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हाथरस: 22 शादीशुदा महिलाएं ले रही थीं विधवा पेंशन, अब होगी रिकवरी

हाथरस के हसायन ब्लॉक की ग्राम पंचायत पोरा में 22 शादीशुदा महिलाएं कागजों में विधवा बनकर विधवा पेंशन का लाभ ले रही थीं. जांच के बाद अधिकारियों द्वारा सभी अपात्र महिलाओं की पेंशन रोक दी गई है और उन्हें नोटिस जारी किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही रिकवरी की कार्रवाई भी की जाएगी.

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डीके सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी.
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Published : Dec 31, 2019, 7:28 AM IST

हाथरस: जिले हसायन ब्लॉक में विधवा पेंशन में फर्जीवाड़ा सामने आया है. दरअसल विधवा पेंशन के लाभार्थियों की जांच अधिकारियों द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है. इस वर्ष अधिकारियों ने जब जांच की तो फर्जीवाड़ा सामने आया. 22 शादीशुदा महिलाएं कागजों में विधवा बनकर विधवा पेंशन का लाभ ले रही थीं.

विधवा पेंशन में पाया गया फर्जीवाड़ा.

यह सभी महिलाएं एक ही गांव की हैं और अपने पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर विधवा पेंशन ले रही थी. फिलहाल सभी अपात्र महिलाओं की पेंशन रोक दी गई है और उन्हें नोटिस जारी किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही रिकवरी की कार्रवाई भी की जाएगी.

हसायन ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोरा में 450 लाभार्थियों को विधवा पेंशन दी जा रही थी. इन आंकड़ों पर अधिकारियों ने जब संदेह जताया और प्रति वर्ष की भांति अप्रैल में जब इसकी जांच कराई गई तो जांच में पता चला कि गांव की 22 शादीशुदा महिलाएं कागजों में विधवा बनकर विधवा पेंशन का लाभ ले रही थीं.

इसे भी पढ़ें: राज्यपाल ने नैमिषारण्य के दर्शनीय स्थलों का किया भ्रमण, पुरोहितों ने दी जानकारी

प्रत्येक वर्ष अप्रैल में विधवा पेंशन के लाभार्थियों की सूची निकालकर हम लोग संबंधित ब्लॉक को सत्यापन के लिए भेजते हैं. प्रायः यह होता है कि कुछ महिलाओं की मृत्यु हो जाती है या गांव छोड़ कर चली जाती हैं. उनकी पेंशन रोकनी होती है. जब जांच में सत्यापन आता है तब पता चलता है कि कितने पात्र हैं या कितने अपात्र हैं और कितने मृत हैं. पिछली अप्रैल में जब जांच कराई गई तो पोरा गांव से ऐसे 22 लाभार्थियों का चिन्हांकन हुआ जो अपात्रता की श्रेणी में थी. अर्थात उनके पति जीवित थे और उन्होंने पेंशन का लाभ लिया.
-डीके सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी

हाथरस: जिले हसायन ब्लॉक में विधवा पेंशन में फर्जीवाड़ा सामने आया है. दरअसल विधवा पेंशन के लाभार्थियों की जांच अधिकारियों द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है. इस वर्ष अधिकारियों ने जब जांच की तो फर्जीवाड़ा सामने आया. 22 शादीशुदा महिलाएं कागजों में विधवा बनकर विधवा पेंशन का लाभ ले रही थीं.

विधवा पेंशन में पाया गया फर्जीवाड़ा.

यह सभी महिलाएं एक ही गांव की हैं और अपने पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर विधवा पेंशन ले रही थी. फिलहाल सभी अपात्र महिलाओं की पेंशन रोक दी गई है और उन्हें नोटिस जारी किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही रिकवरी की कार्रवाई भी की जाएगी.

हसायन ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोरा में 450 लाभार्थियों को विधवा पेंशन दी जा रही थी. इन आंकड़ों पर अधिकारियों ने जब संदेह जताया और प्रति वर्ष की भांति अप्रैल में जब इसकी जांच कराई गई तो जांच में पता चला कि गांव की 22 शादीशुदा महिलाएं कागजों में विधवा बनकर विधवा पेंशन का लाभ ले रही थीं.

