हाथरसः जिले में तहसील के अधिकारियों की तारीख पर तारीख देने से परेशान नगर पंचायत कर्मी ने जहर खाकर आत्महत्या करने की धमकी दी है. कर्मचारी का कहना है कि वह मानसिक रूप से इतना परेशान हो गया है कि उसे मरने के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा है. जहर खाकर आत्महत्या कर लेने की बात कर्मी ने शनिवार को जिला स्तरीय संपूर्ण समाधान दिवस में अधिकारियों के सामने कही है.
बता दें कि सादाबाद नगर पंचायत के लिपिक अनुपम गुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत की हुई है. जिसकी जांच की जिम्मेदारी तहसीलदार को मिली है. लिपिक अनुपम गुप्ता का आरोप है कि उस पर जो आरोप लगाए गये हैं उसकी पूरी जानकारी उसे नहीं है. वह शिकायत की लिखित प्रति चाहता है, लेकिन उसे जांच अधिकारी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. उसकी मांग है कि शिकायतकर्ता राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई शिकायत की प्रति और दाखिल साक्ष्य उसे उपलब्ध कराए जाएं ताकि वह अपना पक्ष जांच अधिकारी/ तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत कर सकें.
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अनुपम गुप्ता का आरोप है कि बार-बार लिखित और मौखिक रूप से शिकायती पत्र और साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने की मांग करने के बाद भी उसे कोई कागज नहीं दिया गया है. उसने संदेह व्यक्त किया है कि कहीं यह किसी की साजिश अथवा किसी के दबाव में आकर उसे नाजायज रूप से परेशान किया जा रहा है. उसका कहना है कि अब तक जांच को लेकर दिखे आचरण से उसे लगता है कि नियम विरुद्ध जांच कराकर उसका आर्थिक मानसिक शोषण किए जाने की साजिश की जा रही है.
अनुपम गुप्ता ने बताया कि उनके खिलाफ तहसील में कोई जांच आई हुई है, जिसकी जांच तहसीलदार को करनी है. उन्होंने बताया कि उनकी जिस विषय में जांच होनी है, जो शिकायत आई है उसकी प्रति उसने मांगी है. ताकि वह अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकें. उन्होंने बताया कि यह मामला 7 जुलाई का है, तब से वह लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें अब तक शिकायत की प्रति नहीं दी गई है. अनुपम गुप्ता ने बताया कि तहसील में शनिवार को जब वह अपनी शिकायत लेकर गए तो उनकी शिकायत को रजिस्टर्ड नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि थकहार कर उन्होंने कार्यालय में अंदर जाकर उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है. अनुपम का आरोप है कि यह सब नगर पंचायत अध्यक्ष के दबाव में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा हूं. मैं इतना परेशान चल रहा हूं तो मारूंगा नहीं तो क्या करूंगा?