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बदहाली के आंसू रो रहा सांसद का गोद लिया गांव, ग्रामीणों की बढ़ गईं परेशानियां

ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद ने विकास के नाम पर ग्रामीणों को केवल ठगा है. जनता जान चुकी है विकास के नाम पर गांव में एक ईंट तक नहीं लगी है.

बदहाली के आंसू रो रहा सांसद का गोद लिया गांव
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Published : Apr 2, 2019, 9:08 PM IST

हाथरस : सांसद राजेश दिवाकर के गोद लिए आदर्श गांव में चारों ओर गंदगी के अंबार लगा है. सड़कों पर नालियां बह रही हैं और चिकित्सा सुविधा के नाम पर सरकारी अस्पताल बदहाली के आंसू रो रहा है. ग्रामीणों में सांसद के प्रति भारी आक्रोश है. जब इस मामले में हाथरस के मौजूदा सांसद से बात की गई तो वह कुछ भी कहने से बचते नजर आए.

मामला हाथरस के गांव एवरनपुर का है. इस गांव को हाथरस के सांसद राजेश दिवाकर ने गोद लिया था. जब राजेश दिवाकर ने इस गांव को गोद लिया उस समय वह गांव में पहुंचे और गांव की जनता को सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास की 76 योजनाएं ग्रामीणों को बताईं. उन्हीं योजनाओं के दम पर गांव में विकास कराने की बातें की थीं.

बदहाली के आंसू रो रहा सांसद का गोद लिया गांव

लेकिन चुनाव जीतने के बाद सांसद ने एक बार भी गांव को दोबारा मुड़कर नहीं देखा. विकास की बात तो दूर सांसद ने गांव में योजना के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगवाई. सांसद ने गांव में एक पानी की टंकी तो बनवाई लेकिन उस टंकी से लोगों को सुविधा की जगह असुविधा हो रही है.

ग्रामीणों की मानें तो सांसद ने गांव के बाहर एक टंकी बनवाई और गांव में पाइप लाइन बिछाने के बहाने गांव के सभी रास्ते खुदवा दिए. पाइप लाइन तो बिछा दी गई, लेकिन कर्मचारी आधा-अधूरा काम छोड़कर चले गए. गांव की सड़कों में गड्ढे हो गए हैं, जिनमें पानी भर जाता है और लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है.

हाथरस : सांसद राजेश दिवाकर के गोद लिए आदर्श गांव में चारों ओर गंदगी के अंबार लगा है. सड़कों पर नालियां बह रही हैं और चिकित्सा सुविधा के नाम पर सरकारी अस्पताल बदहाली के आंसू रो रहा है. ग्रामीणों में सांसद के प्रति भारी आक्रोश है. जब इस मामले में हाथरस के मौजूदा सांसद से बात की गई तो वह कुछ भी कहने से बचते नजर आए.

मामला हाथरस के गांव एवरनपुर का है. इस गांव को हाथरस के सांसद राजेश दिवाकर ने गोद लिया था. जब राजेश दिवाकर ने इस गांव को गोद लिया उस समय वह गांव में पहुंचे और गांव की जनता को सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास की 76 योजनाएं ग्रामीणों को बताईं. उन्हीं योजनाओं के दम पर गांव में विकास कराने की बातें की थीं.

बदहाली के आंसू रो रहा सांसद का गोद लिया गांव

लेकिन चुनाव जीतने के बाद सांसद ने एक बार भी गांव को दोबारा मुड़कर नहीं देखा. विकास की बात तो दूर सांसद ने गांव में योजना के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगवाई. सांसद ने गांव में एक पानी की टंकी तो बनवाई लेकिन उस टंकी से लोगों को सुविधा की जगह असुविधा हो रही है.

ग्रामीणों की मानें तो सांसद ने गांव के बाहर एक टंकी बनवाई और गांव में पाइप लाइन बिछाने के बहाने गांव के सभी रास्ते खुदवा दिए. पाइप लाइन तो बिछा दी गई, लेकिन कर्मचारी आधा-अधूरा काम छोड़कर चले गए. गांव की सड़कों में गड्ढे हो गए हैं, जिनमें पानी भर जाता है और लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है.

