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हाथरस: जानिए क्या है वर्टिकल फार्मिंग, जिससे किसान पिता-पुत्र कमा रहे लाखों रुपये

उत्तर प्रदेश के हाथरस में किसान पिता-पुत्र ने लीक से हटकर वर्टिकल फार्मिंग करके खेती की नई दिशा तय कर रहे हैं. दोनों करेले की वर्टिकल फार्मिंग करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. देखिए ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट...

वर्टिकल फार्मिंग कर चुनी तरक्की की राह
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Published : Oct 21, 2019, 6:09 AM IST

हाथरस: जनपद में किसान पिता-पुत्र ने अपने खेत में वर्टिकल फार्मिंग कर करेले की पैदावार की है, जिसकी मंडी में अच्छी मांग चल रही है. इन्हें उत्कृष्ट खेती के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है.

वर्टिकल फार्मिंग की जानकारी देते किसान.
किसान चुन रहे हैं खेती की नई तकनीक

हाथरस के गांव नगला मोती राय के किसान श्याम सुंदर शर्मा और उनके बेटे अमित शर्मा वर्टिकल फार्मिंग यानी खड़ी खेती कर रहे हैं. इसमें बांस लगाकर तारबंदी के बाद धागे बांधकर उस पर बेल चढ़ाकर खेती की जाती है. इस बार उन्होंने प्रयोग के तौर पर तीन बीघे में करेले की वर्टिकल फार्मिंग की है. उनकी फसल पूरी तरह ऑर्गेनिक है, जिसमें उन्होंने किसी तरह के रासायन का प्रयोग नहीं किया है.

पेशे से शिक्षक रहे श्याम सुंदर शर्मा रिटायरमेंट के बाद अब अपने बेटे के साथ खेती में रुचि ले रहे हैं. अपनी इस वर्टिकल खेती को उन्होंने एक प्रैक्टिकल बताया है. जिसका नतीजी काफी सुखद रहा है.

ये भी पढ़ें:-दिवाली पर उम्मीदों के दीया तले कुम्हारों की दिवाली

अमित शर्मा बताते हैं-

इस खेती में फल जमीन पर टच नहीं करता है, जिससे वह खराब नहीं होता है. फसल की क्वालिटी अच्छी मिलती है. यह खेती उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से सीखी है.

श्यामसुंदर शर्मा बताते हैं-

मैंने यह प्रैक्टिकल किया है. मेरी फसल अच्छी हुई है और अच्छा लाभ भी मिल रहा है. मैंने किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग इस खेती में नहीं किया है.

श्री शर्मा प्रगतिशील किसान हैं. वह नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. उन्हें विभाग की ओर से पुरस्कृत भी किया जाता रहा है. इनका उत्पाद देखने से लगता है कि यह गुणवत्ता पूर्वक तैयार कर रहे हैं. इनके आसपास के किसान भी इनसे प्रेरित होकर धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती अपना रहे हैं.
-एच.एन. सिंह, उप कृषि निदेशक

हाथरस: जनपद में किसान पिता-पुत्र ने अपने खेत में वर्टिकल फार्मिंग कर करेले की पैदावार की है, जिसकी मंडी में अच्छी मांग चल रही है. इन्हें उत्कृष्ट खेती के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है.

वर्टिकल फार्मिंग की जानकारी देते किसान.
किसान चुन रहे हैं खेती की नई तकनीक

हाथरस के गांव नगला मोती राय के किसान श्याम सुंदर शर्मा और उनके बेटे अमित शर्मा वर्टिकल फार्मिंग यानी खड़ी खेती कर रहे हैं. इसमें बांस लगाकर तारबंदी के बाद धागे बांधकर उस पर बेल चढ़ाकर खेती की जाती है. इस बार उन्होंने प्रयोग के तौर पर तीन बीघे में करेले की वर्टिकल फार्मिंग की है. उनकी फसल पूरी तरह ऑर्गेनिक है, जिसमें उन्होंने किसी तरह के रासायन का प्रयोग नहीं किया है.

