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जालौनः 15 सालों से पेयजल संकट से जूझ रहे लोग

स्वच्छ पेयजल योजना के तहत शहर से गांव तक पेयजल की सुविधा पहुंचाने के लिए सरकार के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. उरई के राजेंद्र नगर इलाके में रहने वाले लोगों को पानी की सुविधा के लिए बना वाटर टैंक 15 साल से सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है.

शो पीस बनी राजेंद्र नगर इलाके की पानी टंकी
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Published : Jul 11, 2019, 3:17 PM IST

जालौनः उरई नगर में स्वच्छ पेयजल योजना के तहत 2005 में एक लाख किलो लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था. वाटर टैंक बनने के बाद नगरवासियों को उम्मीद जगी थी कि शीघ्र ही पीने का पानी उपलब्ध हो जाएगा.

शोपीस बनी राजेंद्र नगर इलाके की पानी की टंकी.

15 साल बाद भी चालू नहीं हुई राजेंद्र नगर पानी टंकी

  • उरई के राजेंद्र नगर में पीने के पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं.
  • पानी की टंकी बनने से लोगों को उम्मीद जगी थी कि पेयजल की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.
  • 15 साल बीत जाने के बाद भी यह टंकी सिर्फ शोपीस बनकर रह गई है.
  • कई अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकाला जा सका है.
  • राजेंद्र नगर में टंकी का निर्माण जल निगम द्वारा कराया गया था, लेकिन अभी तक चालू नहीं हो पाया है.

-नितिन कुमार, स्थानीय निवासी

जल स्रोत की उपलब्धता इस क्षेत्र में कम है. इससे टंकी को भरा नहीं जा सकता. इस वजह से अभी तक उस टंकी का संचालन नहीं हो पाया है.
-राहुल सिंह, जेई, जल संस्थान

जालौनः उरई नगर में स्वच्छ पेयजल योजना के तहत 2005 में एक लाख किलो लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था. वाटर टैंक बनने के बाद नगरवासियों को उम्मीद जगी थी कि शीघ्र ही पीने का पानी उपलब्ध हो जाएगा.

शोपीस बनी राजेंद्र नगर इलाके की पानी की टंकी.

15 साल बाद भी चालू नहीं हुई राजेंद्र नगर पानी टंकी

  • उरई के राजेंद्र नगर में पीने के पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं.
  • पानी की टंकी बनने से लोगों को उम्मीद जगी थी कि पेयजल की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.
  • 15 साल बीत जाने के बाद भी यह टंकी सिर्फ शोपीस बनकर रह गई है.
  • कई अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकाला जा सका है.
  • राजेंद्र नगर में टंकी का निर्माण जल निगम द्वारा कराया गया था, लेकिन अभी तक चालू नहीं हो पाया है.

-नितिन कुमार, स्थानीय निवासी

जल स्रोत की उपलब्धता इस क्षेत्र में कम है. इससे टंकी को भरा नहीं जा सकता. इस वजह से अभी तक उस टंकी का संचालन नहीं हो पाया है.
-राहुल सिंह, जेई, जल संस्थान

Intro:स्वच्छ पेयजल योजना के तहत शहर शहर गांव गांव पेयजल की सुविधा पहुंचाने के लिए सरकार के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं उरई के राजेंद्र नगर इलाके में रह रहे लोगो को पानी की सुविधा के लिए वाटर टैंक 15 साल से सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है जिसके कारण पांच हजार आबादी वाला राजेंद्रनगर पेयजल संकट से जूझ रहा है


Body:उरई नगर में स्वच्छ पेयजल योजना के तहत झांसी डिवीजन की उत्तर प्रदेश जल निगम इकाई ने 2005 में एक लाख किलो लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण पांच हजार आबादी के लिए स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए कराया गया था पानी का वाटर टैंक बनने के बाद नगर वासियों को उम्मीद जगी कि शीघ्र ही पीने का पानी उपलब्ध हो जाएगा लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी पानी की टंकी शोपीस बनकर रह गई है इस जगह की देखरेख ना होने से यहां पर आवारा जानवर कूड़े का ढेर ही दिखाई देता है स्थानीय निवासी नितिन कुमार ने बताया राजेंद्र नगर में पीने के पानी की समस्या बहुत अधिक है पानी की टंकी बनने से लोगों को उम्मीद जगी थी पेयजल की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी यह टंकी सिर्फ शोपीस बनकर रह गई है कई अधिकारियों को इस मामले में बताया गया लेकिन समस्या का अभी तक कोई हल नहीं निकला है जल संस्थान के जेई राहुल सिंह ने बताया राजेंद्र नगर में टंकी का निर्णय निर्माण जल निगम के द्वारा कराया गया था लेकिन अभी तक जल संस्थान को हैंडोवर नहीं किया गया है क्योंकि वहां पर जल स्रोत की उपलब्धता कम है जिससे उस टंकी को भरा नहीं जा सकता इस वजह से अभी तक उस टंकी का संचालन नहीं हो पाया है लोगों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा बनाई गई है टंकी शोपीस बनकर रह गई है जल निगम जल संस्थान के आपस में विभागों के पकड़ो के चलते नुकसान लोगों का हो रहा है

बाइट नितिन कुमार स्थानीय निवासी

बाइट राहुल सिंह जेई जल संस्थान


Conclusion:
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