हाथरस. यूक्रेन से लौटे बच्चे वापसी के बाद भी वहां झेले हालातों को याद कर सिहर जा रहे हैं. अपने घर सुरक्षित पहुंचने के बाद भी उन्हें वहां फंसे अपने साथियों की चिंता सता रही है. वापसी पर वह खुद व उनके परिवार भारत सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं. वहीं, हाथरस जिले के कुछ परिवारों को अपने बच्चों के सकुशल लौटने का इंतजार है.
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध की वजह से यूक्रेन में इन दिनों हालात असामान्य हैं. रूस की तरफ से की जा रही बमबारी से वह लोगों में दहशत है. लोग बंकरों में छुपकर अपनी जान बचा रहे हैं. उनके पास खाने-पीने के लिए भी पर्याप्त सामान नहीं है. यूक्रेन से बहुत से छात्र वापस अपने वतन लौट आए हैं लेकिन अभी भी काफी छात्रों की वापसी नहीं हुई है. भारत सरकार इन छात्रों को वापस लाने का प्रयास कर रही है.
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यूक्रेन से सोमवार शाम अपने घर सादाबाद वापस लौटी एमबीबीएस की छात्रा शिवानी ने बताया कि भारत में अपने घर आकर अच्छा लगा. वहां डर का माहौल था. 24 फरवरी को वहां अटैक हुआ. हम सब डरे हुए थे. यही लग रहा था कि किसी तरह अपने घर पहुंच जाएं. इस दौरान इंडिया गवर्नमेंट ने भी हेल्प की. फ्लाइट उपलब्ध कराई. इतना सब अरेंजमेंट करने के लिए सरकार का शुक्रिया.
शिवानी ने सहमे और सिसकते हुए बताया कि वहां बहुत गंदा माहौल है. बच्चे डरे हुए हैं. वहां उन्हें खाने-पीने को भी नहीं मिल रहा था. लोगों को फ्लाइट भी नहीं मिल पा रही है. जो बच्चे वापस आ चुके हैं, उनके मां-बाप बेहद खुश हैं. हालांकि अभी भी हाथरस जिले की सादाबाद तहसील के कई परिवारों को अपने बच्चों के आने का इंतजार है.
यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे शादाब के पिता शमीम खान ने बताया कि जिस दिन से रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी है, तब से हमारी सांसें रुकी हुई थीं. अभी शादाब यूक्रेन से हंगरी 62 दिन के बीजा पर पहुंच गया है.
उसका इंडिया आने के लिए फ्लाइट का रजिस्ट्रेशन भी हो गया है. भारत सरकार के प्रयास से अब वो सही सलामत घर वापस आ रहा है. शमीम खान ने बताया कि हालात सामान्य होने पर उनका बच्चा वहां जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करेगा.