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जालौन: अवैध बालू के भंडारण पर चलेगा प्रशासन का चाबुक

जालौन जिले में अवैध बालू के भंडारण पर अब प्रशसान ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के निर्देशन में खनिज विभाग के साथ मिलकर टीम गठित की. साथ ही अवैध तरीके से बालू के भंडारण की जांच कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है.

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अवैध बालू के भंडारण पर कार्रवाई के निर्देश
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Published : Jul 11, 2020, 3:03 AM IST

जालौन: बारिश के समय बालू को ऊंचे दामों में बेचने के उद्देश्य से बालू माफिया जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 80 से अधिक संख्या में मौरंग के अवैध डंप लगाए हुए हैं. जिसको लेकर जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कमेटी गठित करते हुए बिना मानकों के अवैध रूप से पड़े डंपों पर कोई कागज न होने पर कार्रवाई करने के लिए आदेश निर्देशित किए हैं.

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अवैध बालू के भंडारण पर कार्रवाई के निर्देश
दरअसल, पूरे देश में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बालू माफियाओं ने जमकर फायदा उठाया. जिले में इस दौरान माफियाओं ने अवैध तरीके से बालू का भंडारण कर लिया. ताकि बरसात में बालू को ऊंचे दामों में बेच सकें.

इसकी जानकारी जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर को हुई तो उन्होंने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के निर्देशन में खनिज विभाग के साथ मिलकर टीम गठित की. साथ ही उरई व कालपी के क्षेत्रों में अवैध तरीके से बालू का भंडारण की जांच कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में शासन के निर्देश पर 30 जून को बालू की खदानें बंद कर दी गईं थी. इसके बाद से जो भी बालू की निकासी होगी वह प्रशासन से स्वीकृत डंप वाली जगह से की जाएगी.

जिले के उरई और कालपी तहसील में कुल 31 डंप की परमिशन दी गई है. लेकिन खनन माफियाओं ने जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध तरीके से सैकड़ों की संख्या में अवैध बालू का भंडारण किया गया है. जिस पर प्रशासन ने रणनीति बनाते हुए अवैध पड़े बालू के डंप पर जाकर कागज न दिखाने पर अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.
उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि सड़कों के किनारे जगह-जगह पर अवैध तरीके से बालू के डंप लगे हुए थे. जिन पर उप जिलाधिकारी और नगर पालिका उरई ने कार्रवाई करते हुए दुकानदारों से चालान काटकर राजस्व वसूला गया. शहर में अवैध रूप से लगे बालू के डंप के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.

जालौन: बारिश के समय बालू को ऊंचे दामों में बेचने के उद्देश्य से बालू माफिया जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 80 से अधिक संख्या में मौरंग के अवैध डंप लगाए हुए हैं. जिसको लेकर जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कमेटी गठित करते हुए बिना मानकों के अवैध रूप से पड़े डंपों पर कोई कागज न होने पर कार्रवाई करने के लिए आदेश निर्देशित किए हैं.

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अवैध बालू के भंडारण पर कार्रवाई के निर्देश
दरअसल, पूरे देश में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बालू माफियाओं ने जमकर फायदा उठाया. जिले में इस दौरान माफियाओं ने अवैध तरीके से बालू का भंडारण कर लिया. ताकि बरसात में बालू को ऊंचे दामों में बेच सकें.

इसकी जानकारी जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर को हुई तो उन्होंने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के निर्देशन में खनिज विभाग के साथ मिलकर टीम गठित की. साथ ही उरई व कालपी के क्षेत्रों में अवैध तरीके से बालू का भंडारण की जांच कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में शासन के निर्देश पर 30 जून को बालू की खदानें बंद कर दी गईं थी. इसके बाद से जो भी बालू की निकासी होगी वह प्रशासन से स्वीकृत डंप वाली जगह से की जाएगी.

जिले के उरई और कालपी तहसील में कुल 31 डंप की परमिशन दी गई है. लेकिन खनन माफियाओं ने जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध तरीके से सैकड़ों की संख्या में अवैध बालू का भंडारण किया गया है. जिस पर प्रशासन ने रणनीति बनाते हुए अवैध पड़े बालू के डंप पर जाकर कागज न दिखाने पर अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.
उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि सड़कों के किनारे जगह-जगह पर अवैध तरीके से बालू के डंप लगे हुए थे. जिन पर उप जिलाधिकारी और नगर पालिका उरई ने कार्रवाई करते हुए दुकानदारों से चालान काटकर राजस्व वसूला गया. शहर में अवैध रूप से लगे बालू के डंप के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.

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