हाथरस: प्रशासन द्वारा खोली गई अस्थाई गौशालाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही है. गौशालाओं में सुविधा के अभाव में गौशालाओं में बंद गोवंशों की लगातार मौतें हो रही हैं. वहीं गोवशों की मौत के बाद प्रशासन की नींद टूटी है और अस्थाई गौशालाओं में बीमार पशुओं की देखरेख के लिए एक निजी अस्पताल का सहारा लिया है. जनपद के अधिकारियों ने बालाजी गौसेवा समिति द्वारा संचालित गो अस्पताल का निरीक्षण कर जिले की अस्थाई गौशालाओं में बंद बीमार पशुओं को अस्पताल में भर्ती कराया है.
जिला प्रशासन ने आवारा जानवरों के लिए जनपद में 25 अस्थाई गौशालाओं का निर्माण कराया था. इन अस्थाई गौशालाओं में पानी की सुविधाओं के अभाव में गोवंशों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. प्रशासन ने जब अस्थाई गौशालाओं की अनदेखी की तो लोगों ने इसकी शिकायत शासन तक पहुंचाई. इसके बाद पशुधन विकास के प्रमुख सचिव ने जिले की अस्थाई गौशालाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को चेतावनी दी कि जल्द अस्थाई गौशालाओं की व्यवस्थाओं को नहीं सुधारा गया तो जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
अस्थाई गौशालाओं में नहीं हो रही है गोवंशों की देख-रेख
- जनपद में अस्थाई गौशालाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही है.
- सुविधा के अभाव में गोवंशों की लगातार मौतें हो रही हैं.
- अधिकारियों ने बालाजी गौसेवा समिति द्वारा संचालित गौ-अस्पताल का निरीक्षण किया.
- अस्थाई गौशालाओं में बंद बीमार पशुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जनपद में विभिन्न स्थानों पर अस्थाई गोशालाएं बनाई गईं हैं. बालाजी गो सेवा समिति द्वारा स्थाई अस्पताल चलाया जा रहा है. इसलिए यहां आकर हमने देखा की किस प्रकार हम उन्हें यहां लाकर उनकी देखरेख कर सकें.
-डॉ. अशोक कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी, हाथरस