जालौन: डीएम डॉ मन्नान अख्तर ने उरई के विकास भवन में पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर अभियोजन और अपराध कानून समीक्षा की बैठक की. इसमें जिले के सभी पुलिस उपाधीक्षक और उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि पुलिस अभियोजन अधिकारी आपसी समन्वय रखते हुए काम करें, जिससे न्यायालयों में राजकीय मामलों में सही पैरवी हो सके. उन्होंने कहा कि केस डायरी समय पर तैयार करके वांछित रिकॉर्ड मांग के अनुसार भेजे जाएं.
- विकास भवन में डीएम ने पुलिस अधीक्षक डॉ सतीश कुमार से अभियोजन से जुड़ी जानकारियां लीं.
- अभियोजन से जुड़े जितने भी मुकदमे लंबित हैं और जिनको जमानत मिल गई है उनसे संबंधित चर्चा की.
- जो दोषी पाए गए उनको कैसे जमानत मिल गई और किसी को अगर सबूत के अभाव में जमानत मिली है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा.
- भविष्य में अगर कोई बरी हो तो आसानी से उसको जमानत न मिले.
जमानत प्रकरणों में नोट की जाने वाली केस डायरी में अभियुक्त का अन्य आपराधिक रिकॉर्ड न होने और केस डायरी को समय पर न भिजवाने की वजह से अभियुक्त को जमानत का फायदा मिल जाता है.चार्जशीट में गवाहों का पूरा पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल अंकित किए जाने के सख्त निर्देश हैं. साथ ही किसी विभाग में अगर कोई परेशानी हो तो उस पर चर्चा की जाए. अपने-अपने क्षेत्र में आ रही लॉ एंड ऑर्डर की दिक्कतों और परेशानियों की जानकारी दें.
-डीएम डॉ मन्नान अख्तर