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जालौन: DM ने निगरानी समिति का किया गठन, प्रवासी मजदूरों पर रखेगी नजर - monitoring committee for migrant laborers

यूपी के जालौन जिले में कई अन्य प्रान्तोंं से प्रवासी मजदूर लौटे हैं. डीएम ने इन प्रवासियों पर नजर रखने के लिए निगरानी समिति का गठन किया गया है, जो गांव स्तर पर प्रधान की अध्यक्षता में कार्य करेगी. साथ ही निगरानी समिति लगातार इन सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराएगी.

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कोरोना के चलते घर लौटे प्रवासियों पर निगरानी समिति रखेगी नजर
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Published : May 11, 2020, 6:59 PM IST

जालौन: कोरोना वायरस के कारण गैर प्रांत में फंसे कामगार मजदूर अपने घर वापस लौट रहे हैं. जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में आ चुके कामगार मजदूरों के लिए 21 दिन का होम क्वारंटाइन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. साथ ही इसके लिए जिला प्रशासन ने ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया है. जिसमें आशा बहू, रोजगार सेवक, लेखपाल, ग्राम सचिव और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सदस्य शामिल हैं. टीम इन सभी मजदूरों की रोजाना रिपोर्ट बनाकर इनके स्वास्थ्य की जानकारी लगातार जिला प्रशासन तक पहुंचाएगी.



निगरानी समिति रखेगी प्रवासियों पर नजर
जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने बताया अन्य प्रदेशों से वापस जिले में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सूची तैयार की जा रही है. साथ ही उनको एक शपथ पत्र भरवाया जा रहा है, जिसमें 21 दिन का होम क्वारंटाइन का निर्देश है. साथ ही 21 दिन तक उन्हें अपने घर से बाहर नहीं निकलना है और न ही किसी से मिलना है. साथ ही इन सभी कामगार मजदूरों की देखरेख और उन पर नजर रखने के लिए निगरानी समिति का गठन किया गया है, जो गांव स्तर पर प्रधान की अध्यक्षता में कार्य करेगी.

इसे भी पढ़ें: COVID-19: UP में कोरोना के 16 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 3483

मधुमेह रोगी और गर्भवती महिलाओं के रहने की अलग व्यवस्था
डीएम ने बताया कि कामगार मजदूरों में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग और गर्भवती महिलाओं, मधुमेह या हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगियों को अलग से रहने की व्यवस्था की गई है. साथ ही निगरानी समिति लगातार इन सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करती रहेगी, जिसकी सूचना जिला प्रशासन स्तर पर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि अगर कोई भी प्रवासी व्यक्ति क्वारंटाइन नियमों का पालन करने में लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ वैश्विक महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

जालौन: कोरोना वायरस के कारण गैर प्रांत में फंसे कामगार मजदूर अपने घर वापस लौट रहे हैं. जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में आ चुके कामगार मजदूरों के लिए 21 दिन का होम क्वारंटाइन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. साथ ही इसके लिए जिला प्रशासन ने ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया है. जिसमें आशा बहू, रोजगार सेवक, लेखपाल, ग्राम सचिव और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सदस्य शामिल हैं. टीम इन सभी मजदूरों की रोजाना रिपोर्ट बनाकर इनके स्वास्थ्य की जानकारी लगातार जिला प्रशासन तक पहुंचाएगी.



निगरानी समिति रखेगी प्रवासियों पर नजर
जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने बताया अन्य प्रदेशों से वापस जिले में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सूची तैयार की जा रही है. साथ ही उनको एक शपथ पत्र भरवाया जा रहा है, जिसमें 21 दिन का होम क्वारंटाइन का निर्देश है. साथ ही 21 दिन तक उन्हें अपने घर से बाहर नहीं निकलना है और न ही किसी से मिलना है. साथ ही इन सभी कामगार मजदूरों की देखरेख और उन पर नजर रखने के लिए निगरानी समिति का गठन किया गया है, जो गांव स्तर पर प्रधान की अध्यक्षता में कार्य करेगी.

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मधुमेह रोगी और गर्भवती महिलाओं के रहने की अलग व्यवस्था
डीएम ने बताया कि कामगार मजदूरों में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग और गर्भवती महिलाओं, मधुमेह या हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगियों को अलग से रहने की व्यवस्था की गई है. साथ ही निगरानी समिति लगातार इन सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करती रहेगी, जिसकी सूचना जिला प्रशासन स्तर पर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि अगर कोई भी प्रवासी व्यक्ति क्वारंटाइन नियमों का पालन करने में लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ वैश्विक महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

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