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प्रत्येक वर्ष अप्रैल में विधवा पेंशन के लाभार्थियों की सूची निकालकर हम लोग संबंधित ब्लॉक को सत्यापन के लिए भेजते हैं. प्रायः यह होता है कि कुछ महिलाओं की मृत्यु हो जाती है या गांव छोड़ कर चली जाती हैं. उनकी पेंशन रोकनी होती है. जब जांच में सत्यापन आता है तब पता चलता है कि कितने पात्र हैं या कितने अपात्र हैं और कितने मृत हैं. पिछली अप्रैल में जब जांच कराई गई तो पोरा गांव से ऐसे 22 लाभार्थियों का चिन्हांकन हुआ जो अपात्रता की श्रेणी में थी. अर्थात उनके पति जीवित थे और उन्होंने पेंशन का लाभ लिया.
-डीके सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी

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एंकर- हाथरस में विधवा पेंशन में फर्जीवाड़ा सामने आया है दरअसल विधवा पेंशन के लाभार्थियों की जांच अधिकारियों द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है इस वर्ष अधिकारियों द्वारा जब जांच की गई तो फर्जीवाड़ा सामने आया है पेंशन पाने के लिए 22 शादीशुदा महिलाएं कागजों में विधवा बंद कर विधवा पेंशन का लाभ ले रही थी आपको बता दें कि यह सभी महिलाएं एक ही गांव की है और अपने पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर विधवा पेंशन ले रही थी फिलहाल अधिकारियों द्वारा सभी अपात्र महिलाओं की पेंशन रोक दी गई है और उन्हें नोटिस जारी किया गया है अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही रिकवरी की कार्यवाही भी की जाएगी।


Body:वीओ- दरअसल आपको बता दें कि जिले में कई योजनाओं में फर्जीवाड़ा सामने आए हैं लेकिन अब जिला प्रोवेशन कार्यालय से मिलने वाली विधवा पेंशन मैं सनसनीखेज खुलासा हुआ है हाथरस के हसायन ब्लॉक की ग्राम पंचायत पूरा में 450 लाभार्थियों को विधवा पेंशन दी जा रही थी इन आंकड़ों पर अधिकारियों ने जब संदेह जताया और प्रति वर्ष की भांति अप्रैल माह में जब इसकी जांच कराई गई तो अब जाकर जांच में पता चला कि गांव की 22 शादीशुदा महिलाएं कागजों में विधवा बनकर विधवा पेंशन का लाभ ले रही थी इन सभी महिलाओं ने अपने सभी दस्तावेजों में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगा रखे थे जोकि इनके पतियों के थे फिलहाल अधिकारियों द्वारा मामले को देखते हुए सभी अपात्र महिलाओं की पेंशन पर रोक लगा दी गई है और सभी अपात्र महिलाओं को नोटिस जारी किया गया है अधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द ही नोटिस का जवाब नहीं दिया जाता है तो सभी विधवा पेंशन का लाभ लेने वाली अपात्र महिलाओं के खिलाफ रिकवरी के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

जब इस मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी डीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष अप्रैल महीने में जो विधवा पेंशन के लाभार्थी होते हैं उनकी सूची निकालकर हम लोग संबंधित ब्लॉक को भेजते हैं सत्यापन के लिए प्रायः यह होता है कि कुछ महिलाएं मृत्यु हो जाती है या गांव छोड़ कर चली जाती है उनकी पेंशन रोकनी होती है जब जांच में सत्यापन आता है तब पता चलता है कि कितने पात्र हैं या कितने अपात्र हैं और कितने मृत हैं पिछली अप्रैल में जब जांच कराई गई तो पोरा गांव से ऐसे 22 लाभार्थियों का चिन्हाकन हुआ जो अ पात्रता की श्रेणी में थी अर्थात उनके पति जीवित थे और उन्होंने पेंशन का लाभ लिया तत्काल प्रभाव से उनकी पेंशन रोक दी गई है और उनकी क्षतिपूर्ति की कार्यवाही की जा रही है और उनको नोटिस भी जारी किया जा रहा है अगर वह समय के अंतर्गत पैसा वापस नहीं करती हैं तो तो राजस्व वसूली की तरह से उनसे पैसा वसूल किया जाएगा।


बाइट -डीके सिंह -जिला प्रोबेशन अधिकारी हाथरस।


Conclusion:हाथरस में विधवा पेंशन ने फर्जीवाड़ा आया सामने एक ही गांव की 22 शादीशुदा महिलाएं ले रही थी विधवा पेंशन का लाभ जांच में हुआ सनसनीखेज खुलासा अधिकारियों ने सभी अपात्र महिलाओं की विधवा पेंशन पर लगाई रोक किया नोटिस जारी लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र कहां से जारी हुए और क्या कोई रैकेट फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा है या अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं मैं पलीता लगाया जा रहा है।
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