हाथरस: प्रकृति की गोद में कलरव करते झरने, चहचाहते हुए पक्षी और विभिन्न प्राकृतिक साधनों से आती हुईं ध्वनियां या संगीत बहुत सुखद अहसास दिलाते हैं. लेकिन अगर सुनने की शक्ति ही न हो तो ईश्वर की दी हुई ये अद्भुत देन बेमानी हो जाती है. इससे पता चलता है कि सुनने की शक्ति का हमारे जीवन में कितना महत्व है. इसी महत्व को बताने के लिए तीन मार्च को विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है.
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हियरिंग हेल्थ का सही होना हमारे लिए बेहद जरूरी
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ. मधुर कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी रमेश रंजन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बृजेश राठौर के निर्देशन में जनपद में बुधवार को विश्व श्रवण दिवस मनाया गया. उन्होंने बताया कि यूं तो हमारे शरीर में मौजूद सभी अंग बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. लेकिन हमारे कान शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक होते हैं. शरीर में पांच ज्ञानेन्द्रियां होती हैं. जिनमें से एक है कान जो कि किसी भी ध्वनि को सुनने में हमारी मदद करता है.
उन्होंने कहा कि कानों की सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए. कान हमारे संचार तंत्र का प्रमुख अंग होते हैं. सुनने की क्षमता या हियरिंग हेल्थ का सही होना हमारे लिए बेहद जरूरी होता है. सुनने की क्षमता का ठीक होना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि लोगों की बातचीत, संगीत या फिर किसी भी प्रकार की आवाज को सही तरीके से सुन पाना हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. सुनने की क्षमता में कमी किसी भी व्यक्ति को सामाजिक अलगाव, अकेलापन और हताशा की तरफ भी ले जा सकती है. जो व्यक्ति आसानी से किसी भी चीज को सुन सकते हैं उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं होता कि सुनने में कठिनाई या बहरापन कितना मुश्किल होता है.
जागरूकता अभियान चलाया
एसीएमओ ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2050 तक दुनिया के एक चौथाई लोगों को सुनने से संबंधित समस्याओं से जूझना पड़ेगा. इसी के मद्देनजर हियरिंग लॉस और कानों की सेहत को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए 3 मार्च को वर्ल्ड हियरिंग डे मनाया जा रहा है. डॉ. मधुर कुमार ने बताया कि बुधवार को जनपद के सरकारी अस्पतालों, सीएचसी/पीएचसी में जागरूकता अभियान चलाया गया. उन्होंने बताया गया कि गंदे पानी में तैरने/नहाने से बचें. अस्वच्छ वातावरण में न रहें और कान में नुकीली वस्तु न डालें.
अगर कान बहता है तो
- कान में पानी न जाने दें और किसी प्रकार का तरल पदार्थ न डालें.
- मवाद को साफ और नरम कपड़े से साफ करें.
- मवाद में बदबू होना या खून आना गंभीर रोग के लक्षण हो सकते हैं.
- कान से मवाद आते रहने से, बहरापन हो सकता है.
- तुरन्त स्वास्थ्य केन्द्र में जांच कराए.
यह दिवस इस बात के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है कि कैसे बहरेपन को रोका जाए. दुनिया भर में सुनने की देखभाल को बढ़ावा दिया जाए. विश्व श्रवण दिवस का उद्देश्य कान और सुनने की देखभाल के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य क्रियाओं को बढ़ावा देना है.