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प्रशासन की लापरवाही से गोशाला बदहाल, ग्रामीण कर रहे चारे-पानी का इंतजाम - बदहाल गोशालाट

यूपी के हाथरस जिले में ग्रामीण इलाकों में बनी अस्थाई गोशाला बदहाल स्थिति में हैं. मुरसान ब्लॉक की ग्राम पंचायत अहरई में बनी गोशाला प्रशासन की दावों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है.

अहरई गोशाला बदहाल.
अहरई गोशाला बदहाल.
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Published : Feb 15, 2021, 3:07 PM IST

हाथरस: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बनीं अस्थाई गोशाला बदहाल स्थिति में हैं. मुरसान ब्लॉक की ग्राम पंचायत अहरई में बनी गोशाला प्रशासन की दावों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है. गांव के लोग गोवंशों के चारे-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि गोशाला की बदहाल स्थिति के बारे में शिकायत करने पर अधिकारी उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हैं.

अहरई गोशाला बदहाल.
एक साल पहले बनी थी गोशाला

ग्राम पंचायत अहरई में गोशाला को बने एक साल से अधिक समय हो गया है. इस गोशाला के निर्माण के समय अधिकारियों ने ग्रामीणों से तमाम वादे किए थे. तब गांव के लोगों से कहा गया था कि इस गोशाला के निर्माण से लेकर रखरखाव तक की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. उन्होंने इसके लिए कुछ समय की मोहलत मांगी थी. लंबा समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. ग्रामीण पशुओं के चारे-पानी की व्यवस्था करने को अधिकारियों से कहते हैं तो उन्हें धमकी दी जाती है.

अहरई गोशाला बदहाल.
अहरई गोशाला बदहाल.


गांव के ही लोग कर रहे हैं चारे-पानी की व्यवस्था
गांव के एक युवक शैलेंद्र चौधरी ने बताया कि इस अस्थाई गोशाला में पास के ही एक-दो गांव के आवारा पशु हैं. प्रशासन ने यह कहकर गोशाला खुलवाई थी कि हम पैसा खर्च करेंगे. जब तक गांव के लोग इनके चारे-पानी का इंतजाम कर लें. तभी से हम पशुओं के चारे-पानी की सारी व्यवस्था कर रहे हैं. प्रशासन का ध्यान इस ओर अभी तक नहीं गया. प्रशासन से जब भी बात करते हैं तो मुकदमे में फंसाने की धमकी दे दी जाती है.

गोशाला के निर्माण के समय हुए थे तमाम वादे

श्याम सिंह ने बताया कि इस गोशाला में 85 जानवर हैं. प्रशासन इनकी देखभाल नहीं कर रहा. गांव के लोग ही देखभाल कर रहे हैं. इनके चारे-पानी की व्यवस्था गांव के किसान ही कर रहे हैं. ग्रामीण रघुवीर सिंह ने बताया कि यहां व्यवस्था होनी चाहिए. गोशाला में काम करने वाले मजदूरों को पैसे दिए जाएं. उनका कहना है कि अधिकारी आए थे. उन्होंने तब कहा था कि समर लगाएंगे, चारा देंगे, मेहनताना देंगे. गोशाला पक्की बनाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.

किसान प्रेम सिंह ने बताया कि यहां कोई अधिकारी नहीं आया है. एक बार आए थे. तब तमाम वादे किए थे कि टीशेड लगेगा, पानी की व्यवस्था होगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. खंड विकास अधिकारी ज्योति शर्मा मीटिंग का हवाला देकर सवालों के जवाब देने से बचती हुईं नजर आईं.

हाथरस: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बनीं अस्थाई गोशाला बदहाल स्थिति में हैं. मुरसान ब्लॉक की ग्राम पंचायत अहरई में बनी गोशाला प्रशासन की दावों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है. गांव के लोग गोवंशों के चारे-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि गोशाला की बदहाल स्थिति के बारे में शिकायत करने पर अधिकारी उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हैं.

अहरई गोशाला बदहाल.
एक साल पहले बनी थी गोशाला

ग्राम पंचायत अहरई में गोशाला को बने एक साल से अधिक समय हो गया है. इस गोशाला के निर्माण के समय अधिकारियों ने ग्रामीणों से तमाम वादे किए थे. तब गांव के लोगों से कहा गया था कि इस गोशाला के निर्माण से लेकर रखरखाव तक की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. उन्होंने इसके लिए कुछ समय की मोहलत मांगी थी. लंबा समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. ग्रामीण पशुओं के चारे-पानी की व्यवस्था करने को अधिकारियों से कहते हैं तो उन्हें धमकी दी जाती है.

अहरई गोशाला बदहाल.
अहरई गोशाला बदहाल.


गांव के ही लोग कर रहे हैं चारे-पानी की व्यवस्था
गांव के एक युवक शैलेंद्र चौधरी ने बताया कि इस अस्थाई गोशाला में पास के ही एक-दो गांव के आवारा पशु हैं. प्रशासन ने यह कहकर गोशाला खुलवाई थी कि हम पैसा खर्च करेंगे. जब तक गांव के लोग इनके चारे-पानी का इंतजाम कर लें. तभी से हम पशुओं के चारे-पानी की सारी व्यवस्था कर रहे हैं. प्रशासन का ध्यान इस ओर अभी तक नहीं गया. प्रशासन से जब भी बात करते हैं तो मुकदमे में फंसाने की धमकी दे दी जाती है.

गोशाला के निर्माण के समय हुए थे तमाम वादे

श्याम सिंह ने बताया कि इस गोशाला में 85 जानवर हैं. प्रशासन इनकी देखभाल नहीं कर रहा. गांव के लोग ही देखभाल कर रहे हैं. इनके चारे-पानी की व्यवस्था गांव के किसान ही कर रहे हैं. ग्रामीण रघुवीर सिंह ने बताया कि यहां व्यवस्था होनी चाहिए. गोशाला में काम करने वाले मजदूरों को पैसे दिए जाएं. उनका कहना है कि अधिकारी आए थे. उन्होंने तब कहा था कि समर लगाएंगे, चारा देंगे, मेहनताना देंगे. गोशाला पक्की बनाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.

किसान प्रेम सिंह ने बताया कि यहां कोई अधिकारी नहीं आया है. एक बार आए थे. तब तमाम वादे किए थे कि टीशेड लगेगा, पानी की व्यवस्था होगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. खंड विकास अधिकारी ज्योति शर्मा मीटिंग का हवाला देकर सवालों के जवाब देने से बचती हुईं नजर आईं.

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