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ओमिक्रोन की दस्तक के बीच सरकारी अस्पतालों में अब भी तैयारियां पूरी नहीं, जानें क्या कहते हैं अधिकारी

लखनऊ से आए स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुधीर कुमार यादव ने पीकू वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट व करोना की जांच के लिए हाल ही में तैयार हुई बीएसएल-2 लैब का निरीक्षण किया. निरीक्षण में उन्हें कुछ कमियां मिलीं हैं. बताया कि इन कमियों को जल्द दूर करने को कहा गया है.

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुधीर कुमार यादव
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुधीर कुमार यादव
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Published : Dec 17, 2021, 7:44 PM IST

हाथरस : कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के दस्तक देने के बाद जहां स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं अब विभाग की बदइंतजामी भी खुलकर सामने आने लगी है.

शुक्रवार को लखनऊ से आकर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने कोविड हॉस्पिटल व पीकू वार्ड का निरीक्षण करने के साथ ही ऑक्सीजन प्लांट व बीएसएल-2 लैब का निरीक्षण किया. इस दौरान कई कमियां पाई गईं जिन्हें लेकर अधिकारी ने खासी नाराजगी व्यक्त की.

जानकारी के अनुसार लखनऊ से आए स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुधीर कुमार यादव ने पीकू वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट व करोना की जांच के लिए हाल ही में तैयार हुई बीएसएल-2 लैब का निरीक्षण किया. निरीक्षण में उन्हें कुछ कमियां मिलीं हैं. बताया कि इन कमियों को जल्द दूर करने को कहा गया है.

उन्होंने जानकारी दी कि अचानक आने वाली आपदा से जनता को संभाला जा सके, उसके लिए हमारे चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन की टीम कार्यरत है. संयुक्त निदेशक ने बताया कि ओमिक्रोन को लेकर केंद्र स्तर पर तैयारियों की समीक्षा की जा रही है.

यह भी पढ़ें : यूपी में जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट का रास्ता साफ, केजीएमयू में बनेगी लैब

पूरे देश में अभी इसके कम केस आए हैं. विदेशों से आने वाले लोगों की और खासकर वाया एयर आने वालों की जांच कराई जा रही है. बताया कि आगरा नगरी में विदेशी पर्यटकों का आवागमन बना रहता है. वह आसपास के जिलों में भी भ्रमण करते हैं लेकिन उनसे अभी ज्यादा खतरा नहीं है.

ओमिक्रोन को उन्होंने अधिक खतरनाक नहीं बताया. कहा कि विश्व में इससे बहुत कम मृत्यु रिपोर्ट दर्ज की गई है. हालांकि यह कोरोना का वेरिएंट जरूर है. बताया कि सरकारी स्तर पर सारी तैयारियां पूरी हैं. हमारे यहां मरीज को भर्ती करने व इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

मैन पावर के संबंध में उन्होंने कहा कि मैन पावर की कमी है. सरकार इसे पूरा करने के प्रयास में लगी हुई है. उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों खासकर दूरदराज के इलाकों में स्पेशलिस्ट भेजे जा रहे हैं. करीब एक हजार डॉक्टर प्रदेश को मिल चुके हैं. आने वाले समय में कमीशन से चुनकर और डॉक्टर आ रहे हैं.

यूपी में 16 हजार बूथों पर 12 लाख को लगी वैक्सीन की डोज़

यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जारी है. शुक्रवार को 16 हजार बूथों पर 12 लाख से अधिक डोज़ लगाई गईं. यहां कुल डोज़ की तादाद 18 करोड़ से अधिक हो गयी है.

18 वर्ष से ऊपर की 81.40 फीसद आबादी को पहली डोज़ लग गई है. 41.25 फीसद को दूसरी डोज़ लग गई. वहीं यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों को घर-घर खोज की जा रही है. पहली और दूसरी डोज़ के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज़ लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज़ देने के निर्देश दिए गए हैं.

यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया. इसमें दूसरी डोज़ लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैंप व घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाक़ों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज़ लगाई गई है. उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज़ भी लगाई जा रही हैं. मौके पर ही पंजीकरण हो रहा है.

शुक्रवार को 16, 316 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 16,262 सरकारी व 64 निजी केंद्र बनाए गए हैं. यूपी में कुल डोज़ अब 18 करोड़ 41 लाख से ज्यादा लग गई. वहीं दूसरी डोज़ लेने वालों की तादाद 6 करोड़ 27 लाख पार कर गई. पहली डोज़ 12 करोड़ 12 लाख से ज्यादा को लगी.

दिसम्बर में डोज़ लगाने पर रहेगा जोर

राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया. वहीं, 21 जून से हेल्थ टीम ने आठ लाख तक रोज डोज़ लगाना शुरू किया.

ऐसे में जून में एक करोड़ डोज़ लगाने का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया गया. जुलाई में हर रोज 10 लाख डोज़ लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज़ नहीं मिली.

ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन नहीं लग पाईं. वहीं 3 अगस्त को मेगा कैंप लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया. इस दौरान 29 लाख 50 से अधिक को टीका लगाया गया.

वहीं 16 अगस्त को 23 लाख 67 हजार से अधिक को टीका लगाया गया. 27 अगस्त को 'बिग वैक्सीनेशन डे' मनाया गया. इसमें 11 हजार से ज्यादा केंद्र बनाए गए. इसमें 30 लाख 686 डोज़ लगाने के रिकॉर्ड बना. अगस्त में दो करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया.

