीत की.
पीएम मोदी ने संवाद की शुरुआत गोंडा जिले की रहने वाली विनीता से की. इसके बाद जालौन के दीपू नितिन और कुशीनगर के रहने वाले अमरेंद्र से बात की, जो जालौन से निकलने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी से लॉकडाउन के दौरान होने वाली परेशानियों के बारे में पूछा, जिस पर इन्होंने बताया कि लॉकडाउन से उनका रोजगार छिन गया, लेकिन मनरेगा में काम मिल जाने से उन्हें दोबारा से रोजगार मिल गया.
प्रधानमंत्री से संवाद करने वाले जालौन के डकोर विकासखंड के रहने वाले दीपू ने बताया कि वह हैदराबाद में हाई वे पर काम करते थे. वहां पर दो माह का काम किया लेकिन लॉकडाउन में उनका रोजगार छिन गया. बड़ी मशक्कत के बाद वह अपने घर आए. घर वापस आने के बाद उन्हें बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर काम मिल गया.
इसी तरह जालौन के वर्ग गांव के रहने वाले नितिन कुमार ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के खरगोन में काम करते थे और हाई वे पर सरिया सेटिंग का काम करते थे. कार्यक्रम के समापन के बाद जालौन के डीएम डॉक्टर मन्नान अख्तर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मजदूरों को अवगत कराया है कि बुंदेलखंड में सड़क का निर्माण हो रहा है, यह विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और सभी मजदूरों ने प्रधानमंत्री जी को आश्वासन दिया है कि वे जल्द से जल्द ही सड़क का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
डीएम ने बताया कि जनपद में लगभग 40,000 मजदूर बाहर से आए हैं और उन्हें आत्मनिर्भर भारत के तहत स्किल मैपिंग करवाकर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों के मजदूरों को भी काम दिया जा रहा है. जिले में 800 प्रवासी मजदूरों को बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में काम मिल रहा है.