ETV Bharat / state

जालौन: बारिश से किसानों को मिली राहत

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में हुई वर्षा से लोगों को राहत मिली है. गर्मी और उमस से परेशान लोग भगवान से बारिश की प्रार्थना कर रहे थे.

बारिश से किसानों को मिली राहत.
author img

By

Published : Jul 25, 2019, 9:00 PM IST

जालौन: जनपद में मानसून का इंतजार कर रहे हैं किसानों और लोगों को राहत मिली है. गुरुवार को दोपहर दो घंटे से अधिक बारिश हुई, जिससे किसानों को राहत मिली है. वहीं बाजारों और गलियों में पानी भर जाने से उरई नगर पालिका की पोल खुल गई है.

बारिश से किसानों को मिली राहत.

आंकड़ों के अनुसार जुलाई माह में अभी तक ढाई सौ एमएम बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी भी सिर्फ 125 एमएम ही बारिश हुई है. बुंदेलखंड के जालौन जिले में गर्मी और उमस से जालौन के लोगों का बुरा हाल हो चुका था. बारिश न होने के चलते यहां के किसान ईश्वर से बारिश की प्रार्थना कर रहे थे. बारिश न होने के कारण किसानों की बोई जा चुकी फसल सूखने की कगार पर आ गई थी.

किसान बहुत समय से वर्षा का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि किसान बारिश पर निर्भर रहते हैं. मूंग और अरहर की फसलों के लिए 60 सेंटीमाटर से लेकर 90 सेंटीमीटर वर्षा की जरूरत होती है. बारिश से किसानों की जल की पूर्ति हो जाएगी.
-विक्टर जोशी, कृषि वैज्ञानिक

जालौन: जनपद में मानसून का इंतजार कर रहे हैं किसानों और लोगों को राहत मिली है. गुरुवार को दोपहर दो घंटे से अधिक बारिश हुई, जिससे किसानों को राहत मिली है. वहीं बाजारों और गलियों में पानी भर जाने से उरई नगर पालिका की पोल खुल गई है.

बारिश से किसानों को मिली राहत.

आंकड़ों के अनुसार जुलाई माह में अभी तक ढाई सौ एमएम बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी भी सिर्फ 125 एमएम ही बारिश हुई है. बुंदेलखंड के जालौन जिले में गर्मी और उमस से जालौन के लोगों का बुरा हाल हो चुका था. बारिश न होने के चलते यहां के किसान ईश्वर से बारिश की प्रार्थना कर रहे थे. बारिश न होने के कारण किसानों की बोई जा चुकी फसल सूखने की कगार पर आ गई थी.

किसान बहुत समय से वर्षा का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि किसान बारिश पर निर्भर रहते हैं. मूंग और अरहर की फसलों के लिए 60 सेंटीमाटर से लेकर 90 सेंटीमीटर वर्षा की जरूरत होती है. बारिश से किसानों की जल की पूर्ति हो जाएगी.
-विक्टर जोशी, कृषि वैज्ञानिक

Intro:जालौन में मानसून का इंतजार कर रहे हैं यहां के निवासियों को पढ़ने वाली भीषण गर्मी से गुरुवार को सुबह से छाए बादलों ने दोपहर आते-आते जोरदार बरसना शुरू कर दिया 2 घंटे से अधिक हुई बारिश ने लोगों और किसानों को राहत प्रदान की तो वहीं बाजारों और गलियों में पानी भर जाने से उरई नगर पालिका की पोल खोल के रख दी बारिश के होने से किसानों को राहत जरूर मिली है क्योंकि बुवाई के बाद से पानी ना मिलने की वजह से फसल के सूखने की संभावना बढ़ गई थी


Body:प्रदेश के कई जिलों को मानसून अपनी बारिश से भी हो चुका है लेकिन जनपद जालौन में मानसून का असर फीका सा लग रहा था आंकड़ों के अनुसार जुलाई माह में अभी तक ढाई सौ एमएम बारिश हो जानी चाहिए थी जो अभी सिर्फ 125 एमएम ही पहुंच पाई है जिस वजह से बुंदेलखंड के जालौन जिले में लगातार पढ़ने वाली गर्मी और उमस से जालौन के लोगों का बुरा हाल हो चुका था जिस वजह से यहां के किसान और लोग ईश्वर से बारिश की प्रार्थना कर रहे थे जिले में मानसून के बादल कई दिनों से आंख मिचोली करने के बाद गुरुवार दोपहर बाद से बरसना शुरू कर दिया जिले में 2 घंटे की बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है तो वहीं किसानों की बोई जा चुकी फसल जो सूखने की कगार पर आ गई थी उसको संजीवनी मिल गई है कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ जोशी ने बताया कि खरीफ की फसल की बुवाई के बाद करीब 60 से 70 एमएम बारिश की जरूरत होती है जो आज की बारिश ने पूरी कर दी है

बाइट डॉक्टर विक्टर जोशी कृषि वैज्ञानिक


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.