इसके बाद 6 सितंबर को 33 लाख 42 हजार 360 को डोज़ लगी. सितंबर में 3 करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था. मगर इस दौरान एक करोड़ 55 लाख ही डोज़ लग सकीं. वहीं, अब 31 दिसंबर तक सभी को पहली डोज़ लगाने का लक्ष्य तय किया गया.

हाथरस : कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के दस्तक देने के बाद जहां स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं अब विभाग की बदइंतजामी भी खुलकर सामने आने लगी है.

शुक्रवार को लखनऊ से आकर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने कोविड हॉस्पिटल व पीकू वार्ड का निरीक्षण करने के साथ ही ऑक्सीजन प्लांट व बीएसएल-2 लैब का निरीक्षण किया. इस दौरान कई कमियां पाई गईं जिन्हें लेकर अधिकारी ने खासी नाराजगी व्यक्त की.

जानकारी के अनुसार लखनऊ से आए स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुधीर कुमार यादव ने पीकू वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट व करोना की जांच के लिए हाल ही में तैयार हुई बीएसएल-2 लैब का निरीक्षण किया. निरीक्षण में उन्हें कुछ कमियां मिलीं हैं. बताया कि इन कमियों को जल्द दूर करने को कहा गया है.

उन्होंने जानकारी दी कि अचानक आने वाली आपदा से जनता को संभाला जा सके, उसके लिए हमारे चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन की टीम कार्यरत है. संयुक्त निदेशक ने बताया कि ओमिक्रोन को लेकर केंद्र स्तर पर तैयारियों की समीक्षा की जा रही है.

यह भी पढ़ें : यूपी में जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट का रास्ता साफ, केजीएमयू में बनेगी लैब

पूरे देश में अभी इसके कम केस आए हैं. विदेशों से आने वाले लोगों की और खासकर वाया एयर आने वालों की जांच कराई जा रही है. बताया कि आगरा नगरी में विदेशी पर्यटकों का आवागमन बना रहता है. वह आसपास के जिलों में भी भ्रमण करते हैं लेकिन उनसे अभी ज्यादा खतरा नहीं है.

ओमिक्रोन को उन्होंने अधिक खतरनाक नहीं बताया. कहा कि विश्व में इससे बहुत कम मृत्यु रिपोर्ट दर्ज की गई है. हालांकि यह कोरोना का वेरिएंट जरूर है. बताया कि सरकारी स्तर पर सारी तैयारियां पूरी हैं. हमारे यहां मरीज को भर्ती करने व इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

मैन पावर के संबंध में उन्होंने कहा कि मैन पावर की कमी है. सरकार इसे पूरा करने के प्रयास में लगी हुई है. उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों खासकर दूरदराज के इलाकों में स्पेशलिस्ट भेजे जा रहे हैं. करीब एक हजार डॉक्टर प्रदेश को मिल चुके हैं. आने वाले समय में कमीशन से चुनकर और डॉक्टर आ रहे हैं.

यूपी में 16 हजार बूथों पर 12 लाख को लगी वैक्सीन की डोज़

यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जारी है. शुक्रवार को 16 हजार बूथों पर 12 लाख से अधिक डोज़ लगाई गईं. यहां कुल डोज़ की तादाद 18 करोड़ से अधिक हो गयी है.

18 वर्ष से ऊपर की 81.40 फीसद आबादी को पहली डोज़ लग गई है. 41.25 फीसद को दूसरी डोज़ लग गई. वहीं यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों को घर-घर खोज की जा रही है. पहली और दूसरी डोज़ के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज़ लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज़ देने के निर्देश दिए गए हैं.

यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया. इसमें दूसरी डोज़ लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैंप व घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाक़ों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज़ लगाई गई है. उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज़ भी लगाई जा रही हैं. मौके पर ही पंजीकरण हो रहा है.

शुक्रवार को 16, 316 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 16,262 सरकारी व 64 निजी केंद्र बनाए गए हैं. यूपी में कुल डोज़ अब 18 करोड़ 41 लाख से ज्यादा लग गई. वहीं दूसरी डोज़ लेने वालों की तादाद 6 करोड़ 27 लाख पार कर गई. पहली डोज़ 12 करोड़ 12 लाख से ज्यादा को लगी.

दिसम्बर में डोज़ लगाने पर रहेगा जोर

राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया. वहीं, 21 जून से हेल्थ टीम ने आठ लाख तक रोज डोज़ लगाना शुरू किया.

ऐसे में जून में एक करोड़ डोज़ लगाने का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया गया. जुलाई में हर रोज 10 लाख डोज़ लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज़ नहीं मिली.

ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन नहीं लग पाईं. वहीं 3 अगस्त को मेगा कैंप लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया. इस दौरान 29 लाख 50 से अधिक को टीका लगाया गया.

वहीं 16 अगस्त को 23 लाख 67 हजार से अधिक को टीका लगाया गया. 27 अगस्त को 'बिग वैक्सीनेशन डे' मनाया गया. इसमें 11 हजार से ज्यादा केंद्र बनाए गए. इसमें 30 लाख 686 डोज़ लगाने के रिकॉर्ड बना. अगस्त में दो करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया.

इसके बाद 6 सितंबर को 33 लाख 42 हजार 360 को डोज़ लगी. सितंबर में 3 करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था. मगर इस दौरान एक करोड़ 55 लाख ही डोज़ लग सकीं. वहीं, अब 31 दिसंबर तक सभी को पहली डोज़ लगाने का लक्ष्य तय किया गया.

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