हाथरस: हाथरस कांड को 14 सितंबर को एक साल पूरा हो गया है. आज ही के दिन हाथरस की युवती के साथ चंदपा कोतवाली इलाके में दरिंदगी हुई थी. 29 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. जिला प्रशासन ने आनन-फानन में उसका अंतिम संस्कार देर रात करा दिया था, जिसे लेकर खूब बवाल हुआ था. विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाया था और यहां आए दिन लोगों की पुलिस से भिड़ंत होती रहती थी. सीबीआई टीम ने 2 महीने से अधिक समय तक इस मामले की जांच पड़ताल की थी. सीबीआई ने आरोप पत्र कोर्ट को सौंपे थे. आज भी यहां पीड़ित परिवार की सुरक्षा में सीआरपीएफ लगी हुई है.
काफी समय तक सुर्खियों में था मामला
हाथरस की बिटिया को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली के निर्भया केस की वकील सीमा कुशवाहा इस केस में पीड़ित पक्ष की पैरवी कर रही हैं. आरोपी पक्ष से वकील मुन्ना सिंह मुकदमा लड़ रहे हैं. युवती की मौत के बाद इसे लेकर लंबे समय तक यहां सियासत गर्म रही थी. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित तमाम बड़े-छोटे दलों के नेता पीड़िता के घर पहुंचे थे. इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को जमकर घेरा था. लंबे समय तक यह मामला सुर्खियों में था. सीबीआई ने 67 दिन की जांच-पड़ताल के बाद चारों आरोपी संदीप, रवि, रामू, लवकुश के खिलाफ विशेष न्यायालय एससी-एसटी में आरोप पत्र दाखिल किया था. कोर्ट ने भी आरोप तय कर दिए थे. अब सजा के बिंदु पर सुनवाई चल रही है.
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वकील ने अपनी जान को बताया खतरा
पीड़िता को न्याय दिलाने वाली वकील सीमा कुशवाह खुद अपनी जान को खतरा बात रही हैं. 2 सितंबर को हाथरस आईं सीमा कुशवाहा ने बताया था कि उन्हें पीड़िता को न्याय दिलाना है, इसलिए हाथरस आना ही था. इसके बाद 9 सितंबर को हाथरस आईं सीमा कुशवाहा ने अपनी सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए अपनी जान को खतरा बताया. बता दें कि 5 मार्च 2021 को हाथरस कोर्ट में वकील सीमा कुशवाहा आई थीं. उन्होंने हाथरस के कुछ वकीलों पर घूरने का आरोप लगाने के साथ ही वकीलों के एकत्र होने, ठीक से पैरवी नहीं करने देने और गवाहों को धमकाने के आरोप लगाए थे. उन्होंने हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन, पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था.
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मीडिया से गुमराह हो रहा कोर्ट
आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह ने बताया कि जब से यह केस लगा है तब से इसमें 30-32 तारीख लग चुकी हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि न्याय पालिका से न्याय मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि साफ दिखाई दे रहा है कि यह केस झूठा है. आरोपियों में से एक आरोपी के पिता अतर सिंह मीडिया से नाराज दिखे उन्होंने कहा कि मीडिया की वजह से जब कोर्ट ही गुमराह हो जाएगी तो उन्हें क्या न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए न कि परिवार को. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि परिवार के लोगों ने ही लड़की को मारा हो तो ?
ये था मामला
14 सितंबर 2020 को जिले की चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में दलित युवती के साथ दरिंदगी और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले के चारों आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लवकुश आरोपी अलीगढ़ जेल में हैं.