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जालौन: स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण कस्बों की कराई जा रही है ड्रोन मैपिंग

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Published : Jul 22, 2020, 1:36 PM IST

यूपी के जालौन जिले में स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण कस्बों की ड्रोन से मैपिंग की जा रही है. भारत और राज्य सरकार के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण इलाकों में आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है.

ड्रोन मैपिंग करते अधिकारी.
ड्रोन मैपिंग करते अधिकारी.

जालौन: देश में भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण इलाकों में आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के 37 जिलों में इसकी शुरुआत की गई है. इसमें जालौन जिला भी शामिल है. इसी के अंतर्गत भारतीय सर्वेक्षण विभाग के कर्मचारी जिले के 11 गांव में ड्रोन कैमरे की मदद से ग्रामीण आवासीय कस्बों का मैप तैयार कर रहे हैं. इस योजना के जरिए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को आवासीय जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल सकेगा. साथ ही आवासीय जमीन के विवाद को निपटाने में भी प्रशासन को मदद मिलेगी.

सदर उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में भारतीय सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों द्वारा नक्शा तैयार किया जा रहा है. इसके बाद राजस्व कर्मचारी फील्ड में उतर कर नक्शे को कस्बे के आधार पर नंबरिंग देंगे. इससे परिसंपत्ति के स्वामित्व को अधिकार मिल जाएगा. ग्रामीण इलाकों में खेतों की जिस तरह खतौनी का इस्तेमाल होता है, उसी तरह ग्रामीण कस्बों में यह मैप तैयार होने के बाद घरोनी का नाम दिया जाएगा.

सदर एसडीएम ने बताया कि ग्रामीण आवासीय कस्बों में मैप न होने के कारण जमीनी विवाद सामने आते हैं. इसका निपटारा करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता. इस समस्या को देखते हुए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की मदद से ग्रामीण कस्बा का मैपिंग कराई जा रही है. इसके तहत ग्रामीण वासियों को उनकी परिसंपत्ति का स्वामित्व योजना के तहत उन्हें अधिकार मिल जाएगा. इस योजना से वह ग्रामीण कस्बों में भी लोन की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे. वहीं ग्राम सभाओं को राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से टैक्स वसूलने में आसानी होगी.

इसे भी पढे़ं- जालौन: पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जाना प्रवासी मजदूरों का हाल

जालौन: देश में भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण इलाकों में आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के 37 जिलों में इसकी शुरुआत की गई है. इसमें जालौन जिला भी शामिल है. इसी के अंतर्गत भारतीय सर्वेक्षण विभाग के कर्मचारी जिले के 11 गांव में ड्रोन कैमरे की मदद से ग्रामीण आवासीय कस्बों का मैप तैयार कर रहे हैं. इस योजना के जरिए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को आवासीय जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल सकेगा. साथ ही आवासीय जमीन के विवाद को निपटाने में भी प्रशासन को मदद मिलेगी.

सदर उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में भारतीय सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों द्वारा नक्शा तैयार किया जा रहा है. इसके बाद राजस्व कर्मचारी फील्ड में उतर कर नक्शे को कस्बे के आधार पर नंबरिंग देंगे. इससे परिसंपत्ति के स्वामित्व को अधिकार मिल जाएगा. ग्रामीण इलाकों में खेतों की जिस तरह खतौनी का इस्तेमाल होता है, उसी तरह ग्रामीण कस्बों में यह मैप तैयार होने के बाद घरोनी का नाम दिया जाएगा.

सदर एसडीएम ने बताया कि ग्रामीण आवासीय कस्बों में मैप न होने के कारण जमीनी विवाद सामने आते हैं. इसका निपटारा करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता. इस समस्या को देखते हुए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की मदद से ग्रामीण कस्बा का मैपिंग कराई जा रही है. इसके तहत ग्रामीण वासियों को उनकी परिसंपत्ति का स्वामित्व योजना के तहत उन्हें अधिकार मिल जाएगा. इस योजना से वह ग्रामीण कस्बों में भी लोन की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे. वहीं ग्राम सभाओं को राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से टैक्स वसूलने में आसानी होगी.

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