हाथरस: जिले के सासनी कस्बा के मॉडल प्राइमरी स्कूल नंबर-दो को राही फाउंडेशन की बदौलत से इस स्कूल का कायापलट हो गया है. वहीं, शिक्षा विभाग ने इस स्कूल को मॉडल स्कूल का दर्जा भी दिया है. इस स्कूल के स्टॉफ ने साबित कर दिया है कि यह सरकारी स्कूल किसी भी मायने में किसी अंग्रेजी स्कूल से कम नहीं हैं. इस स्कूल में पढ़ाई ही नहीं छात्रों को हुनर मंद भी बनाया जा रहा है.
अच्छाे माहौल होने की वजह से बच्चे पढ़ाई में रुचि लेते हैं. वहीं, शिक्षक छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ- साथ हुनरमंद भी बना रहे हैं. बच्चे हुनर में भी किसी से कम नही हैं. यह बच्चे बैग बनान, मेंहदी लगाना, राखी बनना और बहुत कुछ करना जानते हैं. यहां शिक्षकों के पढ़ाने का अंदाज भी निराला है. बच्चों को पहाड़ा याद कराने और कहानियां याद रहे, इसके लिए नायाब तरिके अपना रही हैं.
सरकारी स्कूल का हुआ कायापलट इसे भी पढ़ेंः लखनऊ के नेशनल पीजी कॉलेज में आवेदन की तिथि बढ़ाई, जानिए कब होगी परीक्षा गौरतलब है कि, इस स्कूल को समाज सेवी संस्था राही फाउंडेशन ने गोद लिया है. संस्था ने इस स्कूल के भवन को प्राइवेट स्कूल जैसा बना दिया है. वहीं, शिक्षा विभाग ने भी इस स्कूल को मॉडल इंग्लिश मीडियम का दर्जा दे दिया है. कक्षा चार में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि गणित, संस्कृत ,हिंदी और इंग्लिश के अलावा सभी सब्जेक्ट यहां पढ़ाए जाते हैं. ड्राइंग सिखाई जाती है. वहीं, दूसरी छात्रा समीरा ने बताया कि हमने गर्ल बनाई है, कमल के फूल बनाए हैं, मेहंदी लगाना सिखाया गया है. काफी चीजें हमने बनाई हैं. यह सब हमारी मैडम ने सिखाया है.सरकारी स्कूल का हुआ कायापलट वहीं, शिक्षिका जिम्मी वर्मा ने बताया कि हिंदी ,अंग्रेजी और साइंस आदि विषय तो सभी जगह पढ़ाए जाते हैं. हमारे यहां अलग से काफी कुछ सीखाया जाता है. हम ड्रॉइंग भी अच्छे से सिखाते हैं. माना जाता है कि बच्चों की ड्राइंग जितनी अच्छी होगी, राइटिंग भी अच्छी होती है. हम लोगों ने क्राफ्ट वर्क भी कराते हैं. स्कूल की प्रधानाध्यापिका विजया आर्या ने कहा कि यह स्कूल पहले हिंदी मीडियम था. छोटे से प्रयास के बाद अब यह इंग्लिश स्कूल हो गया है. यहां बच्चे काफी अच्छे से पढ़ते हैं और स्टॉफ भी अपना सौ प्रतिशत देता है. पढ़ाई के अलावा भी बच्चों को अन्य एक्टिविटीज सिखाई जाती हैं.सरकारी स्कूल का हुआ कायापलट यदि कुछ और संस्थाएं राही फाउंडेशन की तरह आगे आकर सरकारी स्कूलों का माहौल बदलने की कोशिश करें, तो निश्चित तौर पर और स्कूलों में भी शिक्षा का माहौल बदलेगा. ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप