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जालौन: 9 साल बाद भी यमुना नदी पर पुल का निर्माण अधूरा, मुश्किल में 200 गांव - uttar pradesh news

उत्तर प्रदेश के जालौन में 2010 में शुरू हुआ पुल निर्माण का कार्य अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है. पुल का निर्माण कार्य फंड न होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है. शासन की अनदेखी और प्रशासन की सुस्ती की वजह से इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

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9 साल बाद भी यमुना पुल का निर्माण अधूरा.
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Published : Nov 26, 2019, 12:04 PM IST

जालौन: सेतु निगम द्वारा जिले के महेवा ब्लॉक में यमुना नदी पर जालौन और कानपुर देहात जिले की दूरी को कम करने के लिए पाल सरेनी यमुना सेतु का निर्माण कराया जा रहा है. 2010 में शुरू हुआ यह काम अभी तक पूरा न हो पाने की वजह से दोनों तरफ 200 से अधिक गांव के लोगों की उम्मीद धूमिल होती नजर आ रही है. 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है, जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बनाकर खड़े कर दिए हैं, जबकि चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम अभी बाकी है. हालात यह हैं कि कछुए की चाल से चल रहा पुल का निर्माण कार्य फंड न होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.

9 साल बाद भी यमुना पुल का निर्माण अधूरा.

अधूरा पड़ा पुल निर्माण का कार्य

  • उरई मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर महेवा ब्लॉक के पाल गांव में सेतु निगम के द्वारा 2010 में यमुना नदी पर सेतु का निर्माण शुरू हुआ.
  • बीते 9 साल बाद भी अभी तक पुल का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है.
  • 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है, जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बना कर खड़े कर दिए हैं.
  • अभी चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम बाकी है.
  • पुल का निर्माण कार्य फंड न होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.
  • 2010 में यह पुल नाबार्ड की योजना के तहत साढे 32 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुआ था और इसे मार्च 2014 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था.
  • शासन की अनदेखी और प्रशासन की सुस्ती की वजह से इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

तीन विधानसभाओं को जोड़ता है यह पुल
यमुना नदी के इस तरफ जालौन तो दूसरी तरफ कानपुर देहात लगता है. इस पुल का निर्माण पूरा न होने से दोनों तरफ के लोगों को पांच किलोमीटर का रास्ता 50 किलोमीटर में तय करना पड़ता है. यमुना पाल सरेनी सेतु जालौन जिले से कालपी विधानसभा, कानपुर देहात से सिकंदरा विधानसभा और भोगनीपुर विधानसभा को आपस में जोड़ देता है.

गांव के प्रधान सोबरन सिंह निषाद का कहना है कि अब हम लोगों में इस पुल के बनने की उम्मीद खत्म हो गई है. पिछले साल सिकंदरा में जनसभा में सीएम योगी आए थे और उन्होंने मार्च 2018 तक पुल को सुचारू रूप से शुरू करने की बात कही थी, लेकिन शुरू तो दूर काम ही पूरी तरह से बंद हो गया है. ऐसे में अब हम सभी लोग हार मान चुके हैं.

जालौन: सेतु निगम द्वारा जिले के महेवा ब्लॉक में यमुना नदी पर जालौन और कानपुर देहात जिले की दूरी को कम करने के लिए पाल सरेनी यमुना सेतु का निर्माण कराया जा रहा है. 2010 में शुरू हुआ यह काम अभी तक पूरा न हो पाने की वजह से दोनों तरफ 200 से अधिक गांव के लोगों की उम्मीद धूमिल होती नजर आ रही है. 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है, जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बनाकर खड़े कर दिए हैं, जबकि चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम अभी बाकी है. हालात यह हैं कि कछुए की चाल से चल रहा पुल का निर्माण कार्य फंड न होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.

9 साल बाद भी यमुना पुल का निर्माण अधूरा.

अधूरा पड़ा पुल निर्माण का कार्य

  • उरई मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर महेवा ब्लॉक के पाल गांव में सेतु निगम के द्वारा 2010 में यमुना नदी पर सेतु का निर्माण शुरू हुआ.
  • बीते 9 साल बाद भी अभी तक पुल का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है.
  • 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है, जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बना कर खड़े कर दिए हैं.
  • अभी चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम बाकी है.
  • पुल का निर्माण कार्य फंड न होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.
  • 2010 में यह पुल नाबार्ड की योजना के तहत साढे 32 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुआ था और इसे मार्च 2014 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था.
  • शासन की अनदेखी और प्रशासन की सुस्ती की वजह से इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

तीन विधानसभाओं को जोड़ता है यह पुल
यमुना नदी के इस तरफ जालौन तो दूसरी तरफ कानपुर देहात लगता है. इस पुल का निर्माण पूरा न होने से दोनों तरफ के लोगों को पांच किलोमीटर का रास्ता 50 किलोमीटर में तय करना पड़ता है. यमुना पाल सरेनी सेतु जालौन जिले से कालपी विधानसभा, कानपुर देहात से सिकंदरा विधानसभा और भोगनीपुर विधानसभा को आपस में जोड़ देता है.

गांव के प्रधान सोबरन सिंह निषाद का कहना है कि अब हम लोगों में इस पुल के बनने की उम्मीद खत्म हो गई है. पिछले साल सिकंदरा में जनसभा में सीएम योगी आए थे और उन्होंने मार्च 2018 तक पुल को सुचारू रूप से शुरू करने की बात कही थी, लेकिन शुरू तो दूर काम ही पूरी तरह से बंद हो गया है. ऐसे में अब हम सभी लोग हार मान चुके हैं.

Intro:सेतु निगम के द्वारा जिले के महेबा ब्लॉक में यमुना नदी पर जालौन और कानपुर देहात जिले की दूरी को कम करने के लिए पाल सरेनी यमुना सेतु का निर्माण कराया जा रहा है 2010 में शुरू हुआ यह काम अभी तक पूरा ना हो पाने की वजह से दोनों तरफ 200 से अधिक गांव के लोगों की उम्मीद है धूमिल होती नजर आ रही हैं 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बना कर खड़े कर दिए जबकि चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम अभी बाकी है हालात यह हैं कछुए की चाल से चल रहा पुल का निर्माण कार्य फंड ना होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है




Body:जिले में उरई मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर महेवा ब्लाक का पाल गांव जहां सेतु निगम के द्वारा 2010 में काल श्रेणी जमुना सेतु का निर्माण शुरू हुआ जिससे यहां रह रहे लोगों को खुशी का ठिकाना नहीं रहा लेकिन अब उनकी खुशियां उदासी में बदल गई हैं क्योंकि बीते 9 साल बाद भी पुल का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है 700 मीटर लंबे इस पुल पर 37 पिलर का निर्माण कराया जाना है जिसमें 33 पिलर सेतु निगम ने बना कर खड़े कर दिए जबकि चार पिलर और दोनों तरफ के ज्वाइंटर का काम अभी बाकी है हालात यह हैं कछुए की चाल से चल रहा पुल का निर्माण कार्य फंड ना होने की वजह से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है 2010 में यह पुल नाबार्ड की योजना के तहत साढे 32 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुआ था और इसे मार्च 2014 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था लेकिन शासन की अनदेखी और प्रशासन की सुस्ती की वजह से इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है

3 विधानसभाओं को जोड़ता यह पुल

यमुना नदी की इस तरफ जालौन तो दूसरी तरफ कानपुर देहात लगता है इस पुल का निर्माण पूरा ना होने से दोनों तरफ के लोगों को 5 किलोमीटर का रास्ता 50 किलोमीटर में तय करना पड़ता है यमुना पाल सरेनी सेतु जालौन जिले से कालपी विधानसभा कानपुर देहात से सिकंदरा विधानसभा और भोगनीपुर विधानसभा को आपस में जोड़ देता है इससे दोनों तरफ 200 गांव से अधिक रह रहे लोगों की जीवनशैली और कार्यशैली को सुगम बनाने में सफल होता पाल गांव के प्रधान सोबरन सिंह निषाद का कहना है कि अब हम लोगों को इस पुल के बनने की उम्मीद खत्म हो गई है पिछले साल सिकंदरा में जनसभा में योगी जी आए थे और उन्होंने मार्च 2018 तक पुल को सुचारू रूप से शुरू करने की बात कही थी लेकिन शुरू तो दूर काम ही पूरी तरह से बंद हो गया है ऐसे में अब हम सभी लोग हार मान चुके हैं

वॉक थ्रू रिपोर्टर वरुण द्विवेदी बाइट विथ सोबरन सिंह निषाद ग्राम प्रधान


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