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हक के लिए अहेरिया समाज ने भरी हुंकार, कहा- बिना आंदोलन के कुछ नहीं होने वाला

हाथरस में अहेरिया समाज के लोगों ने हक के लिए आवाज बुलंद की. सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. बैठक को लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क रहा. पोरा रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल मुस्तैद रहा.

हाथरस में अहेरिया समाज की बैठक.
हाथरस में अहेरिया समाज की बैठक.
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Published : Jun 18, 2023, 6:58 PM IST

हाथरस में अहेरिया समाज की बैठक.

हाथरस : जाति सूची में सूचीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर अहेरिया समाज के पदाधिकारियों ने जिले के गांव पुरा खुर्द में रविवार को बैठक की. इसमें प्रदेश भर से आए समाज के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में समाज के लोग दो मतों में बटे दिखाई दिए. कुछ का मानना था कि वह सरकार को बिना नुकसान पहुंचाए आंदोलन करेंगे, जबकि कुछ का मानना था कि जब तक दिल्ली-हावड़ा ट्रेन नहीं रोकी जाएगी, कुर्बानी नहीं दी जाएगी, तब तक समाज का भला नहीं होगा. वहीं इस बैठक को लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क रहा. पोरा रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल मुस्तैद रहा. इसके अलावा पुरा खुर्द में पुलिस कर्मी तैनात दिखाई दिए.

रविवार सुबह से ही हाथरस जंक्शन क्षेत्र के पोरा रेलवे स्टेशन और गांव पोरा कला, पोरा खुर्द में अफरा-तफरी का माहौल रहा. अहेरिया समाज के लोगों द्वारा मीटिंग किए जाने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन ने सक्रियता बरती. दरअसल 16 दिसंबर 2021 को अहेरिया समाज के लोगों ने खुद को सूचीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया था. उन्होंने दिल्ली-हावड़ा ट्रैक घंटों जाम रखा था. रविवार को गांव पोरा खुर्द में शुरू हुई अहेरिया समाज की बैठक सुबह से दोपहर बाद तक चली. बैठक में प्रदेश के करीब सभी जिले से आए पदाधिकारियों ने अपनी- अपनी बातें रखी.

पोरा खुर्द के ग्राम प्रधान धर्मपाल सिंह ने कहा कि कई बार लिखित व मौखिक रूप से सरकार को अवगत कराया गया. प्रदर्शन, आंदोलन भी किए गए, मुख्यमंत्री आश्वासन भी दे चुके हैं, इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हम केवल सूचीबद्ध होना चाहते हैं, यदि सरकार हमें हमारे अधिकार नहीं देगी तो हम 2024 में इनके विरोध में जाएंगे.

अखिल भारतीय अहिल्या महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष छत्रपाल ने कहा कि अहेरिया समाज के पूरे प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. हम उत्तर प्रदेश की किसी भी सूची में सूचीबद्ध नहीं हैं, सरकार हमारी जायज मांगों को नहीं सुन रही है. आज हमने यह बैठक आयोजित की है. हम सब दिल्ली में धरना दे सकते हैं, लखनऊ में धरना दे सकते हैं, लेकिन सरकार को नुकसान पहुंचाने वाला कोई काम नहीं करेंगे.

वहीं युवा अहेरिया समाज सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह अहेरिया ने कहा कि हमने कई आंदोलन कर लिए, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी. हम कहां जाएं, तीन बार मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब तक यह समाज आंदोलन नहीं करेगा तब तक कुछ नहीं होने वाला है.

यह भी पढ़ें : गायों के उचित इलाज की बात कहते ही भड़के चिकित्सक, पानी की टंकी पर चढ़े दो गौ रक्षक

हाथरस में अहेरिया समाज की बैठक.

हाथरस : जाति सूची में सूचीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर अहेरिया समाज के पदाधिकारियों ने जिले के गांव पुरा खुर्द में रविवार को बैठक की. इसमें प्रदेश भर से आए समाज के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में समाज के लोग दो मतों में बटे दिखाई दिए. कुछ का मानना था कि वह सरकार को बिना नुकसान पहुंचाए आंदोलन करेंगे, जबकि कुछ का मानना था कि जब तक दिल्ली-हावड़ा ट्रेन नहीं रोकी जाएगी, कुर्बानी नहीं दी जाएगी, तब तक समाज का भला नहीं होगा. वहीं इस बैठक को लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क रहा. पोरा रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल मुस्तैद रहा. इसके अलावा पुरा खुर्द में पुलिस कर्मी तैनात दिखाई दिए.

रविवार सुबह से ही हाथरस जंक्शन क्षेत्र के पोरा रेलवे स्टेशन और गांव पोरा कला, पोरा खुर्द में अफरा-तफरी का माहौल रहा. अहेरिया समाज के लोगों द्वारा मीटिंग किए जाने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन ने सक्रियता बरती. दरअसल 16 दिसंबर 2021 को अहेरिया समाज के लोगों ने खुद को सूचीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया था. उन्होंने दिल्ली-हावड़ा ट्रैक घंटों जाम रखा था. रविवार को गांव पोरा खुर्द में शुरू हुई अहेरिया समाज की बैठक सुबह से दोपहर बाद तक चली. बैठक में प्रदेश के करीब सभी जिले से आए पदाधिकारियों ने अपनी- अपनी बातें रखी.

पोरा खुर्द के ग्राम प्रधान धर्मपाल सिंह ने कहा कि कई बार लिखित व मौखिक रूप से सरकार को अवगत कराया गया. प्रदर्शन, आंदोलन भी किए गए, मुख्यमंत्री आश्वासन भी दे चुके हैं, इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हम केवल सूचीबद्ध होना चाहते हैं, यदि सरकार हमें हमारे अधिकार नहीं देगी तो हम 2024 में इनके विरोध में जाएंगे.

अखिल भारतीय अहिल्या महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष छत्रपाल ने कहा कि अहेरिया समाज के पूरे प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. हम उत्तर प्रदेश की किसी भी सूची में सूचीबद्ध नहीं हैं, सरकार हमारी जायज मांगों को नहीं सुन रही है. आज हमने यह बैठक आयोजित की है. हम सब दिल्ली में धरना दे सकते हैं, लखनऊ में धरना दे सकते हैं, लेकिन सरकार को नुकसान पहुंचाने वाला कोई काम नहीं करेंगे.

वहीं युवा अहेरिया समाज सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह अहेरिया ने कहा कि हमने कई आंदोलन कर लिए, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी. हम कहां जाएं, तीन बार मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब तक यह समाज आंदोलन नहीं करेगा तब तक कुछ नहीं होने वाला है.

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