हाथरस: जिले में कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते लॉकडाउन के बाद मजदूर वर्ग में हाहाकार मचा हुआ है. साथ ही लॉकडाउन के चलते मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. जिससे उनकी रोजी- रोटी का संकट भी पैदा हो गया है. ऐसे में सरकार मनरेगा मजदूरों को फिर से काम दे रही है.
जनपद में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के बाद मनरेगा का काम बंद हो गया था, लेकिन भारत सरकार व प्रदेश सरकार ने 21 अप्रैल से मनरेगा का काम शुरू करने के आदेश दिए हैं. साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि मनरेगा के जॉब कार्ड धारक अगर काम की मांग करते हैं, तो उनको काम तत्काल दिया जाएगा.
नए बनाए जाएंगे जॉब कार्ड
हाथरस में अधिकारियों ने शासन के आदेशों के बाद अलग-अलग पंचायतों में मनरेगा के तहत काम शुरू करा दिया है. साथ ही अधिकारियों ने गांव के बाहर या छोटे उद्योग धंधे व फैक्ट्रियों में काम कर रहे लोग, जो अब अपनी ग्राम पंचायत में वापस आ गए हैं और उनके पास जॉब कार्ड नहीं हैं, तो उनका जॉब कार्ड तत्काल बनाया जा रहा है. वहीं उनकी मांग पर उनको काम दिया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें: COVID-19: UP में कोरोना के 27 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 2161
वहीं हाथरस में अधिकारियों ने 20 अप्रैल से इस मामले पर तैयारी शुरू कर दी थी. साथ ही हर पंचायत में बैठक कराई गई थी. वहीं अब तक 474 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 335 ग्राम पंचायतों में काम की मांग हुई थी. साथ ही उनमें काम प्रारंभ करा दिया गया है. वहीं गर्मी को देखते हुए काम का समय सुबह 6 बजे से रखा गया है. रोज 6 से 7 घंटे लेबर को काम करना है.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
मजदूर दो हिस्सों में भी काम कर सकते हैं या सुबह लगातार भी काम कर सकते हैं. वहीं कोरोना वायरस के तहत अधिकारियों ने पंचसूत्र का पालन कराने का दायित्व ग्राम पंचायतों को सौंपा है. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि काम करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और कम से कम 2 मीटर की दूरी पर रखकर काम आवंटित किया जाए.