हाथरसः जिले में पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने टीकाकरण अभियान के तहत वाहन किराए और डीजल में भुगतान को लेकर लाखों रुपये का घोटाला सामने आया है. दरअसल पशुपालन विभाग के 19 अधिकारियों ने टीकाकरण अभियान में लगे वाहनों में 19.45 लाख रुपये का गबन कर डाला.
इसकी शिकायत जब जिलाधिकारी से की गई तो उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए थे. वहीं जांच के बाद कार्रवाई करते हुए जिला अधिकारी ने पशुपालन विभाग के 19 अधिकारियों और कर्मचारियों से 19.45 लाख रुपये वसूलने का आदेश दिया है. जिलाधिकारी की इस कार्रवाई से पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मची हुई है.
डीजल और किराया खर्च के भुगतान में किया गया घोटला
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एमएफडीसीपी के तहत गाड़ियों का किराया और डीजल, मानदेय, यात्रा भत्ता आदि के नाम पर फर्जी भुगतान करने की शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी. शिकायत पर जिलाधिकारी ने पीडी डीआरडीए की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की. जांच आख्या में डीएम ने सीडीओ को धनराशि के दुरूपयोग की स्थिति को स्पष्ट किए जाने के निर्देश दिए थे.
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अधिकारियों को माना गया उत्तरदायी
जांच के बाद रिपोर्ट में सामने आया कि वाहनों को किराए के रूप में 13.68 लाख तथा डीजल पर 5.77 लाख रुपये की सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया गया है. इस मामले में वर्ष 2008-09 से वर्ष 2017-18 तक के कार्यकाल में तैनात रहे मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और सहायक लेखाकार को अनियमित भुगतान के लिए उत्तरदायी माना गया.
जांच कमेटी में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों से दुरुपयोग की गई धनराशि पर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है. साथ ही इस मामले में 19 अधिकारियों और कर्मचारियों से 19. 45 लाख रुपये की वसूली किए जाने के निर्देश दिए हैं. वहीं जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव पशुधन विभाग को पत्र भी लिखा है.