हाथरस : जिले में दो नगर पालिका और सात नगर पंचायत क्षेत्र में 348 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें 3 लाख 10 हजार 248 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. हर एक निकाय क्षेत्र में एक-एक पिंक बूथ बनाया गया है. इन पिंक बूथों पर सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए हैं, लेकिन सेल्फी प्वाइंट तक लोगों को अपने मोबाइल लेकर आने की अनुमति नहीं है. ऐसे में लोग हैरान हैं कि आखिर सेल्फी प्वाइंट बनाने के लिए इतना खर्च ही क्यों किया गया.
हाथरस जिले में 3 लाख 10 हजार 248 मतदाता 348 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे. जिले में 9 निकायों में अध्यक्ष पद के 86 प्रत्याशी और सभासद पद के 693 प्रत्याशी मैदान में हैं. स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर पुलिस बल तैनात किया गया है. जिले को 14 जून और 33 सेक्टरों में विभाजित किया गया है. 348 मतदान केंद्रों में से 9 केंद्रों पर पिंक बूथ बनाए गए हैं.
दरअसल पिंक बूथ पर ही सेल्फी प्वाइंट की व्यवस्था की गई है. इन बूथों को पिंक कलर के गुब्बारों से सजाने के अलावा यहां पीने के पानी की व्यवस्था की गई है. चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुपालन सुरक्षाकर्मी सेल्फी प्वाइंट तक किसी को मोबाइल ले जाने की अनुमति ही नहीं दे रहे हैं. ऐसे में उत्साही और नवयुवक मतदाता सेल्फी नहीं खींच पा रहे हैं. एक मतदान शालू ने बताया कि मोबाइल लाने की अनुमति नहीं है. इसलिए वह अपनी सेल्फी नहीं ले पा रही है. मतदाता शालू ने बताया कि जब मोबाइल लेना प्रतिबंधित ही करना था तो सेल्फी प्वाइंट बनाने की जरूरत ही क्या थी. यह है सिर्फ मतदाता शालू ही की समस्या नहीं थी. यह पहुंचने वाले सभी लोग इस व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे.