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जालौन: जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक - jalaun news

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए एक बैठक की गई. इसमें टीबी से निपटने को लेकर किए जाने वाले उपायों और योजनाओं पर जोर दिया गया.

स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक.
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Published : Jul 21, 2019, 12:37 PM IST

जालौन: जिले में टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए टीबी फोरम की बैठक की गई. इस बैठक को अपर जिला अधिकारी प्रमिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न किया गया. बैठक में जिले को साल 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए एजेंडा तैयार किया. साथ ही इस एजेंडे को प्रभावी ढंग से लागू करने पर भी जोर दिया गया.

स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक.

जिले में की गई टीबी फोरम की बैठक-

  • जिले में टीवी को जड़ से खत्म करने के लिए 1 साल के अंदर तीन सत्र चलाए जाते हैं, जिसे एक्टिव केस फाइंडिंग कहा जाता है.
  • कोई भी इस बीमारी से ग्रसित न हो, इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है.
  • जिले में 8 टीबी यूनिट, 19 डीएमसी यूनिट हैं, जहां बलगम की जांच होती है.
  • यदि किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से अधिक खांसी हो, तो वह सेंटर जाकर मुफ्त में अपनी जांच करा सकता है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीव बाबू ने बताया कि-

  • स्वास्थ्य विभाग के लगातार प्रयासों से जिले में टीवी के मरीजों की संख्या कम होती जा रही है.
  • इसके तहत 1683 मरीजों में से 946 रोगियों को पूरी तरह से स्वस्थ किया जा चुका है.
  • 2018-19 के सत्र में डीबीटी के जरिए 1728 मरीजों को 19 लाख 80 हजार रुपये स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भेजे जा चुके हैं.

टीबी के मरीजों को चिन्हित करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत 55 लोगों के बलगम की जांच की गई है. मरीजों का इलाज 6 महीने तक टीवी फोरम के अंदर चलेगा. साथ ही 500 रुपए महीने पोषण के रूप में सीधे खाते में भेजे जाएंगे.
-प्रमिल कुमार, एडीएम

जालौन: जिले में टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए टीबी फोरम की बैठक की गई. इस बैठक को अपर जिला अधिकारी प्रमिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न किया गया. बैठक में जिले को साल 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए एजेंडा तैयार किया. साथ ही इस एजेंडे को प्रभावी ढंग से लागू करने पर भी जोर दिया गया.

स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक.

जिले में की गई टीबी फोरम की बैठक-

  • जिले में टीवी को जड़ से खत्म करने के लिए 1 साल के अंदर तीन सत्र चलाए जाते हैं, जिसे एक्टिव केस फाइंडिंग कहा जाता है.
  • कोई भी इस बीमारी से ग्रसित न हो, इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है.
  • जिले में 8 टीबी यूनिट, 19 डीएमसी यूनिट हैं, जहां बलगम की जांच होती है.
  • यदि किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से अधिक खांसी हो, तो वह सेंटर जाकर मुफ्त में अपनी जांच करा सकता है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीव बाबू ने बताया कि-

  • स्वास्थ्य विभाग के लगातार प्रयासों से जिले में टीवी के मरीजों की संख्या कम होती जा रही है.
  • इसके तहत 1683 मरीजों में से 946 रोगियों को पूरी तरह से स्वस्थ किया जा चुका है.
  • 2018-19 के सत्र में डीबीटी के जरिए 1728 मरीजों को 19 लाख 80 हजार रुपये स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भेजे जा चुके हैं.

टीबी के मरीजों को चिन्हित करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत 55 लोगों के बलगम की जांच की गई है. मरीजों का इलाज 6 महीने तक टीवी फोरम के अंदर चलेगा. साथ ही 500 रुपए महीने पोषण के रूप में सीधे खाते में भेजे जाएंगे.
-प्रमिल कुमार, एडीएम

Intro:टीबी को जिले में जड़ से खत्म करने के लिए टीबी फोरम की बैठक अपर जिला अधिकारी प्रमिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई जिसमें 2025 तक जिले से टीवी को मुक्त करने के लिए एजेंडा तैयार कर उसको प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कहा


Body:टीबी फोरम की बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुग्रीव बाबू ने बताया जिले में टीवी को जड़ से खत्म करने के लिए 1 साल के अंदर तीन सत्र चलाए जाते हैं जिसे एक्टिव केस फाइंडिंग कहा जाता है कोई भी लोग इस बीमारी से ग्रसित ना हो इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ साथ व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है जिले में 8 टीबी यूनिट 19 डीएमसी यूनिट है जहां बलगम की जांच होती है यदि किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से अधिक खांसी हो तो सेंटर जाकर मुफ्त में अपनी जांच करा सकता है स्वास्थ्य विभाग जालौन के लगातार प्रयासों से जिले में टीवी के मरीजों की संख्या कम होती जा रही है इसके तहत 1683 मरीजों में से 946 रोगियों को पूरी तरह से स्वस्थ किया जा चुका है साथ ही टीवी के रोगियों को पोषण सही से मिले इसके लिए 18 -19 के सत्र में डीबीटी के जरिए 1728 मरीजों को 19 लाख 80 हजार रुपए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भेजे जा चुके हैं एडीएम प्रमिल कुमार ने बताया टीबी के मरीजों की खोज के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 55 लोगों के बलगम की जांच की गई है और जो मरीज पाया जाएगा उसका इलाज 6 महीने तक टीवी फोरम के अंदर चलेगा और 500 रुपए महीने पोषण के रूप में सीधे खाते में भेजे जाएंगे

बाइट एडीएम प्रमिल कुमार सिंह


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