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जालौन: परिषदीय स्कूल के बच्चों के अभिभावकों के खाते में पहुंचा मिड-डे मील का पैसा

उत्तर प्रदेश के जालौन में बेसिक शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन के चलते परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिड-डे-मील का राशन व इसे पकाने के लिए स्कूलों को मिलने वाली राशि (कन्वर्जन कास्ट) उनके अभिभावकों के खातों में भेज दी है.

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बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र यादव
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Published : Aug 22, 2020, 10:10 PM IST

जालौन: कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान बंद चल रहे परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिड-डे-मील का राशन व इसे पकाने के लिए स्कूलों को मिलने वाली राशि (कन्वर्जन कास्ट) उनके अभिभावकों के खातों में भेज दी है. बेसिक शिक्षा विभाग ने 3 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ 10 हजार क्विंटल खाद्य सामग्री अभिभावकों को उपलब्ध करा दी गई है. इसके साथ ही रसोइया मानदेय भी एक महीने का सभी को आवंटित करा दिया गया है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र यादव ने बताया कोरोना महामारी के चलते सरकारी स्कूलों को समय से पहले बंद कर दिया गया था. अनलॉक-3 के बाद भी स्कूलों के संचालन पर रोक लगी हुई है. बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे-मील दिया जाता है, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे-मील नहीं बन पा रहा था. योगी सरकार ने मिड-डे-मील में लगने वाली कन्वर्जन कॉस्ट को बच्चों के अभिभावकों के खातों में भिजवा दिया है. इसके अलावा इस्तेमाल होने वाली राशन सामग्री जो बच्चों को दी जाती है, उसे भी अभिभावकों को सौंप दिया गया है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया जिले में कुल 1925 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय हैं. जिसमें एक लाख 46 हजार बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों को 72 दिन के हिसाब से प्राइमरी के प्रति बच्चों को 374 रुपये प्रति माह के हिसाब से दिए गए है. पूर्व माध्यमिक के बच्चों को 561 रुपये प्रति माह की दर से भुगतान किया गया है. इसके लिए शासन से दो किस्तों में धनराशि प्राप्त हुई थी. जिसमें 3 करोड़ 65 हजार 700 रुपये अभिभावकों के खातों में भेज दिए गए हैं. इसके साथ ही विभाग से 13 हजार क्विंटल खाद सामग्री की मांग की गई थी. जिसमें दस हजार क्विंटल खाद सामग्री शासन द्वारा उपलब्ध करा दी गई है.

स्कूल बंद होने से मिड-डे मील बनाने वाले रसोइयों के लिए भी आर्थिक संकट गहरा गया था. जिले में 3928 रसोइए कार्यरत हैं. इसको देखते हुए शासन ने 2 माह का वेतन देने के लिए धनराशि बेसिक शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दी गई है.

जालौन: कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान बंद चल रहे परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिड-डे-मील का राशन व इसे पकाने के लिए स्कूलों को मिलने वाली राशि (कन्वर्जन कास्ट) उनके अभिभावकों के खातों में भेज दी है. बेसिक शिक्षा विभाग ने 3 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ 10 हजार क्विंटल खाद्य सामग्री अभिभावकों को उपलब्ध करा दी गई है. इसके साथ ही रसोइया मानदेय भी एक महीने का सभी को आवंटित करा दिया गया है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र यादव ने बताया कोरोना महामारी के चलते सरकारी स्कूलों को समय से पहले बंद कर दिया गया था. अनलॉक-3 के बाद भी स्कूलों के संचालन पर रोक लगी हुई है. बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे-मील दिया जाता है, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे-मील नहीं बन पा रहा था. योगी सरकार ने मिड-डे-मील में लगने वाली कन्वर्जन कॉस्ट को बच्चों के अभिभावकों के खातों में भिजवा दिया है. इसके अलावा इस्तेमाल होने वाली राशन सामग्री जो बच्चों को दी जाती है, उसे भी अभिभावकों को सौंप दिया गया है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया जिले में कुल 1925 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय हैं. जिसमें एक लाख 46 हजार बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों को 72 दिन के हिसाब से प्राइमरी के प्रति बच्चों को 374 रुपये प्रति माह के हिसाब से दिए गए है. पूर्व माध्यमिक के बच्चों को 561 रुपये प्रति माह की दर से भुगतान किया गया है. इसके लिए शासन से दो किस्तों में धनराशि प्राप्त हुई थी. जिसमें 3 करोड़ 65 हजार 700 रुपये अभिभावकों के खातों में भेज दिए गए हैं. इसके साथ ही विभाग से 13 हजार क्विंटल खाद सामग्री की मांग की गई थी. जिसमें दस हजार क्विंटल खाद सामग्री शासन द्वारा उपलब्ध करा दी गई है.

स्कूल बंद होने से मिड-डे मील बनाने वाले रसोइयों के लिए भी आर्थिक संकट गहरा गया था. जिले में 3928 रसोइए कार्यरत हैं. इसको देखते हुए शासन ने 2 माह का वेतन देने के लिए धनराशि बेसिक शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दी गई है.

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