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हाथरस दुष्कर्म मामला: परिवार की सुरक्षा अब सीआरपीएफ के हवाले

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में युवती के परिवार और गवाहों की सुरक्षा रविवार से सीआरपीएफ के हवाले कर दी गई है. इसके बाद अब युवती के घर और उसके आसपास सीआरपीएफ के जवानों का कड़ा पहरा रहेगा.

सीआरपीएफ जवान.
सीआरपीएफ जवान.
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Published : Nov 1, 2020, 6:52 PM IST

हाथरस: जिले के चंदपा कोतवाली क्षेत्र में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद युवती के परिवार और गवाहों की सुरक्षा रविवार से सीआरपीएफ के हवाले कर दी गई है. रामपुर से कमांडेंट मनमोहन सिंह के साथ आयी सीआरपीएफ की 239वीं बटालियन की एक कंपनी के 80 जवानों ने परिवार की सुरक्षा की कमान संभाल ली है.

अब युवती के घर और उसके आसपास सीआरपीएफ के जवानों का कड़ा पहरा रहेगा. वहीं पीड़ित परिवार के घर की छत पर भी जवानों की तैनाती की गई हैं. शनिवार को सीआएपीएफ के कमांडेंट ने गांव आकर सुरक्षा का खाका खींचा था. सीआरपीएफ जवानों के ठहरने का इंतजाम गांव रोहई के एक विद्यालय में किया गया है.

अभी तक सिविल पुलिस और पीएसी के जिम्मे थी सुरक्षा
अब से करीब एक महीने पहले से युवती के परिवार की सुरक्षा सिविल पुलिस और पीएसी के जवानों के हवाले थी. युवती के घर से लेकर गांव तक पीएसी और पुलिस के जवान तैनात थे. यहां तक कि हाईवे से गांव तक जाने वाले रास्ते पर भी पुलिस की तैनाती थी. वहीं अब रविवार से पीड़ित परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए सीआरपीएफ ने कमान संभाल ली है.

यह था मामला
14 सितंबर को हाथरस की चंदपा कोतवाली के एक गांव में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह मामला सुर्खियों में है.

हाथरस: जिले के चंदपा कोतवाली क्षेत्र में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद युवती के परिवार और गवाहों की सुरक्षा रविवार से सीआरपीएफ के हवाले कर दी गई है. रामपुर से कमांडेंट मनमोहन सिंह के साथ आयी सीआरपीएफ की 239वीं बटालियन की एक कंपनी के 80 जवानों ने परिवार की सुरक्षा की कमान संभाल ली है.

अब युवती के घर और उसके आसपास सीआरपीएफ के जवानों का कड़ा पहरा रहेगा. वहीं पीड़ित परिवार के घर की छत पर भी जवानों की तैनाती की गई हैं. शनिवार को सीआएपीएफ के कमांडेंट ने गांव आकर सुरक्षा का खाका खींचा था. सीआरपीएफ जवानों के ठहरने का इंतजाम गांव रोहई के एक विद्यालय में किया गया है.

अभी तक सिविल पुलिस और पीएसी के जिम्मे थी सुरक्षा
अब से करीब एक महीने पहले से युवती के परिवार की सुरक्षा सिविल पुलिस और पीएसी के जवानों के हवाले थी. युवती के घर से लेकर गांव तक पीएसी और पुलिस के जवान तैनात थे. यहां तक कि हाईवे से गांव तक जाने वाले रास्ते पर भी पुलिस की तैनाती थी. वहीं अब रविवार से पीड़ित परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए सीआरपीएफ ने कमान संभाल ली है.

यह था मामला
14 सितंबर को हाथरस की चंदपा कोतवाली के एक गांव में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह मामला सुर्खियों में है.

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