Intro:up_hathras_01-04-2019_badhali ke anshu ro raha sansad ka god liya gaav_prashant kaushik

एंकर- बदहाली के आंसू रोने पर मजबूर है हाथरस के सांसद का गोद लिया गांव एवरनपुर विकास के नाम पर सांसद ने ग्रामीणों को गोद लेने पर 76 योजनाएं गिनाई थी और वादा किया था कि गांव का पूर्ण रूप से विकास योजनाओं के द्वारा किया जाएगा लेकिन गांव में एक बार आने के बाद सांसद ने गांव की तरफ पैर भी नहीं किया। वहीं सांसद के गोद लिए आदर्श गांव में चारों ओर गंदगी के अंबार लगे हैं सड़कों पर नालियां बह रही हैं और चिकित्सा सुविधा के नाम पर सरकारी अस्पताल बदहाली के आंसू रो रहा है वहीं आदर्श गांव के ग्रामीणों में सांसद के प्रति भारी आक्रोश है जब इस मामले में हाथरस के मौजूदा सांसद से बात की गई तो वह कुछ भी कहने से बचते नजर आए।


Body:वीओ- जहां एक और चुनाव आने से पहले प्रत्याशी व नेता जनता से विकास के बड़े बड़े वादे करते हैं वहीं जीतने के बाद विकास के वादे धरे के धरे रह जाते हैं ऐसा ही मामला हाथरस के गांव एवरन पुर का है

दरअसल आपको बता दे कि हाथरस का यह एवरनपुर गांव हाथरस के सांसद राजेश दिवाकर द्वारा गोद लिया गांव है जब राजेश दिवाकर ने इस गांव को गोद लिया उस समय वह गांव में पहुंचे और गांव की जनता से सरकार द्वारा चलाई जा रहे हैं विकास की 76 योजनाएं ग्रामीणों को बताएं और उन्हीं योजनाओं के तहत गांव में विकास कराने की बात की ।
लेकिन समय बीत जाने के बाद सांसद का नेता वाला रंग सामने आ गया सांसद ने एक बार जाने के बाद गांव की तरफ मुड़कर भी नहीं देखा विकास की तो बात दूर सांसद ने गांव में एक योजना के सिवा एक ईंट तक नहीं लगवाई, सांसद ने गांव में एक पानी की टंकी तो बनवाई लेकिन उस टंकी से लोगों को सुविधा की जगह असुविधा हो रही है ग्रामीणों की मानें तो सांसद ने गांव में पानी की समस्या का निराकरण करने के लिए गांव के बाहर एक टंकी बनवाई और गांव में पाइप लाइन बिछाने के बहाने गांव के सभी रास्ते खुदवा दिए और पाइप लाइन बिछा दी गई लेकिन आधा अधूरा काम छोड़ कर कार्य करने वाले कर्मचारी नहीं आए और गांव की सड़कें खुदे होने के कारण गड्ढों में तब्दील हो गई जिससे ग्रामीणों को सड़कों पर निकलने पर भी परेशानी हो रही है वहीं ग्रामीणों का आरोप है के सांसद ने विकास के नाम पर ग्रामीणों को केवल ठगा है।
जब इस मामले में गांव के ग्रामीणों से बात की गई तो उनका कहना है कि सांसद राजेश दिवाकर जब पहली बार गांव में आए तो बहुत सारी घोषणाएं की थी और सभी घोषणाओं को बहुत छोटा बताया था और जब से आज तक सांसद महोदय गांव में नहीं आए हैं बड़ी बड़ी बातें की सांसद का सारा ब्यौरा बिलकुल झूठा रहा यह सारी जनता जान चुकी है विकास के नाम पर गांव में एक ईंट तक नहीं लगी है ना सांसद के नाम की कोई पट्टिका गांव में लगी है जब विकास ही नहीं हुआ तो पट्टिका कहां से लगेगी।
जब इस मामले में मौजूदा बीजेपी सांसद राजेश दिवाकर से बात की गई उनसे गोद लिए गांव एवरनपुर के विकास के बारे में पूछा गया तो सांसद कुछ भी कहने से बचते नजर आए।


बाइट-शीलेन्द्र उपाध्याय ( ग्रामीण )
बाइट- ओमप्रकाश पचहरा। ( ग्रामीण )


Conclusion:हाथरस में सांसद के गोद लिए गांव में विकास ना होने के कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश है लेकिन इस बार ग्रामीणों का कहना है जो विकास कर आएगा उसके साथ ग्रामीण खड़े रहेंगे और उसके पक्ष में ही मतदान करेंगे।
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