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कृषि कानून: काले कपड़े पहन किसानों ने मनाया काला दिवस - कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन

हाथरस जिले के सासनी तहसील क्षेत्र में किसानों ने काला दिवस मनाते हुए, केंद्र सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन यज्ञ किया. यहां जमा हुए किसानों ने जमकर नारेबाजी भी की.

काला दिवस
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Published : May 26, 2021, 3:43 PM IST

हाथरस: कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर बुधवार को हाथरस में भी किसानों ने काला दिवस मनाया. इस मौके पर कुछ किसानों ने काले कपड़े पहने, वहीं कुछ किसानों ने काली पट्टी बांधकर तथा काले झंड़े लहराकर काला दिवस मनाया. किसानों ने कृषि कानून और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. साथ ही केंद्र सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन-यज्ञ किया. उन्होंने सरकार से तीन कृषि कानूनों वापस लेने की मांग भी की.

कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने मनाया काला दिवस

इसे भी पढ़ें- 'काला दिवस' मनाने पर अड़े प्रदर्शनकारी किसान, दिल्ली पुलिस ने दी चेतावनी


'किसान बचेगा तभी देश बचेगा'

काला दिवस आंदोलन की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता मलखान सिंह ने बताया कि आज के दिन किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे हुए हैं. साथ ही किसान-मजदूर विरोधी केन्द्र सरकार के काले सात वर्ष पूरे हुए हैं. आज राष्ट्रीय स्तर पर भारत का किसान काला दिवस मना रहा है. उन्होंने बताया कि आज काले दिवस के मौके पर हम सभी ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि- हे ईश्वर केंद्र सरकार को सद्‌बुद्धि दें, ताकि देश के अन्नदाता व अन्नदाता के प्यारे देश की तबाही न हो.

इसे भी पढ़ें- बुद्ध पूर्णिमा पर पीएम बोले, कोविड-19 दशकों में मानवता के सामने सबसे बुरा संकट

'ईश्वर देश को बचाए'

उन्होंने कहा कि ईश्वर से दुआ मांगी है कि केंद्र सरकार की बुद्धि सही हो. ईश्वर इस देश को बचाए, किसान नहीं बचेगा तो देश भी नहीं बचेगा. उन्होंने बताया कि देश हित किसान हित में यह यज्ञ किया गया है. सरकार द्वारा तीन काले कानून वापस लिए जाएं. हालांकि, किसानों के विरोध प्रदर्शन का सरकार पर कितना असर होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

हाथरस: कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर बुधवार को हाथरस में भी किसानों ने काला दिवस मनाया. इस मौके पर कुछ किसानों ने काले कपड़े पहने, वहीं कुछ किसानों ने काली पट्टी बांधकर तथा काले झंड़े लहराकर काला दिवस मनाया. किसानों ने कृषि कानून और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. साथ ही केंद्र सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन-यज्ञ किया. उन्होंने सरकार से तीन कृषि कानूनों वापस लेने की मांग भी की.

कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने मनाया काला दिवस

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'किसान बचेगा तभी देश बचेगा'

काला दिवस आंदोलन की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता मलखान सिंह ने बताया कि आज के दिन किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे हुए हैं. साथ ही किसान-मजदूर विरोधी केन्द्र सरकार के काले सात वर्ष पूरे हुए हैं. आज राष्ट्रीय स्तर पर भारत का किसान काला दिवस मना रहा है. उन्होंने बताया कि आज काले दिवस के मौके पर हम सभी ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि- हे ईश्वर केंद्र सरकार को सद्‌बुद्धि दें, ताकि देश के अन्नदाता व अन्नदाता के प्यारे देश की तबाही न हो.

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'ईश्वर देश को बचाए'

उन्होंने कहा कि ईश्वर से दुआ मांगी है कि केंद्र सरकार की बुद्धि सही हो. ईश्वर इस देश को बचाए, किसान नहीं बचेगा तो देश भी नहीं बचेगा. उन्होंने बताया कि देश हित किसान हित में यह यज्ञ किया गया है. सरकार द्वारा तीन काले कानून वापस लिए जाएं. हालांकि, किसानों के विरोध प्रदर्शन का सरकार पर कितना असर होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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