जालौन: जिले में पॉक्सो कोर्ट न्यायाधीश गुलाम मुस्तफा ने मिशन शक्ति के तहत मुकदमे की सुनवाई करते हुए एक अहम फैसला सुनाया. न्यायाधीश ने अपहरण और दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को 20 साल की कठोरतम सजा के साथ 25 हजार का जुर्माना लगाया है. न्यायाधीश के आदेश के बाद दोषी पर विधिवत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया है.
क्या था मामला
मामले की जानकारी देते हुए, शासकीय अधिवक्ता विश्वजीत गुर्जर ने बताया कि घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के एक कस्बे की है. यहां 10 जुलाई 2018 को 15 वर्षीय किशोरी का फरान नाम के युवक ने अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. युवक फरान ने किशोरी को अपने साथ 7 दिन फरीदाबाद और दिल्ली में रखा. पीड़ित किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू की थी.
ये भी पढ़ें- सामूहिक दुराचार मामले में दो दोषियों को 20-20 साल कैद
आरोपी फरान को 20 साल की सजा
कोतवाली पुलिस ने अभियुक्त और किशोरी को दिल्ली से पकड़ा था. इसके बाद आरोपी के खिलाफ मजबूत साक्ष्य जुटाकर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया. ढाई साल चली लंबी सुनवाई के बाद पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश गुलाम मुस्तफा ने साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त फरहान को दोषी करार दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने 20 साल की कठोरतम सजा के साथ 25 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया. न्यायाधीश के फैसले के बाद अभियुक्त के खिलाफ सजा वारंट जारी कर अपराधी को जेल भेज दिया गया.