पेशे से शिक्षक रहे श्याम सुंदर शर्मा रिटायरमेंट के बाद अब अपने बेटे के साथ खेती में रुचि ले रहे हैं. अपनी इस वर्टिकल खेती को उन्होंने एक प्रैक्टिकल बताया है. जिसका नतीजी काफी सुखद रहा है.

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अमित शर्मा बताते हैं-

इस खेती में फल जमीन पर टच नहीं करता है, जिससे वह खराब नहीं होता है. फसल की क्वालिटी अच्छी मिलती है. यह खेती उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से सीखी है.

श्यामसुंदर शर्मा बताते हैं-

मैंने यह प्रैक्टिकल किया है. मेरी फसल अच्छी हुई है और अच्छा लाभ भी मिल रहा है. मैंने किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग इस खेती में नहीं किया है.

श्री शर्मा प्रगतिशील किसान हैं. वह नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. उन्हें विभाग की ओर से पुरस्कृत भी किया जाता रहा है. इनका उत्पाद देखने से लगता है कि यह गुणवत्ता पूर्वक तैयार कर रहे हैं. इनके आसपास के किसान भी इनसे प्रेरित होकर धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती अपना रहे हैं.
-एच.एन. सिंह, उप कृषि निदेशक

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एंकर- तकनीक के साथ तरीके से किसी काम को किया जाए तो उसमें तरक्की जरूर होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हाथरस में किसान पिता-पुत्र ने। जिन्होंने अपने खेत में वर्टिकल फार्मिंग कर करेले की पैदावार की है।जिसकी मंडी में अच्छी मांग चल रही है ।उत्कृष्ट खेती के लिए इन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है।


Body:वीओ1- हाथरस के गांव नगला मोती राय के पिता श्याम सुंदर शर्मा और बेटा अमित शर्मा वर्टिकल फार्मिंग यानी खड़ी खेती कर रहे हैं।जिसमें बांस लगाकर तारबंदी के बाद धागे बांध का उस पर बेल चढ़ाकर खेती की जाती है। इस बार उन्होंने प्रयोग के तौर पर तीन बीघा में वर्टिकल फार्मिंग की है। जिसमें उन्होंने करेले की फसल उगाई है।उनकी फसल पूरी तरह ऑर्गेनिक है।जिसमें उन्होंने किसी तरह के रासायनिक का प्रयोग नहीं किया है।अमित शर्मा ने बताया कि इस खेती में फल जमीन पर टच नहीं करता है जिससे वह खराबी नहीं होता है। फसल की क्वालिटी अच्छी मिलती है ।अमित ने बताया कि यह खेती उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से सीखी है।वहीं उनके पिता श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि उन्होंने यह प्रैक्टिकल किया है। उनकी फसल अच्छी हुई है और उन्हें अच्छा लाभ भी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी भी तरह केमिकल का प्रयोग इस खेती में नहीं किया है। उप कृषि निदेशक ने बताया कि श्री शर्मा प्रगतिशील किसान हैं। वह नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। उन्हें विभाग की ओर से पुरस्कृत भी किया जाता रहा है ।इनका उत्पाद देखने से लगता है कि यह गुणवत्ता पूर्वक तैयार कर रहे हैं। इनके आसपास के किसान भी इनसे प्रेरित होकर धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती अपना रहे हैं।
बाईट1-अमित शर्मा-किसान पुत्र
बाईट2-श्याम सुंदर शर्मा-किसान
बाईट3-एच एन सिंह-उप कृषि निदेशक


Conclusion:वीओ2- पिता श्याम सुंदर शिक्षक थे जो रिटायर होने के बाद खेती में रुचि ले रहे हैं। वहीं उनका का बेटा अमित भी शिक्षक है सरकारी सेवा में होने के बाद भी वह उनका हाथ बंटाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता है।

अतुल नारायण
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