हाथरस: सूबे में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election- 2022) को भले ही सालभर का वक्त है, लेकिन अभी से ही सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. यही कारण है कि विधायक अब अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं और पूरे पांच सालों तक किए अपने कार्यों का प्रमुखता से जनता के बीच प्रचार कर रहे हैं. ऐसे में टीम ईटीवी भारत विधानसभावार विधायकों से बातचीत कर उनके कार्यों की तह और तहकीकत में जुटी है, ताकि क्षेत्रवासियों तक क्षेत्र की असल रुपरेखा पेश की जा सके.
इसी क्रम में ईटीवी भारत ने हाथरस जिले की सदर विधानसभा (Hathras Sadar Assembly) क्षेत्र के विधायक हरिशंकर माहौर (MLA Harishankar Mahour) से बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह चुनाव बाद अगले सत्र में वो ऐसी इंडस्ट्री क्षेत्र में लाना चाहते हैं, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके.
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विधायक ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र से अगली पारी वही खेलेंगे यानी वे अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं. इधर, पार्टी पर (bjp) भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी दावेदारी इस बार भी स्वीकार होगी, क्योंकि उन्होंने पूरे पांच सालों तक क्षेत्र में काम किया है.
विधायक ने कहा कि आगे भी वे अपने अनुभव को विकास कार्यों में लगाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ था, लेकिन जब वे यहां से विधायक चुने गए तो उन्होंने अपना पूरा फोकस यहां के विकास पर लगाया.
बनेगा मेडिकल कॉलेज
विधायक ने बताया कि जिले को बने 23 साल होने के बाद भी यहां अब तक जेल नहीं बन सका था, लेकिन भाजपा की सरकार (BJP government) आने पर अब यहां जेल बन रही है. रेलवे क्रॉसिंग पर पुल की 25 साल पुरानी मांग को पूरा करने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने किया है. पुल बनकर तैयार हो गया है.
उन्होंने यह भी बताया कि पराग डेयरी में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हो गई है और वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जब यहां आए तो पुल का लोकार्पण व मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करें. आपको बता दें कि पुल तैयार होने के बाद लोकार्पण से पहले ही स्थानीय लोगों ने जबरन आवागमन के लिए खोल लिया है.
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जेल बनने में हुई देरी पर विधायक की सफाई
भाजपा सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने के बाद भी निर्धारित समयावधि में जेल न बन पाने पर विधायक ने सफाई देते हुए कहा कि इसके लिए कई जगह प्रस्ताव भेजे गए थे. किसानों ने मुकदमे डाले, यहां तक कि जब जेल प्रस्तावित हुआ तो कई अड़चन आई. आखिरकार मैंने किसानों संग बैठकर उन्हें इसके लिए तैयार किया और अब जाकर जेल निर्माण कार्य संभव होने के कगार पर है.
पूर्व की मायावती सरकार पर लगाया ये आरोप
क्षेत्र की औद्योगिक बदहाली दूर करने को उन्होंने क्या कदम उठाए, इसके बाबत सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि जब सूबे में भाजपा की सरकार बनी तो यहां बुनकरों की ढेरों समस्याएं थीं और मैं स्वयं भी इसी समाज से आता हूं. आगे उन्होंने बताया कि वे चाहते हैं कि यहां के पुराने हथकरघा कारोबार को फिर से जीवनदान देकर स्थानीय स्तर पर रोजगार की सम्भावनाओं को तेजी से बढ़ाया जा सके. इसके लिए वे लगातार प्रयासरत हैं.
लेकिन इस बीच उन्होंने सूबे की पूर्व मायावती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाथरस में कारपेट की कई इंडस्ट्रियां थी, जो पूर्व की बसपा सरकार की अनसुलझी नीतियों से आजीज आकर यहां से हरियाणा और नोएडा की ओर कूच कर गई.
इस कारण यहां तेजी से बुनकर बेरोजगार हुए. लेकिन सूबे की योगी सरकार के प्रयास से एक बार फिर से घर-घर हथकरघा लग रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि हाथरस में कोई ऐसी इंडस्ट्री लाई जा सके, जिससे यहां व्याप्त बेरोजगारी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाए.
विधायक ने यह भी कहा कि पड़ोसी जिले अलीगढ़ में महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय और फ्रेट कॉरिडोर के बन जाने से अब लोगों को अपने घरों के करीब ही रोजगार मिलने लगेगा. हालांकि, पराग डेयरी के बंद होने पर उन्होंने कहा कि सपा और बसपा की सरकारों ने डेयरी पर कभी ध्यान ही नहीं दिया. हमारी सरकार जाने के बाद जो सरकारें रही चाहे वह सपा की सरकार रही हो या फिर बसपा की उन्होंने डेयरी की तरफ ध्यान नहीं दिया. मशीनें बेकार हो गई.
फिर से सूबे में हमारी सरकार के आने पर जब हमने सर्वे कराया तो पता चला कि नई डेयरी लगाने में आने वाला खर्च दोबारा पराग डेयरी को शुरू कराने में आने वाले कर्च की तुलना में काफी कम है. यही कारण है कि हमने इसे यूं ही छोड़ दिया.
इधर, क्षेत्र के कस्बों और कई गांवों से गुजरने वाली गंदे नाली की सफाई पर सवाल पूछे जाने पर विधायक ने कहा कि उसकी सफाई कराई गई है. वे चाहते हैं कि आबादी वाले इलाकों में नाला पट जाए और इसकी कोशिश भी जारी है. आगे उन्होंने खुद ही बताया कि इसमें अलीगढ़ की फैक्ट्रियों से केमिकल का पानी आता है, जिसकी वजह से करीब 40 से 45 लोग कैंसर के शिकार हुए थे.
शहर की जनता पर बढ़े गृह कर और जल कर के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह काम हो जाना चाहिए था. यदि नहीं हुआ है तो मैं पूछ लूंगा कि क्या मामला है. मेरी कोशिश होगी कि अगर ये बढ़े कर माफ नहीं हो पा रहे हैं तो फिर उसे कम करने की कोशिश की जाए, ताकि ताकि जनता पर अतिरिक्त बोझ न पड़े.
रेलवे क्रॉसिंग पुल निर्माण का लिया श्रेय
एक ओर उनकी पार्टी के पूर्व सांसद राजेश दिवाकर इस पुल निर्माण का श्रेय ले रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर उक्त विषय पर विधायक सफाई देते नजर आए. उन्होंने कहा कि हाथरस के इस पुल का 104वां नंबर था. ऐसे में कई सालों बाद इसका निर्माण हो सका. मैंने जनता से वादा किया था कि इस क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज बनेगा और उसे 104 नंबर से उठाकर कम नंबर पर करवा कर यह पुल बनवा दिया.