जालौन: सेतु निगम द्वारा जिले के महेवा ब्लॉक में यमुना नदी पर जालौन और कानपुर देहात जिले की दूरी को कम करने के लिए पाल सरेनी यमुना सेतु का निर्माण कराया जा रहा है. 2010 में शुरू हुआ यह काम अभी तक पूरा न हो पाने की वजह से दोनों तरफ 200 से अधिक गांव के लोगों की उम्मीद धूमिल होती नजर आ रही है. 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है, जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बनाकर खड़े कर दिए हैं, जबकि चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम अभी बाकी है. हालात यह हैं कि कछुए की चाल से चल रहा पुल का निर्माण कार्य फंड न होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.
अधूरा पड़ा पुल निर्माण का कार्य
- उरई मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर महेवा ब्लॉक के पाल गांव में सेतु निगम के द्वारा 2010 में यमुना नदी पर सेतु का निर्माण शुरू हुआ.
- बीते 9 साल बाद भी अभी तक पुल का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है.
- 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है, जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बना कर खड़े कर दिए हैं.
- अभी चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम बाकी है.
- पुल का निर्माण कार्य फंड न होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.
- 2010 में यह पुल नाबार्ड की योजना के तहत साढे 32 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुआ था और इसे मार्च 2014 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था.
- शासन की अनदेखी और प्रशासन की सुस्ती की वजह से इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
तीन विधानसभाओं को जोड़ता है यह पुल
यमुना नदी के इस तरफ जालौन तो दूसरी तरफ कानपुर देहात लगता है. इस पुल का निर्माण पूरा न होने से दोनों तरफ के लोगों को पांच किलोमीटर का रास्ता 50 किलोमीटर में तय करना पड़ता है. यमुना पाल सरेनी सेतु जालौन जिले से कालपी विधानसभा, कानपुर देहात से सिकंदरा विधानसभा और भोगनीपुर विधानसभा को आपस में जोड़ देता है.
गांव के प्रधान सोबरन सिंह निषाद का कहना है कि अब हम लोगों में इस पुल के बनने की उम्मीद खत्म हो गई है. पिछले साल सिकंदरा में जनसभा में सीएम योगी आए थे और उन्होंने मार्च 2018 तक पुल को सुचारू रूप से शुरू करने की बात कही थी, लेकिन शुरू तो दूर काम ही पूरी तरह से बंद हो गया है. ऐसे में अब हम सभी लोग हार मान चुके हैं.